विज्ञान

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की ताकत देख 'कांप' उठेगा दुश्मन! छलनी कर दिया जहाज

jantaserishta.com
20 April 2022 10:31 AM GMT
सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की ताकत देख कांप उठेगा दुश्मन! छलनी कर दिया जहाज
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नई दिल्ली: देश के पूर्वी समुद्री इलाके में एक जंगी जहाज दिखाई पड़ा. तत्काल भारतीय वायुसेना के सुखोई-30एमकेआई फाइटर जेट ने टारगेट को लॉक किया. इसके बाद उसके ऊपर सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस दाग दी. मिसाइल 3000 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से कुछ ही सेकेंड्स में जंगी जहाज से जा टकराई. जहाज में मिसाइल के हमले से बड़ा छेद हो गया. यह इतना बड़ा था कि जहाज आसानी से पानी में डूब जाए.

ये असल का हमला नहीं था. भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने देश के पूर्वी तट पर सुखोई 30 एमकेआई फाइटर जेट से भारतीय नौसेना (Indian Navy) के डिकमीशन्ड जंगी जहाज पर ब्रह्मोस (BrahMos) मिसाइल से लाइव फायर किया. मिसाइल ने पूरी सटीकता के साथ टारगेट पर हमला किया. इस परीक्षण में वायुसेना के साथ नौसेना भी शामिल थी.
वायुसेना ने यह नहीं बताया कि ब्रह्मोस मिसाइल में किस तरह का, कितना वजनी और कितनी ताकत का वॉरहेड लगा था. अगर परीक्षण के लिए कम मात्रा और तीव्रता का वॉरहेड लगाया गया था, तो उसके हिसाब से जहाज में हुई बर्बादी काफी बड़ी है. अगर वॉरहेड की तीव्रता और वजन बढ़ा दिया जाए तो शायद ये तबाही और ज्यादा भयावह हो सकती थी.


करीब एक हफ्ते पहले ही यह खबर आई थी कि भारतीय वायुसेना के लिए ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल (BrahMos Cruise Missile) का अपग्रेडेड एयर वर्जन तैयार हो रहा है. इसकी रेंज 800KM होगी. यानी हमारे फाइटर जेट हवा में रहते हुए दुश्मन के ठिकानों को इतनी दूर से ही ध्वस्त कर सकते हैं. हो सकता है कि यह परीक्षण इसी संबंध में हो लेकिन वायुसेना या सरकार की तरफ इसे लेकर कोई बयान नहीं आया है.
भारत सरकार लगातार टैक्टिकल मिसाइलों की रेंज को बढ़ा रही है. सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने से मिसाइल की रेंज में 500KM की बढ़ोतरी होती है. भारतीय वायुसेना के 40 सुखोई-30 MKI फाइटर जेट पर ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलें तैनात की हैं. ये दुश्मन के कैंप को पूरी तरह से तबाह कर सकती हैं.
8 दिसंबर 2021 को सुखोई-30 एमके-1 में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर वर्जन का सफल परीक्षण किया गया. सुखोई-30 एमकेआई (Sukhoi-30 MKI) फाइटर जेट में लगे ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को पूरी तरह से देश में ही विकसित किया गया है. भविष्य में ब्रह्मोस मिसाइलों को मिकोयान मिग-29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस और राफेल में भी तैनात करने की योजना है.




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