विज्ञान

अध्ययन में खुलासा: मोतियाबिंद का खतरा होता है कम, हफ्ते में...

jantaserishta.com
31 March 2021 9:49 AM GMT
अध्ययन में खुलासा: मोतियाबिंद का खतरा होता है कम, हफ्ते में...
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जो लोग हफ्ते में 14 यूनिट अल्कोहल लेते हैं, उन्हें मोतियाबिंद (Cataracts) होने का खतरा कम हो जाता है. 14 यूनिट अल्कोहल का मतलब सात पाइंट बियर के. ये खुलासा हुआ ब्रिटिश सरकार द्वारा कराई गई एक स्टडी से. इसमें सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होता है जो इतनी मात्रा में हर हफ्ते रेड वाइन (Red Wine) का सेवन करते हैं. आइए जानते हैं कि इस स्टडी में और क्या खुलासे किए गए हैं...

NHS की स्टडी के मुताबिक जो लोग वाइन पीते हैं, उन्हें इसका लाभ ज्यादा मिलता है. रेड वाइन के मॉडरेट ड्रिंकर्स को मोतियाबिंद होने की संभावना 23 फीसदी कम हो जाती है. जबकि, उन लोगों में ज्यादा रहती है जो वाइन या शराब नहीं पीते. क्योंकि वाइन में कुछ ऐसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो आंखों को मोतियाबिंद से दूर रखने में मदद करते हैं.
मोतियाबिंद में आंखों की लेंस के ऊपर सामने की तरफ धुंधले धब्बे बन जाते हैं. जिसकी वजह से लोगों की दृष्टि बाधित हो जाती है या फिर चली जाती है. ये दिक्कत ज्यादातर बुजुर्ग लोगों में पाई जाती है. मोतियाबिंद को ठीक करने का तात्कालिक इलाज होता है कैटेरैक्ट की सर्जरी. इंग्लैंड में हर साल 4.50 लाख से ज्यादा मोतियाबिंद के ऑपरेशन होते हैं.
लंदन के मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल (Moorfields Eye Hospital) और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (University College London) के वैज्ञानिकों ने 4.92 लाख से ज्यादा लोगों की मेडिकल और लाइफस्टाइल की हिस्ट्री पढ़ी. इन लोगों को यूके बायोबैंक की ओर से सर्वे में शामिल कराया गया था. इस स्टडी में ये बात सामने आई कि जो लोग हफ्ते में 14 यूनिट अल्कोहल या रेड वाइन पीते हैं, उनकी आंखों में कैटेरैक्ट की सर्जरी कराने की नौबत कम आती है.
बीयर या स्कॉच पीने वालों की तुलना में वाइन पीने वालों को ज्यादा फायदा होता है. एपिक-नॉरफोल्क स्टडी के अनुसार हफ्ते में पांच बार वाइन पीने वाले लोगों को शराब नहीं पीने वालों की तुलना में 23 फीसदी कम मोतियाबंद का खतरा होता है. वहीं, यूको बायोबैंक की स्टडी में निकल कर आया कि बीयर और स्कॉच पीने वाले सिर्फ 14 फीसदी इस खतरे को कम कर पाते हैं.
इस स्टडी को करने वाली प्रमुख शोधकर्ता डॉ. शैरोन चुआ ने बताया कि कहा कि आंखों में कैटेरैक्ट तब विकसित होता है, जब उम्र के साथ आपके शरीर की ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस घटता जाता है. लेकिन जो अल्कोहल या वाइन पीते हैं उनके शरीर में पॉलीफिनॉल एंटी-ऑक्सीडेंट्स (Polyphenol Antioxidants) होते हैं जो शरीर के ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को मजबूत बनाए रखता है. उसे कम नहीं होने देता.
पॉलीफिनॉल एंटी-ऑक्सीडेंट्स (Polyphenol Antioxidants) रेड वाइन में बहुत ज्यादा मात्रा में मिलता है. डॉ. शैरोन चुआ की ये स्टडी ऑप्थैलमोलॉजी (Ophthalamology) जर्नल में प्रकाशित हुई है. इस रिसर्च को लीड करने वाले डॉ. एंथनी ख्वाजा ने कहा कि हमने स्टडी के दौरान पाया कि जिनके शरीर में अल्कोहल निकोटिन की मात्रा ज्यादा है, उन्हें कैटेरैक्ट सर्जरी कराने की नौबत कम आती है.
इसका मतलब ये नहीं है कि कोई बहुत ज्यादा शराब पिए. या वाइन पिए. क्योंकि ये हानिकारक होती है. लेकिन अगर हफ्ते में सात पाइंट बीयर या साढ़े छह ग्लास वाइन पीते हैं तो इससे कैटेरैक्ट का खतरा 23 फीसदी तक कम हो जाता है. लेकिन इसके साथ खान-पान को भी मजबूत करना होगा. अगर ज्यादा ड्रिंक करने लगे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर के साथ कैटेरैक्ट भी हो सकता है.
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