विज्ञान

बासमती धान में कीटनाशकों का उपयोग करने से पहले लें वैज्ञानिकों की सलाह, नहीं तो…

Gulabi
20 Sep 2021 12:34 PM GMT
बासमती धान में कीटनाशकों का उपयोग करने से पहले लें वैज्ञानिकों की सलाह, नहीं तो…
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फसल विविधीकरण जरूरी

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय एवं गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रोफेसर बीआर काम्बोज ने कहा है कि किसानों को बासमती धान (Basmati) में कीटनाशकों व फफूंदनाशकों का प्रयोग वैज्ञानिकों की सलाह से ही करना चाहिए. ताकि इसके निर्यात में बाधा उत्पन्न न हो. फसलों का अच्छा भाव मिल सके. वे हिसार जिले के गांव धोलू में बासमती धान में कीटनाशकों के सुरक्षित एवं न्यायपूर्ण प्रयोग विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. इसका आयोजन विस्तार शिक्षा निदेशालय व एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था.

कुलपति ने कहा कि जल हमारी बहुत ही अमूल्य धरोहर है. इसका संरक्षण करके हम आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सकते हैं. इसके लिए हमें फसल विविधीकरण (crop diversification) को अपनाना होगा. इससे न केवल किसानों की आमदनी (Farmers Income) बढ़ेगी बल्कि जल व मृदा का भी संरक्षण होगा. उधर, एपिडा मोदीपुरम से आए डॉ. प्रमोद तोमर ने बासमती धान की कृषि क्रियाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की. उन्होंने कम से कम कीटनाशकों के प्रयोग पर जोर दिया.
फसल विविधीकरण जरूरी
काम्बोज ने कहा कि भूमिगत जलस्तर निरंतर गिरता जा रहा है जो बहुत ही चिंताजनक विषय है. इसके लिए हमें फसल विविधीकरण अपनाना होगा. जिसमें तिलहन व दलहन फसलों को भी शामिल किया जाना जरूरी है. इससे न केवल मृदा की उर्वरा शक्ति कायम रहेगी बल्कि जल का संरक्षण भी होगा. किसान का शुद्ध मुनाफा भी बढ़ेगा. सरसों (Mustard) की बिजाई पर भी अधिक जोर देते हुए कहा कि यह कम खर्च में मौजूदा समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है.
कम खर्च में अधिक आमदनी की जानकारी
विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. रामनिवास ढांडा ने कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे किसानों के साथ मिलकर समय-समय पर उनकी समस्या के निदान के लिए जुटे रहें. साथ ही किसान अपनी समस्याओं के समाधान के लिए वैज्ञानिकों से संपर्क बनाए रखें. उन्होंने कम खर्च में अधिक आमदनी को लेकर खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी.
इस मौके पर डॉ. सरदूल मान ने धान में लगने वाले कीटों व बीमारियों के समन्वित प्रबंधन पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी. डॉ. विकास हुड्डा ने कपास फसल में कीट प्रबंधन, सरसों व गेहूं की उन्नत किस्मों, बिजाई व खाद प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी.
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