विज्ञान

ब्लैकहोल बनने के लिए फटा सितारा, अरबों साल पहले हुआ था धमाका

Subhi
19 Oct 2022 3:07 AM GMT
ब्लैकहोल बनने के लिए फटा सितारा, अरबों साल पहले हुआ था धमाका
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अंतरिक्ष और जमीन पर मौजूद कई दूरबीनों मे 9 अक्टूबर को अब तक के सबसे चमकादार विस्फोट में से एक को देखा गया है। यह विस्फोट दूरबीनों द्वारा रेकॉर्ड किए गए अब तक के सबसे शक्तिशाली विस्फोटों में से एक हो सकता है।

अंतरिक्ष और जमीन पर मौजूद कई दूरबीनों मे 9 अक्टूबर को अब तक के सबसे चमकादार विस्फोट में से एक को देखा गया है। यह विस्फोट दूरबीनों द्वारा रेकॉर्ड किए गए अब तक के सबसे शक्तिशाली विस्फोटों में से एक हो सकता है। नासा के मुताबिक गामा किरणों का विस्फोट या GRB ब्रह्मांड में विस्फोटों का सबसे शक्तिशाली वर्ग है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये GRB 221009A है। दुनिया भर में कई टेलीस्कोप इस विस्फोट के बाद के परिणाम को देख रहे हैं।

मैरीलैंड विश्वविद्यालय और वॉशिंगटन डीसी में जॉर्ज वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट के छात्र ब्रेंडन ओ'कॉनर ने कहा 'असाधारण रूप से लंबी GRB 221009A अब तक दर्ज की गई सबसे चमकदार गामा किरण है। इस विस्फोट ने अब तक के सभी रेकॉर्ड को तोड़ दिया है।' उन्होंने आगे बताया, 'क्योंकि ये विस्फोट इतना चमकदार और करीब है, हमें लगता है कि ब्लैक होल के गठन से लेकर डार्क मैटर मॉडल के परीक्षण तक इन विस्फोटों के बारे में कुछ सबसे बुनियादी सवालों को जानने का सदियों में एक बार का अवसर है।'

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वैज्ञानिक मानते हैं कि इस GRB का निर्माण तब हुआ जब 2.4 अरब प्रकाश वर्ष दूर सगीत्ता तारामंडर (Sagitta constellation) में एक बड़ा सितारा ब्लैक सुरनोवा में तब्दील हो गया और ब्लैक होल बना। वैज्ञानिक मान रहे हैं कि जिस सितारे की मौत से ये गामा विस्फोट हुआ है वह हमारे सूर्य से कई गुना बड़ा रहा होगा। गामा किरणें और एक्स-रे सौर मंडल से होकर गुजरती हैं। नासा के फर्मी गाना-रे स्पेस टेलीस्कोप समेत कई ऑब्जर्वेटरी ने इसे देखा है।

अरबों साल पहले हुआ था धमाका

वैज्ञानिक मान कर चल रहे हैं कि इस धमाके के कारण निकले कण प्रकाश की गति की स्पीड से चल सकते हैं। इन कणों से एक्स रे और गामा किरणें निकली हैं। ये विस्फोट भले ही 9 अक्टूबर को दिखाई दिया हो, लेकिन असल में ये 1.9 अरब साल पहले हुआ था। जिस जगह ये धमाका हुआ है वह पृथ्वी से इतनी दूर है कि प्रकाश को आने में भी अरबों साल लग जाते हैं। हालांकि इतना दूर होने के बावजूद भी ये पृथ्वी के करीब ही है। फर्मी टेलीस्कोप ने लगभग 10 घंटे तक इस धमाके का पता लगाया।

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