विज्ञान

स्टडी में हुआ खुलासा: शुक्र ग्रह पर जीवन असंभव, नहीं बस पाएगी इंसानों की बस्ती

Triveni
31 Jan 2021 7:02 AM GMT
स्टडी में हुआ खुलासा: शुक्र ग्रह पर जीवन असंभव, नहीं बस पाएगी इंसानों की बस्ती
x
धरती के अलावा दूसरे ग्रह पर जीवन की कितनी संभावना है इस खोज में वैज्ञानिक दिन रात लगे हुए हैं.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| धरती (Earth) के अलावा दूसरे ग्रह पर जीवन की कितनी संभावना है इस खोज में वैज्ञानिक (Scientists) दिन रात लगे हुए हैं. चांद से लेकर मंगल ग्रह पर कई ऐसी चीजें पाई गई हैं जिससे ये माना जा रहा है कि दूसरे ग्रह (Planets)भी जीवन की संभावना है. इसी बीच एक रिसर्च में दावा किया गया है कि शुक्र ग्रह पर फॉस्फीन (Phosphine) गैस पाई गई है, जिससे शुक्र ग्रह पर जीवन होने की चर्चा भी तेज हो गई है. लेकिन इस नए रिसर्च के दावे को चुनौती दी गई है. तो वहीं कुछ रिसर्च ये दावा कर रहे हैं कि शुक्र पर जीवन नहीं है. इस असमंजस की स्थिति में शुक्र (Venus) के डेटा को फिर से रिकॉर्ड कर इस दिशा में फिर से रिसर्च करने की बात कही जा रही है ताकि सटीकता से आकलन किया जा सके कि वाकई में शुक्र ग्रह (Venus)पर फॉस्फीन है या नहीं.

शुक्र पर फॉस्फीन गैस नहीं पाई गई
सिएटल की यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की ऐस्ट्रोबायॉलजिस्ट विक्टोरिया मेडोज ने इन ताजा स्टडीज के बारे में बताया है कि हम इस बारे में एक विस्तृत विचार कर रहे हैं. टेलिस्कोप से मिले डेटा के आधार पर फॉस्फीन (Phosphine) पाए जाने का दावा किया गया था, उसे फिर से स्टडी किया गया और उन्हें फॉस्फीन नहीं मिली. वह फॉस्फीन नहीं बल्कि सल्फर डाइऑक्साइड (sulphur dioxide) थी. यह शुक्र पर सामान्य गैस है और जीवन की संभावना नहीं है.
पहली रिसर्च में हुई थी गलती
पहले ALMA (Atacama Large Millimeter/submillimeter Array) की मदद से रिकॉर्ड किए गए डेटा के आधार पर फॉस्फीन की खोज का दावा किया गया था. हालांकि, बाद में पता चला कि यह डेटा गलत तरीके से प्रोसेस किया गया था. जेन और उनकी टीम ने फिर से कैलकुलेशन किया और माना कि पहले के मुकाबले उन्हें कम फॉस्फीन मिली है जबकि दूसरे रिसर्चर्स को फॉस्फीन नहीं मिली है.
जीवन के लिए फॉस्फीन क्यों है जरूरी
बता दें, फॉस्फोरस (Phosphorus) और हाइड्रोजन (Hydrogen) से बने इस कंपाउंड को जीवन के लिए माना जाता है. धरती पर फॉस्फीन (Phosphine) या तो ऐसे जीव बनाते हैं जिन्हें ऑक्सिजन (Oxygen) की जरूरत नहीं होती या लैब में बनाई जाती है. इसलिए जीवन के संभावित निशानों से ऐस्ट्रोनॉमर्स (Astronomers) और स्पेस वैज्ञानिक (Scientists) के बीच वीनस के बारे में और ज्यादा जानने की जिज्ञासा बढ़ गई थी.


Next Story