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विज्ञान
सबसे बड़ा सूखा, धरती के नीचे से निकलने लगीं डराने वाली चीजें, जानें डिटेल्स
jantaserishta.com
24 Aug 2022 5:20 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक | DEMO PIC
नई दिल्ली: पूरा यूरोप इस वक्त भयानक सूखे की मार झेल रहा है. हालात ये हैं कि अब नदियों और झीलों का जल स्तर गिर रहा है. नदियां सूखने से लंबे समय तक पानी में डूबे हुए खजाने और कुछ अजीब चीजें अब सामने आने लगी हैं.
दशकों बाद इतना भयानक सूखा झेल रहे स्पेन के पुरातत्वविदों को प्रागैतिहासिक पत्थरों से बना एक घेरा मिला है, जिसे 'स्पैनिश स्टोनहेंज' (Spanish Stonehenge) कहा जा रहा है. ये अब तक पानी के अंदर छिपा हुआ था, जो अब सबके सामने आ गया है.
इसे आधिकारिक तौर पर डोलमेन ऑफ़ ग्वाडलपेरल (Dolmen of Guadalperal) के तौर पर जाना जाता है. यह पत्थर का घेरा फिलहाल कैसेरेस प्रांत के केंद्र में वाल्डेकानस रिज़रवॉयर के एक कोने में है, जो अब पूरी तरह से खुला है. अधिकारियों का कहना है कि यहां का जल स्तर 28% तक गिर गया है.
1926 में जर्मन पुरातत्वविद् ह्यूगो ओबरमायर (Hugo Obermaier) ने इसकी खोज की थी. लेकिन 1963 में फ्रांसिस्को फ्रेंको के शासन में, ग्रामीण विकास परियोजना के चलते इस इलाके में बाढ़ आ गई थी. तब से इसे केवल चार बार पूरी तरह से दिखा गया है.
जर्मनी में राइन नदी के किनारे 'हंगर स्टोन्स' के बाहर आ जाने से पिछले सूखे की यादें ताजा हो गई हैं. हाल ही में, जर्मनी की सबसे बड़ी नदी के किनारे ऐसे कई पत्थर दिखाई दिए हैं जिन्हें सिर्फ भयानक सूखे में ही देखा जा सकता है.
इन पत्थरों के दिखाई देने को लोग बुरे समय की चेतावनियों के रूप में देख रहे हैं. इनपर लिखी तारीखों और बातों से पता लगता है कि सालों पहले भी जब सूखा आया तो लोगों ने कितनी कठिनाइयों का सामना किया होगा. फ्रैंकफर्ट के दक्षिण में वर्म्स और लीवरकुसेन के पास रेनडॉर्फ में देखे गए पत्थरों पर दिखाई देने वाली तिथियों में 1947, 1959, 2003 और 2018 शामिल हैं.
यूरोप की बड़ी नदियों में से एक डेन्यूब, सूखे की वजह से करीब एक सदी में अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है. नदी सूखने से प्राहोवो शहर के पास, सर्बिया के रिवर पोर्ट पर दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 20 से ज्यादा जर्मन युद्धपोतों के डूबने का पता चला है.
इटली ने पो नदी के आसपास के इलाकों के लिए आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है. जुलाई के अंत में देश की इस सबसे लंबी नदी के बहते पानी में पहले से जलमग्न 450 किलो के विश्व युद्ध समय के दो बम पाए गए थे.
बम मिलने पर, मंटुआ शहर के करीब बोर्गो वर्जिलियो के उत्तरी गांव के पास रहने वाले करीब 3,000 लोगों को वहां से निकाला गया. सेना के विशेषज्ञों ने इस महीने की शुरुआत में अमेरिका के निर्मित डिवाइस को डिफ्यूज़ किया और नियंत्रित तरीके से विस्फोट किया.
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