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मानव आविष्कारों ने अकसर प्रकृति और उसकी प्रक्रियाओं से प्रेरणा ली है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | मानव आविष्कारों ने अकसर प्रकृति और उसकी प्रक्रियाओं से प्रेरणा ली है. इंजीनियरिंग के बहुत से कार्यों में प्राकृतिक प्रणालियों की झलक दिखाई देती है. पंछियों ने उड़ने की प्रेरणा दी तो पानी की जीवों ने पनडुब्बी के आकार की. इसमें मकड़ियों (Spiders) ने भी आकर्षित किया है. इंजीनियर मकड़ी की पैरों के बालों (Hairs of Spider legs) की कार्य विविधता से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए हैं. मकड़ियां अलग-अलग सतहों पर कैसे ऊपर-नीचे, आगे-पीछे, बिना गिरे चल पानी हैं, इस सवाल का जवाब शक्तिशाली गोंद और चिपकाने वाले पदार्थ (Adhesives) बनाने की नई संभावनाएं पैदा कर सकता है.
मकड़ियों (Spiders) के बिना गिरे इस तरह से चलने का हुनर बहुत आकर्षक है. शायद यही वजह है कि स्पाइडरमैन की परिकल्पना इतनी लोकप्रिय है. वैज्ञानिक भी मकड़ी के पैरों (spider legs) का पिछले कई दशकों से अध्ययन कर रहे हैं. अब फ्रंटियर्स इन मैकेनिकल इंजियरिंग के नए अध्ययन मकड़ी की क्यूपियेनियस सालेइ नाम की प्रजाति के चिपचिपे पैर बानने वाली बालों (Spider leg Hairs) जैसी बहुत खास संरचना खोजी है. इस शोध ने पहली बार दर्शाया है कि जितना समझा जा रहा था यह संरचना उससे कहीं ज्यादा विविधता भरी है.
इस अध्ययन के ग्रुप लीडर और जर्मनी की यूनिवर्सिटी ऑफ कील के डॉ क्लीमेंस शेबर ने बताया कि जब उनकी टीम मकड़ियों (Spiders) पर प्रयोगों को शुरू कर रही थी तब वे सभी बालों के लिए सर्वश्रेष्ठ गोंद (Adhesives) के खास कोण और ऐसी ही अन्य विशेषताओं का पता लगाने की उम्मीद कर रहे थे. लेकिन हैरानी तब हुई जब चिपकने वाले आसंजन बल (Adhesion force) हर बाल के लिए बहुत अलग पाया गया. कोई बाल कम कोण से चिपकता था तो कोई लंबवत सबसे अच्छा नतीजा देता था. (तस्वीर: shutterstock)मकड़ी (Spider) की इस प्रजाति के पैर करीब 2400 छोटे बालों (spider leg Hairs) से बने होते हैं. ये बाल एक मिलीमीटर की सौवें हिस्से की मोटाई के होते हैं. शेबर और उनके सहयोगी बैस्टियन पोयर्स्केऔर स्टानिस्लाव गोर्ब ने बालों के नमूनों को जमाकर उन्हें मापने देखा कि वे कितनी सफाई से खुरदुरे और चिकनी सतहों पर पर चिपक जाते हैं. उन्होंने यह भी देखा ये बाल अलग अलग संपर्क कोणों (Contact Angles) पर कैसे काम करते हैं.
अप्रत्याशित रूप से मकड़ियों के पैरे के हर बाल (spider leg Hairs) ने अलग चिपकने वाले गुण दिखाए. जब टीम ने बालों को शक्तिशाली माइक्रोस्कोप (Microsocpe) से देखा कि हर बाल की साफ तौर पर अलग ही संचरनात्मक व्यवस्था (Structural Arragnement) थी जो पहले कभी नहीं देखी गई थी. टीम को विश्वास है कि यह विविधता ही मकड़ियों को विभिन्न सतहों पर चढ़ने में सक्षम बनाती है.
इस शोध में फिलहाल मकड़ी (Spider) के हर पैर के कुछ हजार बालों (Spider leg hairs) में से केवल कुछ ही बालों का अध्ययन किया. उनके वर्तमान स्रोतों से सभी को अध्ययन में शामिल करना संभव नहीं था. फिर भी टीम को उम्मीद है कि सभी बाल (Hairs) अलग-अलग नहीं होने चाहिए और हो सकता है कि इन बालों के समूह मिलें या फिर बार बार होने वाले पैटर्न (Work Pattern) दिख जाएं.
शैबर का कहना है कि हालांकि मकड़ी (Spider) की इन नौनोसंरचना (NanoStructure) को बनाना बहुत मुशिकल है, उनकी पड़ताल वर्तमान मॉडल के लिए अहम जानकारी उपलब्ध कराने वाली साबित हो सकती है. मकड़ियों में पाए जाने वाले संपर्क के अलग -अलग आकार और संरेखण जैवप्रेरित (Bioinspired) पदार्थों में जोड़ने की क्षमता (Adhesiveness) को बेहतर बना सकते हैं. और इन पदार्थों में गुणों की विविधता भी हासिल की जा सकती हैं.
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