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विज्ञान
खड़े-खड़े 'मिस्टर इंडिया' बन जाएगा इंसान, आ गया अदृश्य कवच
jantaserishta.com
11 April 2022 7:35 AM GMT
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नई दिल्ली: ब्रिटिश कंपनी इनविजिबिलिटी शील्ड को (Invisibility Shield Co) ने ऐसा कवच बनाया है, जिसके पीछे खड़े रहने पर एकदम नहीं दिखते, जबकि जहां पर वह शील्ड लगाई गई है...उसका बैकग्राउंड दिखता है. यानी आप उस शील्ड के पीछे दिख रहे बड़े नजारे में गायब हो चुके होते हैं. यह कमाल की तकनीक को कंपनी ने इनविजिबल शील्ड (Invisible Shield) नाम दिया है.
इनविजिबल शील्ड (Invisible Shield) यानी अदृश्य कवच. यह कवच हाई रेजोल्यूसन इनविजिबिलिटी प्रदर्शित करता है. इसके पीछे रोशनी के परावर्तित होने का विज्ञान है. हैरानी की बात ये है कि इस शील्ड को बनाने वाली कंपनी अब भी क्राउडफंडिंग वाली स्टेज में है, लेकिन उसने इतना बड़ा कमाल कर दिखाया.
इनविजिबल शील्ड (Invisible Shield) असल में एक पारदर्शी दिखने वाला प्लास्टिक पैनल है, जिसे किसी भी तरह से बाहरी ऊर्जा या इलेक्ट्रिक चार्ज की जरूरत नहीं होती. दुनिया में अदृश्य करने वाली अन्य तकनीकों में लगे ताकतवर और जटिल ऑप्टिकल लेंस के बजाय यह चालाकी से रोशनी को रिफ्लेक्ट करता है. जिससे इसके पीछे खड़ा व्यक्ति गायब हुआ महसूस होता है.
इनविजिबल शील्ड (Invisible Shield) देखने में तो पारदर्शी दिखता है, लेकिन यह इसके पीछे खड़े इंसान की बेहद धुंधली तस्वीर दिखाता रहता है. हालांकि, इसके पीछे खड़े इंसान का कपड़ा और रोशनी की स्थितियां इस धुंधलेपन को पूरी तरह से पारदर्शी भी बना सकती हैं. इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि आप शील्ड के पीछे खड़े इंसान को चाहे 5 मीटर से देखो या फिर 100 मीटर दूर से, आपको इसके पीछे का इंसान नहीं दिखेगा.
यह शील्ड विज्ञान के लेंटीकुलर प्रिंटिंग (Lenticular Printing) तकनीक पर काम करता है. ये थ्री डायमेंशनल तस्वीरों की तरह है, जो आप किसी एंगल से देखते हैं, तो कुछ दिखता है, दूसरे एंगल से कुछ और. कंपनी ने द किकस्टार्टर नाम की साइट पर लिखा है कि असल में शील्ड स्टीकता से इंजीनियर्ड लेंस का एरे है. यह ज्यादातर रोशनी को देखने वाले की नजर की रेखा से दूर भेजती है. यह रोशनी को दाएं-बाएं ओर रिफलेक्ट करती है. इससे सामने मौजूद इंसान दिखता नहीं है.
देखने वाला दूर से जब देखता है तो उसे शील्ड के पीछे खड़ा इंसान नहीं दिखता, बल्कि इंसान के पीछे मौजूद बैक्रग्राउंड का नजारा जारी रहता है. बैकग्राउंड हॉरीजोंटली सेट हो जाता है. जबकि, वहां पर शील्ड के पीछे खड़े इंसान को दिखना चाहिए. इस प्रोजेक्ट को 6 अप्रैल 2022 तक क्राउड फंडिंग से अब तक 1.62 करोड़ रुपयों से ज्यादा मिल चुका है.
गौरतलब है कि इससे कुछ साल पहले भी इस तरह की चीजों का आविष्कार हुआ था. निर्माण किया गया था. लेकिन इनमें से कई उत्पादों में कई तरह की समस्याएं थी, कुछ तो चर्चा में आने के बाद गायब भी हो गईं. इस क्षेत्र में आए गैप को देखते हुए इनविजिबिलिटी शील्ड (Invisibility Shield Co) ने भरने का फैसला किया और यह अदृ्शय कवच बनाया.
कंपनी ने अब तक 25 इनविजिबल शील्ड (Invisible Shield) बनाए हैं. लेकिन उनका कहना है कि अभी वो और पैसे जुटा रहे हैं, ताकि और शील्ड्स बनाए जा सकें. ये शील्ड दो आकारों में बनाए जा रहे हैं. पहला छोटा जो 12.2 इंच लंबा और 8.3 इंच चौड़ा है. इसकी कीमत 64 डॉलर्स यानी 4858 रुपये है. दूसरा बड़ा जो छोटे वाले से करीब तीन गुना बड़ा है. इसकी कीम 391 डॉलर्स है, यानी 29,678 रुपये.
सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि ये इनविजिबल शील्ड (Invisible Shield) पूरी तरह से रिसाइक्लेबल हैं. जो इसके फेंके जाने के बाद किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलाते.
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