विज्ञान

धरती पर 3.6 करोड़ साल पहले गिरे उल्कापिंड से बना था सबसे गर्म पत्थर, 4,298 डिग्री तक पहुंच गया था तापमान

Tulsi Rao
20 April 2022 3:02 PM GMT
धरती पर 3.6 करोड़ साल पहले गिरे उल्कापिंड से बना था सबसे गर्म पत्थर, 4,298 डिग्री तक पहुंच गया था तापमान
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैज्ञानिकों ने पृथ्वी पर अब तक के सबसे गर्म पत्थर का पता लगा लिया है। यह कुछ और नहीं, बल्कि हीरे के विकल्प के रूप में जाना जाने वाला जिरकॉन (Zircon) है। जिरकॉन बेहद कठोर होता है। लगभग 3 करोड़ 60 लाख साल पहले एक बड़े उल्कापिंड के टकराने के कारण यह पत्थर गर्म हो गए थे। वैज्ञानिकों का कहना है कि जब उल्कापिंड पृथ्वी से टकराया था उस दौरान तापमान 4,298 डिग्री फ़ारेनहाइट या करीब 2,370 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो लगभग हमारी पृथ्वी की कई अंदरूनी परतों से ज्यादा गर्म है.

यह उल्कापिंड कनाडा के लेब्राडोर में गिरा था, जिसके कारण 28 किमी का क्रेटर बन गया था। इसी वजह से मिस्टास्टिन लेक का निर्माण हुआ था। 2011 में पहली बार जिरक़ॉन वाले पत्थरों की खोज हुई थी। 2017 में भी वैज्ञानिकों ने कहा था कि यह सबसे गर्म पत्थर है। लेकिन नए विश्लेषण के बाद अब इस बात की पुष्टि हो गई है कि यह अब तक मिला सबसे गर्म पत्थर है। पीएचडी के छात्र माइकल ज़ानेटी को मिस्टास्टिन लेक इम्पैक्ट क्रेटर में अध्ययन के दौरान 2011 में कांच का टुकड़ा मिला था।
कांच में मिले ज़िरकॉन
अध्ययन में पता चला कि इसमें छोटे-छोटे ज़िरकॉन थे, जिससे खोजकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि ये पत्थर बहुत ज्यादा गर्म हुए होंगे, क्योंकि ज़िरकॉन काफी गर्म होने पर ही बनते हैं। अलग-अलग तापमान पर जिरकॉन के अलग-अलग आकार होते हैं, जिसे देख कर इस बात का पता चलगाया जा सकता है कि उसका तापमान कितना रहा होगा। इसलिए शोधकर्ताओं को और भी सैपल की जरूरत थी।
कनाडा की वेस्टर्न यूनिवर्सिटी की टीम ने क्रेटर की चार अलग-अलग जगहों से जिरकॉन के सैंपल लिए। अलग-अलग पत्थरों से मिले सैंपल के जरिए यह पता लगाने में भी आसानी हुई कि आखिर उल्कापिंड के टकराने से गर्म हुई पृथ्वी पर किस तरह प्रभाव पड़ा। रिसर्चर्स को क्रेटर से जिरकॉन के अंदर रीडाइट नाम का भी एक खनिज मिला है।


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