विज्ञान

स्‍टडी में दावा, ऊंटों को लेकर हुए चौंकाने वाले खुलासे

jantaserishta.com
12 April 2022 11:01 AM GMT
स्‍टडी में दावा, ऊंटों को लेकर हुए चौंकाने वाले खुलासे
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नई दिल्‍ली: एक स्‍टडी में पता चला है कि 10 फीट ऊंचे मंगोलियाई ऊंटों को इंसानों ने खाया था. यह बात 27 हजार साल पहले की बताई जा रही है. ऊंट की विलुप्‍त हुई प्रजाति कैमलस नॉबलोची (Camelus knoblochi) के जीवाश्‍मों की स्‍टडी में ये बात सामने आई है.

ऊंट की इस प्रजाति के जीवाश्‍म दक्षिण पश्चिम मंगोलिया के गोबी अल्‍टाई पहाड़ की त्सागान अगुई गुफा (Tsagaan Agui Cave) में 2021 में मिला था. इनमें पैर, पंजे की हड्डी शामिल थी.
स्‍टडी के लेखक डॉ अरीना एम खत्सनोविच के मुताबिक, इस गुफा में कलाई और उंगली के बीच की हड्डी मिली. ये करीब 44 से 59 हजार साल पुरानी बताई गई है. डॉ अरीना ने स्‍पष्‍ट किया कि इसका मतलब ये है कि ऊंट की कैमलस नॉबलोची प्रजाति को तब के समय में मंगोलिया में मौजूद लोगों ने शिकार बनाया होगा.
स्‍टडी के मुताबिक कैमलस नॉबलोची के विलुप्‍त होने की वजह जलवायु परिवर्तन का होना भी बताया गया है. वहीं इंसानों द्वारा इनका शिकार करने को भी एक कारण बताया गया है. स्‍टडी में इस बात का भी हवाला दिया गया है कि मानव की होमोसेपियंस, निएंडरथल और डेनिसोवन्स प्रजाति ने अलग अलग-समय में ऊंट की इस प्रजाति का शिकार किया .
इन ऊंटों की ऊंचाई करीब 10 फीट और वजन 1000 किलोग्राम के करीब था. ऊंटों की कैमलस फेरस (Camelus ferus) प्रजाति जो वर्तमान में पाई जाती है, वह करीब साढ़े 6 फुट की होती है.
स्‍टडी करने वाले डॉ जॉन डब्‍लू ओल्‍सन यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के स्कूल ऑफ एंथ्रोपोलॉजी में कार्यरत हैं. उन्‍होंने कहा- विलुप्‍त ऊंट कैमलस नॉबलोची मंगोलिया में तब तक पाए गए, जब तक पर्यावरण में कोई बदलाव नहीं आया, ये 27 हजार साल पहले तक पाए जाते थे.
ऊंटों की कैमलस नॉबलोची प्रजाति पहाड़ों और तराई वाले मैदान में रहती थी. इस स्‍टडी में ये भी सामने आया कि कैमलस नॉबलोची प्रजाति इसलिए खत्‍म हो गई, क्‍योंकि ये मरुस्‍थलीकरण के प्रति कम सहनशील थे.

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