विज्ञान

सौरमंडल के बाहर से आया था 2014 में पृथ्वी से टकराने वाला उल्कापिंड

Rani Sahu
22 Jun 2022 12:30 PM GMT
सौरमंडल के बाहर से आया था 2014 में पृथ्वी से टकराने वाला उल्कापिंड
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कुछ साल पहले तक सौरमंडल से बाहर से किसी भी पिंड या वस्तु के आने की खबर नहीं थी

कुछ साल पहले तक सौरमंडल से बाहर से किसी भी पिंड या वस्तु के आने की खबर नहीं थी. साल 2017 में ओमुआमुआ (Oumuamua) को सौरमंडल के बाहर के पहले पिंड (first interstellar object) के रूप में पहचान दी गई थी. लेकिन हाल ही अमेरिकी स्पेस कमांड (USSC) इस इस बात की पुष्टि की है कि इससे पहले साल 2014 में देखा गया उल्कापिंड वास्तव में पहले अंतरतारकीय पिंड यानि सौरमंडल के बाहर से आने वाला पहले पिंड था. रोचक बात यह है कि इसका दावा तीन साल पहले से ही किया जा रहा था लेकिन इसकी पुष्टि के लिए आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे थे.

हो सकी पुष्टि
खुद अमेरिकी स्पेस कमांड ने पुष्टि कर इस विवाद को समाप्त करने का प्रयास किया है. कमांड ने पुष्टि करते हुए कहा कि जनवरी 2014 में जो उल्का पृथ्वी से टकराया था वजह वास्तव में दूसरे सौरमंडल से आया था और इस लिहाज से यह पहला अंतरतारकीय पिंड कहा जा सकता है. कमांड की ओर से यह जानकारी ट्विटर पर दी गई.
दो खगोलविदों के काम को लगी मोहर
हार्वर्ड खगोलविद आमिर सिराज और अब्राहम लोएब ने यह पता लगाया था कि साल 2014 में पृथ्वी से टकाराने वाली चट्टान वास्तव में दूसरे तारे के तंत्र से आई थी. अमेरिकी स्पेस कमांड ने इसी की पुष्टि करने वाला मेमो शेयर किया था. अमेरिकी अंतरिक्ष विभाग ने पाया कि इस उल्का की गति और परिपथ से पता चला है कि इसका स्रोत सौरमंडल से बाहर का था.
5 साल पहले खोजा गया पिंड दूसरे स्थान पर
विभाग ने स्वीकार किया कि 1.5 फुट बड़ा यह पिंड वाकई एक अंतरतारकीय पिंड था. इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐलान से तीन साल पहले घोषित किया पहला अंतरतारकीय पिंड अब दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. ओमुआमुआ नाम के इस पिंड को भी अंतरतारकीय पिंड के रूप में पहचान मिली थी जिसे 2017 में खोजा गया था.
कई परेशानियां आईं
इस लिहाज से अब ओमुआमुआ पिंड दूसरा अंततारकीय पिंड हो गया है जिसने हमारे सौरमंडल में प्रवेश किया है. लेकिन उल्का को अंतरतारकीय पिंड के तौर पर ही पहचान दिलाने में कई दिक्कतें सामने आई थीं. डॉ सिराज और डॉ लोएब ने साल 2019 में इस संबंध में एक शोधपत्र लिखा था जिसमें उन्होंने यह सिद्ध किया था कि इस उल्का का स्रोत हमारे सौरमडंल से बाहर है.
प्राकशित नही हो सका शोधपत्र
उन्होंने अपने पत्र को वैज्ञानिक प्रीप्रिंट सर्वर आर्काइव के लिए प्रेषित भी किया था. इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 99.99 प्रतिशत विश्वास के साथ कहा था कि यह पिंड सौरमंडल के बाहर से ही आया है, लेकिन यह शोधपत्र प्रकाशित नहीं हो सका क्योंकि यह अध्ययन ऐसे आंकड़ों पर निर्भर था जो अमेरिकी रक्षा विभाग के उपयोग के कारण सेंसर किए गए थे.
आते रहते हैं ऐसे बाहरी पिंड
अब पिछले महीने की शुरू में अमेरीकी स्पेस कमांड के प्रमुख वैज्ञानिक जोएल मोजर के हस्ताक्षर युक्त मेमो के कारण अब यह शोधपत्र प्रकाशित हो सकेगा. इस अध्ययन में दोनों खगोलविदों ने गणना कर पता लगाया कि सौरमंडल से बाहर से आने वाले उल्का हर दशक में एक बार आते हैं. उन्होंने कहा कि अभीतक 45 करोड़ से भी ज्यादा ऐसे उल्का पृथ्वी पर आ चुके हैं.
शोधकर्ताओं ने यह भी विश्वास जताया कि ऐसे अंतरतारकीय पिंड एलियन जीवन के प्रमाण भी अपने साथ ला सकते हैं. उन्होंने यह दलील भी दी कि ओमुआमुआ एलियन तकनीक का पिंड भी भी हो सकता है ना कि कोई बाहरी क्षुद्रग्रह. इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि वे देखना चाहेंगे कि क्या महासागरों में से इस उल्कापिंड का कोई टुकड़ा मिल सकता है या नहीं.
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