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विज्ञान
हैरतअंगेज खबर: कभी धरती पर रहते थे 4 पैर वाले सांप, किस काम आते थे...पता है क्या आपको?
jantaserishta.com
29 Nov 2021 8:16 AM GMT
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डायनासोर के समय में एक चार पैरों वाला सांप धरती पर रहता था. वैज्ञानिक भी इसे चार पैरों वाला सांप ही मान रहे थे. लेकिन अब इसके पेंसिल जैसे आकार वाले जीवाश्म की स्टडी के बाद पता चला है कि यह एक अलग 'शैतान' था. पेंसिल के आकार का यह जीवाश्म मात्र 7.7 इंच का है. जिसे पहले चार पैरों वाला सांप माना जा रहा था. सोचिए सांप के अगर आज के दौर में चार पैर होते तो वो कैसे चलता, दौड़ता या किसी को दौड़ाता.
वैज्ञानिक जिसे चार पैरों वाला सांप समझ रहे थे. वह असल में डोलिचोसॉर (Dolichosaur) नाम विलुप्त समुद्री छिपकली थी. यह बेहद लंबे शरीर वाली छिपकली थी, जो क्रिटेशियस काल (Cretaceous Period) में पाई जाती थी. यानी 14.50 करोड़ साल से लेकर 6.6 करोड़ साल के बीच. यह खुलासा एक नई स्टडी में हुआ है.
जब वैज्ञानिक इस पेंसिल के आकार के जीवाश्म का अध्ययन कर रहे थे, जिसका वैज्ञानिक नाम टेट्रोपोडोफिस एंप्लेक्टस (Tetrapodophis amplectus) है. ग्रीक भाषा में इसका मतलब चार पैरों वाला सांप होता है. कनाडा स्थित एंडमॉन्टॉन में यूनिवर्सिटी ऑफ अलबर्टा में बायोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर माइकल काल्डवेल ने कहा कि हमारी टीम ने जब अध्ययन किया तो पता चला कि यह सांप ही नहीं था. इसके जीवाश्म में सांप के बेसिक आंतरिक संरचनाएं ही नहीं थीं.
हुआ यूं कि पेंसिल के आकार के इस जीवाश्म को अवैध रूप से ब्राजील से लाया गया था. इसकी स्टडी में किसी भी ब्राजीलियन वैज्ञानिक को शामिल नहीं किया गया है. जबकि, ब्राजील का कानून कहता है कि अगर ब्राजील से किसी भी तरह का स्पेसिमेन बाहर जाता है, तो उसकी स्टडी के दौरान एक ब्राजीलियन वैज्ञानिक को शामिल करना जरूरी है.
किस काम आते थे ये 4 पैर... पता है क्या आपको?
पहले वैज्ञानिकों की मान्यता थी कि सांपों के पूर्वजों के चार पैर होते थे. लेकिन साल 2016 में आई दो स्टडीज जो सेल जर्नल में प्रकाशित हुई थी. उसमें कहा गया था कि सांपों के चार पैरों करीब 15 करोड़ साल पहले खत्म हो गए थे. इसकी वजह जेनेटिक म्यूटेशन थी. वहीं, टेट्रोपोडोफिस एंप्लेक्टस (Tetrapodophis amplectus) को साल 2015 में खोजा गया था. तब इसके बारे में जर्नल साइंस में रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी. तब बताया गया था कि यह 12 करोड़ साल पुराना जीवाश्म है. इसके चार पैर थे, हर पैर में पांच उंगलियां थीं. इनका उपयोग चलने के लिए नहीं बल्कि अपने संभोग के समय अपने साथी को पकड़ने और शिकार को पकड़ने या दुश्मन से हाथापाई करने के लिए किया जाता था.
नई स्टडी में पता चला कि टेट्रोपोडोफिस एंप्लेक्टस (Tetrapodophis amplectus) एक तरीके की समुद्री छिपकली थी. यह स्टडी हाल ही में जर्नल ऑफ सिस्टेमैटिक पैलियोन्टोलॉजी में प्रकाशित हुई है. इनकी खोपड़ी के हिस्से जो मिले वो बुरी तरह से कूचे हुए थे. पिचके हुए थे. टूटे-फूटे. किसी ने इसकी खोपड़ी पर अध्ययन करने का प्रयास नहीं किया. जब उसकी स्टडी की गई तो पता चला कि ये सांप नहीं छिपकली है.
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