विज्ञान

अध्ययन का दावा : घर के अंदर दो गज की दूरी कोरोना को रोकने के लिए काफी नहीं

Tara Tandi
16 Sep 2021 8:04 AM GMT
अध्ययन का दावा :  घर के अंदर दो गज की दूरी कोरोना को रोकने के लिए काफी नहीं
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हाल ही में एक अध्ययन में दावा किया गया है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| हाल ही में एक अध्ययन में दावा किया गया है कि दो गज यानी करीब साढ़े छह फुट की शारीरिक दूरी वायरस ले जाने वाले वायुजनित एयरोसॉल के प्रसार को पर्याप्त रूप से रोकने के लिए काफी नहीं हो सकती।

अध्ययन के परिणाम दर्शाते हैं कि शारीरिक दूरी सांस के माध्यम से अंदर लिए जाने वाले एयरोसॉलों (सूक्ष्म कणों) को रोकने के लिए काफी नहीं है और इसे मास्क पहनने तथा हवा के आने जाने की पर्याप्त व्यवस्था यानी वेंटिलेशन जैसी अन्य नियंत्रण रणनीतियों के साथ लागू किया जाना चाहिए।

शोधकर्ताओं ने ट्रेसर गैस आने-जाने की तुलना मानव श्वांस से निकलने वाले एक से दस माइक्रोमीटर के एयरोसॉल से भी की, जो आमतौर पर हवाबंद प्रणाली में लीक का परीक्षण करने के लिए प्रयोग की जाती है। इस रेंज के एयरोसॉल में सार्स-सीओवी-2 वायरस होते हैं जिसके कारण कोविड-19 होता है।

अध्ययन के लेखक एवं अमेरिका में पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में पीएचडी के विद्यार्थी जेन पेई ने कहा कि हमने इमारतों में संक्रमित लोगों से निकलने वाले वायरस से भरे कणों के हवाई माध्यम से फैलने का पता लगाने की कोशिश की।

अध्ययन से पता चलता है कि बिना मास्क पहने एक संक्रमित व्यक्ति के बात करने के दौरान उसकी सांस में वायरस से भरे कण दूसरे व्यक्ति के श्वांस क्षेत्र में तुरंत पहुंच सकते हैं, यहां तक कि दो गज की दूरी रखने पर भी। यह अध्ययन सस्टनेबल सिटीज एंड सोसाइटी पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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