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दुनिया में अभी अंतरिक्ष पर्यटन की बातें तो होने लगी हैं. अंतरिक्ष अनुसंधानकर्ता ऐसा रॉकेट विकसित करने में लगे हैं जिससे लोगों को अंतरिक्ष में पहुंचाने की लागत बहुत कम हो सके. इस लिहाज से देखा जाए तो हमारा विमानन या उड्डयन (Aviation) का क्षेत्र बी पीछे नहीं हैं. विशेषज्ञ विमान तकनीक में नए नवाचारों पर काम रहे हैं जिसमें व्यवसायिक विद्युतीय विमानन (Electrical Aviation) भी शामिल है. इनमें से फैराडेयर एविएशनका हाइब्रिड इलेक्ट्रिक यात्री विमान, राइट इलेक्ट्रिक का विमान, इजराइल के ईविएशन का एलिस, जैसे विमानों पर काम चल रहा है.
फैराडेयर का विमान
यूके में एक स्टार्टअप इसी व्यवसायिक इलेक्ट्रिफाइट एविएशन पर काम कर रहा है. क्षेत्रीय विमानन बाजार को देखते हुए फैराडेयर एविएशन कंपनी एक हाइब्रिड इलेक्ट्रिक यात्री विमान को विकसित पर बेचने की योजना पर काम कर रही है. इसमें 19 सीटें होंगी और इसके पंखों को चलाने के ले इलेक्ट्रिक मोटर ही काफी होगी. इसके लिए जरूरी बिजली एक छोटे से गैसे टर्बाइन से आएगी.
वर्ल्ड वार वन फाइटर प्लेन की तरह
इतना ही नहीं अतिरिक्त उठाव के लिए और छोटी हवाई पट्टी पर उड़ान भरने और उतरने के लिए भी इन विमानों में त्रिस्तरीय पंख होंगे इनसे शानदार एरोडायनामिक्स होने के बाद भी वे वर्ल्ड वार वन फाइटर प्लेन के जैसे दिखाई देते हैं. कंपनी के प्रमुख नील क्लॉग्ले का दावा है कि ऐसे विमानों में परम्परागत प्रोपेलर की तुलना में हिलने वाले कम पुर्जे होंगे. इससे वह सस्ता होने के साथ ज्यादा शांत और कम उत्सर्जन पैदा करने वाला विमान होगा.
खर्च बचा सकते हैं
इस तरह के किफायती विमानों पर काम केवल यात्रियों के लिए ही नहीं बल्कि माल ढोने वाले विमानों पर भी चल रहा है. ऐसे विमान रेलवे लाइन बिछाने या सड़क बनाने के खर्चे को भी बचा सकते हैं. फैराडेयर 2025 तक इस तरह के विमान की उड़ान शुरू कर सकता और 2027 से उनका व्यवसायिक उपयोग भी शुरू हो जाएगा.
और राइट इलेक्ट्रिक भी
लेकिन इस क्षेत्र में केवल फैराडेयर ही अकेली कंपनी नहीं है. कैलिफोर्निया की राइट इलेक्ट्रिक भी 100 सीटों वाला पूरी तरह से इलेक्ट्रिक एयरक्राफ्ट बनाने की तैयारी में है और इस सदी के मध्य में लोगों को उपलब्ध कराने की भी तैयारी कर रही है. यह विमान वर्तमान बे146 पर आधारित होगा जिसके टर्बोफैन इंजन की जगह इलेक्ट्रिक मोटर होंगी. कंपनी की ईजीजेट से साझेदारी भी होगी और यह लंदन –पेरिस, न्यूयॉर्क वॉशिंगटन या हॉन्गकॉन्ग ताईपेई के बीच एक घंटे वाली उड़ान भी मुहैया कराएगी.
हाइब्रिट से इलेक्ट्रिक
ये विमान अभी हाइब्रिट विमान की तरह ही होंगे जिसमें केवल चार इंजन को ही इलक्ट्रिक मोटर से बदला जाएगा. और बाकियों को सफल परीक्षणों के बाद ही बदला जाएगा. कंपनी का कहना है कि इससे ग्राहकों में एक विश्वास विकसित करने में मदद मिलेगी. कार उद्योग भी इस तरह से बदलाव ला रहा है. लेकिन विमानन में बैटरी का उपयोग एक बड़ी चुनौती है.