विज्ञान

छात्रा दीक्षा शिंदे का गलत जानकारियों के आधार पर हुआ था नासा के पैनल में चयन, पढ़ें पूरी सच्चाई

Gulabi
26 Aug 2021 4:16 PM GMT
छात्रा दीक्षा शिंदे का गलत जानकारियों के आधार पर हुआ था नासा के पैनल में चयन, पढ़ें पूरी सच्चाई
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गलत जानकारियों के आधार पर हुआ था नासा के पैनल में चयन

20 अगस्त को समाचार एजेंसी एएनआई ने दीक्षा शिंदे से संबंधित एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें कहा गया था कि शोधपत्र जमा करने के बाद एक 14 वर्षीय छात्रा का चयन एमएसआई फेलोशिप्स वर्चुअल पैनल ऑफ नासा में हुआ था। इसमें शिंदे ने दावा किया था कि मुझे नासा के माइनॉरिटी सेवा संस्थान (एमएसआई) फेलोशिप्स वर्चुअल पैनल के लिए चुना गया है। वहीं, नासा ने दीक्षा के चयन की पुष्टि तो की है लेकिन स्पष्टीकरण दिया है कि उनका चयन गलत जानकारियों के आधार पर हुआ था।

शिंदे ने दावा किया था कि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग रिसर्च ने मई 2021 में मेरा 'हम ब्लैक होल में रहते हैं?' नामक शोधपत्र स्वीकार किया था। एएनआई से बात करते हुए शिंदे ने कहा था कि 2021 एमएसआई वर्चुअल पैनल के लिए पैनलिस्ट के तौर पर मेरा चयन जून 2021 में हुआ था। दीक्षा शिंदे ने कहा था, 'मैंने ऑफर स्वीकार कर लिया है और जल्द की काम करना शुरू कर दूंगी। मेरा काम शोधार्थियों की ओर से जमा किए गए प्रस्तावों की समीक्षा करना, नासा के साथ शोध करने के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण तैयार करना और छात्रों के अकादमित अनुशासन और प्रस्तावित शोध क्षेत्र के बीच संबंध को समझना है।'
यह खबर ट्विटर पर शेयर हुई तो कई यूजर्स ने दीक्षा शिंदे के दावों पर सवाल उठाए और कुछ ने दीक्षा के नासा सर्टिफिकेट में गलतियों का भी उल्लेख किया। इसके साथ ही उसके कथित शोधपत्र पर भी सवाल उठने लगे। इसके बाद एएनआई ने दीक्षा शिंदे से संपर्क किया और इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा। शिंदे ने ईमेल पर हुई बात दिखाई दिसमें नासा के ईमेल का यूआरएल नासा डॉट जीओवी था और एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के स्क्रीनशॉट दिखाए जिन्हें लेकर दीक्षा ने दावा किया कि कॉन्फ्रेंस नासा के अधिकारियों के साथ थी। इसके अलावा शिंदे ने अपने शोधपत्र की एक कॉपी भी दी, लेकिन जिस वेबसाइट पर यह था उसकी लिंक काम नहीं कर रही थी।
इसके बाद एएआई ने इस मामले को लेकर नासा के अधिकारियों से संपर्क किया। 26 अगस्त को नासा की कैथरीन ब्राउन ने एएनआई के ईमेल के जरिए पूछे गए सवालों को लेकर उत्तर दिया। उन्होंने बताया कि दीक्षा शिंदे का चयन पैनलिस्ट के तौर पर हुआ था। लेकिन, उसका चयन गलत जाफर्जीवाड़ा: गलत जानकारियों के आधार पर हुआ था महाराष्ट्र की छात्रा का नासा के पैनल में चयन, जानिए पूरा मामला
नकारियों के आधार पर हुआ था। ब्राउन ने आगे कहा कि नासा ने शिंदे की ओर से कोई शोध पत्र स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इस बात का पता लगने के बाद दीक्षा शिंदे का चयन रद्द कर दिया गया।
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