विज्ञान

अध्ययन: वहा आई सुनामी ने डायनासोर के महाविनाश में भूमिका निभाई थी!

Triveni
16 July 2021 5:50 AM GMT
अध्ययन: वहा आई सुनामी ने डायनासोर के महाविनाश में भूमिका निभाई थी!
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लाखों करोड़ों साल पहले की घटनाओं और हालात पर हमारे वैज्ञानिक जीवाश्मों पर बहुत निर्भर हैं.

लाखों करोड़ों साल पहले की घटनाओं और हालात पर हमारे वैज्ञानिक जीवाश्मों पर बहुत निर्भर हैं. यह एक संयोग ही मात्र है कि पृथ्वी (Earth) पर अब तक पाए गए सबसे रोचक जीव माने जाने वाले डायासोर (Dinosaurs) के विलुप्त होने की कहानी भी कम रोचक नहीं हैं. इन्हें विलुप्त करने वाली घटना को अब तक का सबसे नाटकीय महाविनाश (Mass Extinction) कहा जाए तो शायद गलत ना होगा. इसके बारे में प्रचलित मान्यता यही है कि 6.6 करोड़ साल पहले एक क्षुद्रग्रह के टकराव केबाद हुए महाविनाश में पृथ्वी की दो तिहाई जीवन के साथ नष्ट हो गए थे.

पिछले कुछ सालों में वैज्ञानिकों ने ऐसा सुराग खोजे हैं जो इस कयामती टकराव (Asteroid Impact) के बारे में जानकारी देते हैं. इन सुरागों से इस घटना के बाद के हालात के बारे में विस्तार से जानकारी मिली है. जिसमें दुनिया में धूल छा जाने से लेकर 1500 किलोमीटर दूर तक जंगल की आग (Wildfire) फैलना शामिल है. 2019 में एक टीम ने ऐसे जीवाश्म (Fossils) रिकॉर्ड खोजे जिसमें इस घटना के बाद आई सुनामी के अवशेषों के प्रमाण मिले हैं. शोधकर्ताओं ने इस सुनमी की अवशेषों को मध्य लूईजियाना में खोजा है.
यूनिवर्सिटी ऑफ लूईजियाना के जियोसाइंटिस्ट गैरी किंसलैंड ने बताया कि सुनामी (Tsunami) के जाने के बाद पानी इतना गहरा था कि नियमित तूफानी लहरें भी उन स्थानों को छू नहीं सकीं. इसलिए सूनामी की लहरों के निशान वहीं रह गए और उनके ऊपर हवा में रहने वाले अवशेषों की परत रह गई जो मैक्सिको की खाड़ी (Gulf of Maxico) में उस टकराव वाले क्रेटर से रासायनिक रूप से जुड़ी है जिसे युकैटन प्रायद्वीप में चिक्सूलब (Chicxulub) गांव कहा जाता है.
सुनामी (Tsunami) की विशाल लहरें पेलेयोसीन युग (Palaeocene Era)में गहरे पानी की शेल में संरक्षित हो गईं. किन्सलैंड और उनके साथियों ने उन्हें मध्य लूईजियाना के भकंपीय तस्वीरों वाले आंकड़े (Seismic imaging Data) का विश्लेषण किया जो उन्हें एक जीवाश्म ईंधन कंपनी से हासिल हुए थे. उन्होंने चिक्सूलुब क्रेटर पर टकराव और सुनामी की लहरों के बीच का तालमेल पाया.
शोधकर्ताओं ने अपने शोधपत्र में लिखा कि ये विशाल लहरों (Megariggles) की औसत वेवलेंथ 600 मीटर थी और लहरों की औसत ऊंचाई 16 मीटर थी जिससे वे पृथ्वी (Earth) पर अब तक रिकॉर्ड की गईं सबसे विशाल लहरे थीं. इससे लहले इस विशाल सुनामी (Tsunami) की मॉडलिंग ने सुझाया कि ये लहरें करीब 1500 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच गई होंगी और इससे आए भूंकप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 11 से अधिक रही होगी.
टकराव (Asteroid Impact) की जगह के आसपास के इलाकों में इस घटना के बाद के दुष्प्रभाव बहुत घातक रहे होंगे जिससे समुद्री जीव धरती पर और धरती के जीव समुद्र में चले गए होंगे. मैक्सिको की खाड़ी (Gulf of Mexico) में आई यह सुनामी कई घंटों से लेकर कई दिन तक चली होगी और धीरे धीरे इसकी तीव्रता कम हुई होगी. इन लहरों में आकर कर क्या क्या दब गया यह आज भी पता किया जा सकता है. जब पानी की विशाल मात्रा यहां की चट्टानों से टकराती हैं.
सुनामी (Tsunami) की विनाशकारी लहरों का असर वैसे तो हजारों मील तक हुआ होगा, लेकिन ये इस टकराव के कारण दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन (Climate change) के प्रभाव वाले वायुमंडलीय बदलाव थे जिनकी वजह से दुनिया की बहुत सारी प्रजातियां नष्ट हो गई थीं. किन्स लैंड और उनके टीम को लगता है कि टकराव से आई सुनामी के बाद वाले प्रमाण मैक्सीको की खाड़ी (Gulf of Mexico) के आसपास के भूकंपीय आंकड़ों में अब भी कायम हैं. भविष्य में इनके अध्ययन से इस नाटकीय घटनाक्रम के बारे में और ज्यादा जानकारी मिल सकती है.


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