विज्ञान

अध्ययन: इस वजह से भी बढ़ रहे हैं हृदय रोगों के मामले, 60% रोगियों में देखी गई यह परेशानी

Deepa Sahu
10 April 2022 11:51 AM GMT
अध्ययन: इस वजह से भी बढ़ रहे हैं हृदय रोगों के मामले, 60% रोगियों में देखी गई यह परेशानी
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हृदय रोग, वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं में से एक हैं।

हृदय रोग, वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर और जानलेवा स्वास्थ्य समस्याओं में से एक हैं। सामान्यतौर पर इसे जीवनशैली और आहार में गड़बड़ी से संबंधित बीमारी के तौर पर जाना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को हृदय रोगों का प्रमुख कारण मानते आ रहे हैं। पर हाल ही में हुए एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि हाइपरटेंशन के अलावा एक और सामान्य सी समस्या भी ज्यादार हृदय रोगियों में देखी जा रही है। नॉर्वे स्थित ओस्लो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में बताया कि अनिद्रा एक बड़ी समस्या है जिसे हृदय रोगों से जोड़कर देखा जा रहा है। आधे से अधिक हृदय रोगियों में अनिद्रा की समस्या देखने को मिली है।

'स्लीप एडवांसेज' जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि हृदय रोगों के शिकार लगभग आधे से अधिक रोगियों को नींद न आने से संबंधित विकार होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि अब तक नींद की समस्याओं को मानसिक स्वास्थ्य से जोड़कर देखा जाता रहा है, लेकिन हमारे अध्ययन में पाया गया कि चिंता और अवसाद के लक्षणों के इलाज के बाद भी रोगियों में अनिद्रा की समस्या बनी रह सकती है। आइए आगे की स्लाइडों में इस संबंध में विस्तार से जानते हैं।
अनिद्रा के कारण बढ़ते हृदय रोग के मामले
अधययन के परिणाम के आधार पर शोध के प्रमुख लेखक लार्स फ्रोजड कहते हैं, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि हृदय रोगियों में अनिद्रा की समस्या का समय पर मूल्यांकन करके इसका उचित प्रबंधन किया जाना आवश्यक है। अनिद्रा के कारण हृदय रोगों की जटिलताएं और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है। इस बारे में चिकित्सकों और रोगियों को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। यदि आपको अनिद्रा की समस्या का अनुभव होता है तो समय रहते इसका निदान और उपचार करा लें।
अध्ययन में क्या पता चला?
इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने हार्ट अटैक या फिर अवरुद्ध धमनियों को खोलने के लिए स्टेंट इम्प्लांटेशन या बाईपास सर्जरी वाले 1,068 रोगियों को शामिल किया। इसमें पांच प्रतिभागियों में से एक (21 प्रतिशत) महिला थी। बेसलाइन पर रोगियों की औसत आयु 62 वर्ष थी और लगभग आधे प्रतिभागियों (45 प्रतिशत) को अनिद्रा की शिकायत थी। अध्ययन के विभिन्न चरणों की समीक्षा के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि अनिद्रा हृदय रोगों और इसकी जटिलताओं को बढ़ाने वाला एक कारक हो सकता है, जिसपर सामान्यतौर पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ पर असर
अध्ययनकर्ताओं ने बताया कि जिस तरह के परिणाम देखने को मिले हैं, ऐसे में कहा जा सकता है कि यदि प्रतिभागियों में अनिद्रा की दिक्कत नहीं होती तो, 16 फीसदी लोगों को मेजर एडवर्स कार्डियोवैस्कुलर इवेंट्स से बचाया जा सकता था। जिन लोगों को हृदय रोगों की समस्या है, या जिन्हें नहीं भी है, सभी लोगों को नींद पूरी करने पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। अनिद्रा सिर्फ मानसिक रोग ही नहीं, हृदय रोगों के जोखिम को भी बढ़ावा दे सकती है।
अध्ययन का निष्कर्ष
अध्ययन के निष्कर्ष में प्रमुख शोधकर्ता लार्स फ्रोजड कहते हैं, इस अध्ययन से संकेत मिलता है कि हृदय रोगियों में अनिद्रा आम समस्या है। यह हृदय रोगों को बढ़ावा देने वाले कारकों को जन्म दे सकती है, इसलिए समय पर इसका प्रबंधन बहुत आवश्यक है। हम इस बारे में अध्ययन कर रहे हैं कि कॉग्नेटिव बिहेवियरल थेरपी या डिजिटल एप्लीकेशंस जैसे अनिद्रा के उपचार, इस प्रकार के रोगियों में प्रभावी हो सकते हैं या नहीं? फिलहाल सभी चिकित्सकों को हृदय रोगियों में अनिद्रा की समस्या का भी निदान करना जरूरी है, जिससे गंभीरता को रोका जा सके।


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