विज्ञान

अध्ययन में अनुमान लगाया जा रहा था तारों की आयु का, NASA- ESA ने दिया जवाब

Tara Tandi
10 Sep 2021 6:07 AM GMT
अध्ययन में अनुमान लगाया जा रहा था तारों की आयु का, NASA- ESA ने दिया जवाब
x
अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) में जब भी कोई अवलोकन होता है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| अंतरिक्ष अनुसंधान (Space Research) में जब भी कोई अवलोकन होता है, उस घटना-परिघटना की व्याख्या के लिए कोई सिद्धांत दिया जाता है जिसे स्थापित सार्वभौमिक नियमों और तथ्यों की कसौटियों पर परखा जाता है. इस दौरान कई परिकल्पनाओं की भी उपयोग किया जाता है, भले ही उनकी पुष्टि प्रामाणित तौर पर नहीं हुई हों. बहुत सी खगोलीय की घटनाओं की व्याख्या डार्क मैटर की अवधारणा के आधार पर हुई है जिसकी पुष्टि अपुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है. हाल ही में नासा (NASA) और यूरोपीय स्पेस एजेंसी के संयुक्त अध्ययन ने तारों के जीवन चक्र (Life Cycle of Stars) की स्थापित अवधारणा को चुनौती दी है.

धीरे-धीरे होते हैं बूढ़े

हबल टेलीस्कोप की मदद से खगोलविदों ने यह पता लगाया है कि सफेद बौनों में ऊष्मानाभकीय ऊर्जा के सभी स्रोतों का अभाव नहीं होता है. इसका सीधा मतलब यही निकलता है कि वे खत्म होने में जितना पहले समझा जा रहा था उससे ज्यादा समय लगाते हैं. यानी वे पहले की जानकारी की तुलना में धीरे-धीरे बूढ़े होते हैं.

क्या होते हैं सफेद बौने

सफेद बौने उन ठंडे होते उन तारों को कहा जाता है जिनका भार कम हो गया है और उनकी बाहरी खोल खत्म होकर तारे को उसके जीवन की अंतिम अवस्था में ला देती है. यह स्थिति कभी ना कभी हमारी अपनी गैलेक्सी मिल्की वे के 98 प्रतिशत तारों की हो जाएगी जिसमें हमारा सूर्य भी शामिल है.

किन तारों का किया गया अध्ययन

इन चमकीले पिंडों के जीवन चक्र का अध्ययन से खगोलविद ना केवल सफेद बौनों की ठंडी अवस्थाओं की जानकारी मिलती है, बल्कि वे उनके विकास की शुरुआती स्थिति के बारे में पता लगा पाते हैं. इस अध्ययन में वैज्ञानिकें ने दो वैश्विक तारों के कुंज, M3 और M13 का अध्ययन किया. वे सफेद तारों के विकास के पीछे चल रही भौतिक प्रक्रिया की पड़ताल करना चाह रहे थे.

इन तारों के गुच्छों की भौतिक विशेषताएं काफी मिलती जुलती हैं. इसमें उनकी उम्र, हाइड्रोजन और हीलियम की तुलना में अन्य भारी पदार्थों की मात्रा, जिसे धात्विकता भी कहते हैं, शामिल है. लेकिन तारें की जनसंख्या जो सफेद तारों में बदल जाते हैं एक दूसरे काफी अलग होती है. M13 गुच्छ की क्षैतिज शाखा के तारे समान्यतया ज्यादा नीले रंग के होते हैं जिससे पता चलता है कि उनका तापमान ज्यादा होता ह

हमारे सूर्य का होगा यह हाल

हमारा सूर्य ही 4.6 अरब साल पुराना है. जब वह अपनी क्रोड़ या की सभी हाइड्रोजन खत्म कर देगा तो वह एक विशाल लाल तारे में बदल जाएगा और बुध, शुक्र और पृथ्वी को निगल कर आकार बढ़ा लेगा. इसके बाद उसकी बाहरी खोल खत्म हो जाएगी और उसकी क्रोड़ ही रह जाएगी. तब यह धीरे-धीरे ठंडा होता सफेद बौने में बदल जाएगा जिसका आकार पृथ्वी के जितना होगा लेकिन भार सूर्य के जितना ही होगा.

दो तरह के सफेद बौने

शोधकर्ताओं ने हबल टेलीस्कोप के वाइड एंगल कैमरा-3 का उपयोग कर दोनों गुच्छों के 700 सफेद बौनों की तुलना की. उन्होंने पाया कि M3 में सामान्य सफेद बौने हैं, जो तारों की क्रोड़ को ठंडा कर रहे हैं. वहीं एम13 में सफेद बौनों की दो अलग ही तरह की जनसंख्या देखने को मिली है. इन दो सफेद बौनों में से एक तो मानक सफेद बौने हैं, लेकिन दूसरी तरह के किसी तरह से हाइड्रोजन की बाहरी खोल कायम रखने में सफल रहे हैं.

बढ़ जाएगी उम्र

इससे वे ज्यादा देर तक जल सकते हैं और ठंडे भी ज्यादा धीरे से होंगे यानि उनकी उम्र ज्यादा होगी. कम्प्यूटर मॉडल ने शोधकर्ताओं को बताया कि M13 के 70 प्रतिशत सफेद बौने अपनी सतह की हाइड्रोजन को अब भी जला रहे हैं जिससे उन्होंने अपनी उम्र की प्रक्रिया को धीमा कर लिया है. नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित यह खोज इसलिए अहम है क्योंकि यह तारों की उम्र के मामले में अब तक हमारे खगोलविदों के अनुमानों को गलत साबित करती है.

Next Story