विज्ञान

जलवायु परिवर्तन के लिए बजट में प्रावधानों पर टिकी दुनिया की निगाहें

Rani Sahu
1 Feb 2022 3:20 PM GMT
जलवायु परिवर्तन के लिए बजट में प्रावधानों पर टिकी दुनिया की निगाहें
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भारत (India) के केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) पर कई आर्थिक पहलुओं का प्रभाव होता है

भारत (India) के केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) पर कई आर्थिक पहलुओं का प्रभाव होता है. लेकिन क्या इस पर जलवायु परिवर्तन (Climate Change) का भी असर होता दिख रहा है. यह प्रश्न में उन जिज्ञासा में शामिल रहा जो इस बजट से पहले चर्चा में होती रहती हैं. केंद्र सरकार के इस बजट पर देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें रहती हैं. ऐसे में इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने पिटारे से देश के लिए जलवायु परिवर्तन के लिए क्या सौगात ला रही हैं. यह कई लिहाज से महत्वपूर्ण है. भारत ने वैश्विक मंच पर जलवायु के लिए जो ऐलान किए हैं. बजट के प्रावधानों को इस कसौटी पर जरूर कसा जाएगा.

राष्ट्रपति का संबोधन के संकेत
सोमवार को हुई भारतीय संसद से संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर जिम्मेदार वैश्विक आवाज के रूप में उभर रहा है. उसकी महत्वाकांक्षाएं देश की प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता का इम्तिहान हैं. जलवायु परिवर्तन वह चुनौती है जिसका सामना पूरी दुनिया कर रही है. राष्ट्रपति ने इसके लिए भारत सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की तारीफ भी की.
क्या हैं भारत के लक्ष्य
पिछले साल ग्लासगो में हुए जलवायु सम्मेलन में भारत ने ऐलान किया था कि वह साल 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर लेगा और साल 2030 तक वह अपने उत्सर्जन तीव्रता को उत्सर्जन प्रति ईकाई जीडीपी के लिहाज से कम से कम 45 प्रतिशत तक कम कर देगा. इस बजट के प्रवाधानों को इन्हीं लक्ष्यों के लिहाज से देखा जा रहा है.
बजट को लेकर प्रमुख सवाल
कुछ अहम सवाल हैं जिन पर खास ध्यान देने की जरूरत है. भारत की आर्थिक उन्नति और जलवायु लक्ष्य दोनों एक साथ मिल कर कितनी दूर और कैसे चल सकते हैं और इस बजट के प्रवाधान इसे कितना प्रभावित कर रहे हैं. जलवायु परिवर्तन और उससे संबंधित समस्याओं का बजट और नियोजन में कितना शामिल किया जा रहा है. क्या जलवायु को ध्यान में रख कर किया गया निवेश भारत के बजट को फायदा पहुंचाने के स्थिति में है या नहीं.
पर्यावरण के लिए प्रतिबद्धता
इस बार वित्तमंत्री ने अपने बजट देश के पर्यावरण को बेहतर करने की प्रतिबद्धता को जारी रखने के प्रयासों पर जोर देने का संकेत दिया है. उन्होंने शून्य जीवाश्म ईंधन और जीरो बैटरी स्वैपिंग जैसी नीतियां अपनाने की बात करते हुए कहा है कि ऊर्जा क्षेत्र में भी लोगों तक पहुंचने की सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर की है.
क्या हुए ऐलान
इस बजट में वित्तमंत्री ने लंबे लक्ष्यों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि बजट 2022 अगले 25 सालों में भारत की वृद्धि के लिए आधारभूत काम करेगा. उन्होंने ऐलान किया कि पर्यावरण अनुमतियां एकल खिड़की तंत्र के दायरे में लाई जाएंगी. उच्च क्षमता वाले सौर मॉड्यूल के निर्मा के लिए 19500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. वहीं घरेलू सौर क्षमता का उत्पादन लक्ष्य 280 गीगावाट तय किया गया है.
क्या हुआ था पिछले बजट में
साल 2021-22 के बजट में कोयला मंत्रालय को 19,246 करोड़ (2.5 अरब डॉलर) की राशि आवंटित की गई थी. वहीं पर्यावरण मंत्रालय को 11,778 करोड़ (1.5 अरब डॉलर) का राशि का प्रावधान किया गया था. पिछले साल क्लाइमेट चेंज एक्शन प्लान को प्रावधान 10 करोड़ घट कर 30 करोड़ रुपये हो गया था. वहीं आवंटित राशियों का संपूर्ण कारगर उपयोग भी एक बड़ी चुनौती है जिसको लेकर सरकार के नए प्रयासों पर नजर होगी.
इन क्षेत्रों में निवेश
पिछले बजट में सरकार ने पर्यावरण के लिहाज से, हाइड्रोजन ऊर्जा में निवेश, ऊर्जा के क्षेत्र में सौर ऊर्जा की भागी दारी बढ़ाने के प्रयास किए थे. इसके अलावा बिजली के वाहनों का उपयोग को बढ़ावा देने के साथ सरकार सार्वजनिक परिवहन में विद्युतीकरण के लिए पिछले तीन साल से 10000 करोड़ का निवेश कर रही है.
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