विज्ञान

जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर में हुई थी एलियंस की लड़ाई, जानिए क्या है पीछे का राज

Shiddhant Shriwas
17 Sep 2021 12:41 PM GMT
जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर में हुई थी एलियंस की लड़ाई, जानिए क्या है पीछे का राज
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इतिहास में ऐसी कई रहस्यमयी घटनाएं हुईं हैं, जिनके बारे में आज भी चर्चा की जाती है। 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इतिहास में ऐसी कई रहस्यमयी घटनाएं हुईं हैं, जिनके बारे में आज भी चर्चा की जाती है। कई ऐतिहासिक संरचनाएं जैसे स्टोन हेंज, Moai की मूर्तियां, इजिप्ट के पिरामिड आदि का संबंध एलियंस के साथ जोड़कर देखा जाता है, पर क्या आपको पता है कि इतिहास के पन्नों में एक ऐसी घटना भी कैद है, जहां पर एलियंस के युद्ध होने का दावा किया गया है। कहा जाता है कि ये रहस्यमयी वाकिया साल 1561 में जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर में हुआ था। उस दौरान कई सारी उड़न तश्तरियां एक दूसरे से युद्ध कर रही थीं। इस घटना को कई लोगों ने अपनी आंखों से देखना का दावा किया है। एलियंस का ये युद्ध करीब 1 घंटे तक चला था। हंस ग्लासर ने इस अजीबोगरीब घटना का पूरा ब्योरा जर्मनी के न्यूरमबर्ग गैजेट में अंकित किया था। आज के रहस्य की इस कड़ी में हम जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर में हुई इसी रहस्यमयी घटना के बारे में जानेंगे।

न्यूरेमबर्ग गैजेट के मुताबिक उस दौरान कई रंग बिरंगे रहस्यमयी ऑब्जेक्ट पूरे शहर के ऊपर मंडरा रहे थे। घटना के बाद 100 से भी ज्यादा ऑब्जेक्ट एक धुएं में गायब हो गए। वहीं कुछ जमीन पर आकर क्रैश किए। उस दौरान शहर में उठा धुंआ इतना घना था कि ये मीलों दूर से दिख रहा था। उस समय इस पूरी घटना को कई लोगों ने देखा था।

हालांकि इसके कुछ समय बाद 1566 में एक और अजीबोगरीब वाकिया स्विट्जरलैंड के बासेल शहर में कैद हुआ। यहां पर भी कई काले रंग की उड़नतश्तरियों को आसमान में देखे जाने का दावा किया गया, जिसका उल्लेख हमें उस समय के बासेल सिटी गैजेट में देखने को मिलता है।

उस दौरान छपे न्यूरेमबर्ग गैजेट की मानें तो सबसे पहले आर्क की तरह दिखने वाली दो उड़नतश्तरियां आसमान में दिखीं। उसके बाद देखते ही देखते कई और सिलेंडर की तरह दिखने वाले ऑब्जेक्ट आसमान में इधर से उधर मंडरा रहे थें। देखते ही देखते उनके बीच युद्ध शुरू हो गया।

इस घटना को बीते 450 साल से भी ज्यादा हो गए हैं। कई लोगों का कहना है कि उस दौरान जर्मनी के न्यूरेमबर्ग शहर में परग्रही जीवों ने आकर लड़ाई की थी। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है ये कोई नहीं जानता।

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