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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: चीन के दक्षिण-पश्चिम में स्थित सिचुआन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक खास रोबोटिक मछली (Robot Fish) बनाई है. जो माइक्रोप्लास्टिक (Microplastics) खाती है. यानी एक दिन ऐसा आएगा जब समुद्र में यह मछलियां गोते लगाकर माइक्रोप्लास्टिक के प्रदूषण को खत्म कर देंगी. यह दावा किया है इसे बनाने वाले वैज्ञानिकों के समूह ने.
इसे विकसित करने वाले वैज्ञानिक वांग युयान ने कहा कि यह मछली छूने में एकदम असली मछली जैसी महसूस होती है. इसकी लंबाई मात्र 1.3 सेंटीमीटर यानी आधा इंच है. यह रोबोटिक मछली छिछले पानी में माइक्रोप्लास्टिक को अपने अंदर खींच लेती है. अब वैज्ञानिकों की टीम इस काम में लगी है कि किसी तरह इसे समुद्री गहराई में गोते लगाने लायक बनाया जा सके. इसके जरिए वैज्ञानिक समुद्री प्रदूषण को खत्म करने का प्रयास करना चाहते हैं.
वांग ने बताया कि हमने इतना छोटा और हल्का रोबोट फिश बनाया है, इसका उपयोग कई तरह से कर सकते हैं. यह बायोमेडिकल और घातक ऑपरेशंस में भी काम आ सकता है. हम भविष्य में इसे इतना छोटा बनाएंगे कि ये आपके शरीर के किसी भी हिस्से में मौजूद बीमारी को ठीक कर सके. फिलहाल यह रोबोटिक मछली नीयर-इंफ्रारेड लाइट (NIR) की दिशा में आगे बढ़ती है.
वैज्ञानिक इसे रोशनी के आधार पर चलने लायक बना चुके हैं. यह रोशनी देखकर चलती है. वैज्ञानिक रोशनी कम ज्यादा करके इसकी दिशा और गति को नियंत्रित कर सकते हैं. अगर मान लीजिए इस मछली को समुद्र में किसी बड़ी मछली ने खा भी लिया तो कोई दिक्कत नहीं है. इसका शरीर पॉलीयूरीथेन से बना है. जो जैविक तरीके से गल जाता है.
रोबोटिक मछली (Robotic Fish) यह अपनी शरीर से करीप पौने तीन गुना ज्यादा दूरी प्रति सेकेंड की गति से कवर करती है. यह दुनिया में बनाए गए अभी तक के सबसे नरम रोबोट्स में सबसे तेज गति से चलने वाली रोबोट है. वांग ने बताया कि हम बेसिकली माइक्रोप्लास्टिक के कलेक्शन पर काम कर रहे हैं. इसका उपयोग बार-बार किया जा सकता है.
These 1.3 cm long robotic fish developed by scientists from China's Sichuan University can eat microplastics from water, proving to be potentially helpful in cleaning oceans. Read more here https://t.co/rbPPid2qy9 pic.twitter.com/HxOfxHeoDX
— Reuters Science News (@ReutersScience) July 13, 2022
jantaserishta.com
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