विज्ञान

अध्ययन में चला पता: संक्रमित सतह को छूने से कोरोना की जद में आने का खतरा बेहद कम

Triveni
15 April 2021 6:33 AM GMT
अध्ययन में चला पता: संक्रमित सतह को छूने से कोरोना की जद में आने का खतरा बेहद कम
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अमेरिका में हुए एक नए अध्ययन में संक्रमित सतह को छूने से कोरोना की जद में आने का खतरा बेहद कम पाया गया है

अमेरिका में हुए एक नए अध्ययन में संक्रमित सतह को छूने से कोरोना की जद में आने का खतरा बेहद कम पाया गया है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने भी अपने संशोधित दिशा-निर्देशों में संक्रमित सतह के संपर्क में आने पर सार्स-कोव-2 वायरस का शिकार होने की आशंका 0.001 फीसदी बताई है। सतहों की लगातार सफाई होना और समय-समय पर सेनेटाइजर का छिड़काव इसकी मुख्य वजह है। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं कि हम सतहों से संक्रमण के जोखिम को लेकर बेफिक्र हो जाएं।

हवा के जरिये प्रसार की आशंका सबसे ज्यादा
-रटगर्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना संक्रमित अगर बंद, कम हवादार या भीड़भाड़ वाली जगहों पर ज्यादा समय गुजारें तो उनके नाक-मुंह से निकलने वाली पानी की सूक्ष्म बूंदें हवा के रास्ते अन्य लोगों को भी वायरस की गिरफ्त में ले सकती हैं। ऐसी जगहों पर सतहों की सफाई और हाथों पर बार-बार सेनेटाइजर लगाना भी वायरस से बचाव में कुछ खास कारगर नहीं साबित होता।
संक्रमित के छींकने-खांसने पर सतहों पर आते हैं अंश
-शोध दल में शामिल इमैनुअल गोल्डमैन ने कहा, 'यह वायरस सांसों के रास्ते फैलता है, न कि छूने से। सतहों से संक्रमण के प्रसार का वैज्ञानिक आधार बेहद कम मिला है।' विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी कहा कि वायरस नाक-मुंह से निकलने वाली पानी की सूक्ष्म बूंदों से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक से निकली पानी की बूंदें आसपास मौजूद सतहों पर वायरस के अंश छोड़ सकती हैं।
सामान के वायरस का वाहक बनने का जोखिम नहीं
-डब्ल्यूएचओ ने कहा कि जो वस्तुएं किसी और जगह से आयात होकर आ रही हैं, उन पर कोरोना वायरस के अंश होने का जोखिम न के बराबर होता है। दरअसल, ये वस्तुएं आयात प्रक्रिया में लंबी दूरी तय करती हैं। इस दौरान वे अलग-अलग मौसम से होकर गुजरती हैं। यही नहीं, आयात की जाने वाली ज्यादातर वस्तुओं को विशेष तापमान पर भी रखा जाता है। ऐसे में उनसे संक्रमण के प्रसार का डर बेहद कम रहता है।
क्या करें, क्या न करें
-थोड़ी-थोड़ी देर पर साबुन से कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोएं
-साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो हाथों पर अच्छे से सेनेटाइजर लगाएं
-छींकते, खांसते समय नाक-मुंह को टिश्यू पेपर से ढंकें, न कि हाथों से
-इस्तेमाल किए गए टिश्यू पेपर को तुरंत कूड़ेदान में फेंकें, हाथ साबुन से धोएं
-कोरोना प्रभावित इलाकों में यात्रा से बचें, संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रखें
सार्स-कोव-2 की उम्र
-सार्स-कोव-2 वायरस धातु, लकड़ी, कांच, चीनी-मिट्टी से बनी वस्तुओं/सतहों पर 05 दिन तक औसतन सुरक्षित रहता है।
-02 से तीन दिन प्लास्टिक, स्टेनलेस स्टील से निर्मित वस्तुओं/सतहों पर जीवित रहते हैं इसके अंश, 24 घंटे गत्ते पर टिकते हैं।


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