विज्ञान

स्पेस बलून कराएगा अंतरिक्ष के छोर तक सैर, जानिए एक सीट की कीमत

Rani Sahu
2 Oct 2021 1:24 PM GMT
स्पेस बलून कराएगा अंतरिक्ष के छोर तक सैर, जानिए एक सीट की कीमत
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अंतरिक्ष में यात्रा पहले सिर्फ विज्ञान के लिहाज से रोमांचक मानी जाती थी लेकिन अब स्पेस टूरिज्म का सपना भी सच होने लगा है।

अंतरिक्ष में यात्रा पहले सिर्फ विज्ञान के लिहाज से रोमांचक मानी जाती थी लेकिन अब स्पेस टूरिज्म का सपना भी सच होने लगा है। हाल ही में ऐमजॉन के संस्थापक जेफ बेजोस और ब्रिटेन के अरबपति व्यापारी रिचर्ड ब्रैंसन भी स्पेस की सैर करके लौटे हैं। हालांकि, अब सिर्फ रॉकेट की गड़गड़ाहट ही नहीं बल्कि एक आरामदायक 'यान' पर भी अंतरिक्ष तक की सैर मुमकिन है।

कितना बड़ा है बलून?
रॉब रिपोर्ट के मुताबिक स्पेस पर्सपेक्टिव (Space perspective) की सह-संस्थापक जेन पॉइंटर का कहना है कि उनकी स्पेसशिप Neptune आराम से स्पेस के छोर के करीब तक लेकर जाती है। यह कोई रॉकेट या विमान नहीं बल्कि फुटबॉल फील्ड के आकार का 'स्पेस बलून' है जो अंतरिक्ष में 12 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से जाता है। इसमें एक केबिन लगा हुआ है जिसमें खिड़कियां भी हैं। यहां तक कि एक बार और बाथरूम से लेकर वाई-फाई भी दिया गया है।
बेजोस ने अपनी कंपनी Blue Origin के बनाए रॉकेट और स्पेसक्राफ्ट New Shepard में यह इतिहास रचा। यह कंपनी की पहली फ्लाइट थी जिसमें इंसानों को ले जाया जा रहा था। 20 जुलाई को चारों ऐस्ट्रोनॉट- जेफ, उनके भाई मार्क, एक्सपर्ट पायलट वॉली फंक और स्टूडेंट ऑलिवर डेमन इस फ्लाइट में सवार हुए और भारतीय समयानुसार 6:42 पर यह टेक्सस से लॉन्च हुआ।
न्‍यू शेफर्ड रॉकेट सबऑर्बिटल फ्लाइट है और यह ध्‍वनि की तीन गुना रफ्तार से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ा। यह तब तक सीधा अंतरिक्ष में जाता रहा जब तक कि उसका ज्‍यादातर ईंधन खत्‍म नहीं हो गया। यह लॉन्च चांद पर इंसान के पहले कदम की 52वीं सालगिरह पर किया गया था। इसी दिन 1969 में नील आर्मस्ट्रॉन्ग चांद पर कदम रखने वाले पहले शख्स बने थे।
चारों ऐस्ट्रोनॉट्स को ले जा रहा कैप्सूल रॉकेट से अलग हो गया। बूस्टर धरती पर लौट आया और अगली बार जाने के लिए सही-सलामत लैंड हो गया। वहीं, ऊपर कैप्सूल ने कुछ देर बिना ग्रैविटी के बिताई। बेजोस और उनके साथियों के स्पेस को छूने का ऐलान तब किया गया जब वे Karman Line पार कर गए। यह वही सीमा है जिसे धरती के वायुमंडल और बाहरी अंतरिक्ष की लिमिट माना जाता है।
कुछ देर जीरो ग्रैविटी में रहने के बाद कैप्सूल धरती को लौटा। इसमें लगे पैराशूट खुले जिसने इसकी गति को कंट्रोल किया और फिर यह कैप्सूल सफलतापूर्वक लैंड हो गया। पूरी उड़ान 10 मिनट 18 सेकंड की रही। लैंडिंग के बाद कैप्सूल के अंदर से ही बेजोस एक्साइटमेंट से चिल्ला पड़े, 'यह अविश्वसनीय था।' उन्होंने कहा, 'मैं हैरान था कि जीरो ग्रैविटी कितनी आसान थी, एकदम प्राकृतिक।'
लैंडिंग के बाद जब उन्हें स्टेटस चेक करना था तो उन्होंने इसे अपनी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन बताया। कैप्सूल से बाहर निकलते ही बेजोस ने गर्लफ्रेंड लॉरेन को गले से लगाकर किस कर लिया। बेजोस काफी स्टाइल में स्पेस की यात्रा के लिए गए थे और वह लौटे भी काऊबॉय हैट में ही।
बेजोस भले ही स्पेस में जाकर लौटने वाले पहले अरबपति न हों, उन्होंने न सिर्फ एक्सपर्ट पायलट वॉली फंक का सपना पूरा किया बल्कि दुनिया को दीं सबसे उम्रदराज ऐस्ट्रोनॉट। वॉली ने यह साबित भी कर दिया कि उम्र सिर्फ एक नंबर है। करीब 60 साल पहले 1961 में कैंसल किए गए अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के Mercury 13 प्रोग्राम में फंक भी शामिल होने वाली थीं। स्पेस में जाने का उनका सपना तब तो पूरा नहीं हुआ लेकिन आज जब वह पल आया तो वॉली के चेहरे की खुशी भी सारी दुनिया ने देखी।
इस फ्लाइट ने दुनिया को सबसे युवा ऐस्ट्रोनॉट भी दिया और वह है 18 साल का एक स्टूडेंट। हाल ही में ग्रैजुएट हुए ऑलिविर डेमन के पिता ने Blue Origin की दूसरी फ्लाइट का टिकट खरीदा था लेकिन किस्मत शायद इतिहास रचने को बेकरार थी। पहली फ्लाइट पर जिस शख्स को जाना था, उसने अपना नाम इससे वापस ले लिया और ऑलिवर को मौका मिला है सबसे बुजुर्ग ऐस्ट्रोनॉट और सबसे अमीर शख्स के साथ यादगार सफर पर जाने का।
कैसा दिखेगा नजारा?
इसमें 8 यात्रियों और पायलट की जगह होगी जो केनेडी स्पेस सेंटर से धीरे-धीरे उड़ान भरेंगे। यहां से उड़ान भरते हुए पहले फ्लोरिडा, फिर पूरे ईस्ट कोस्ट और आखिर में धरती का शानदार नजारा देखेंगे। पॉइंटर का कहना है कि कुछ लोग सुबह होने से पहले इस पर सैर करना पसंद करेंगे ताकि खूबसूरत आसमान दिखे और धरती को स्पेस से अलग करती सुंदर नीली रेखा भी। हालांकि, यह असल में अंतरिक्ष में दाखिल नहीं होगा लेकिन नजरा लगभग वैसा ही दिखेगा।
लैंडिंग पानी पर होगी और नाव से लोगों को वापस लाया जाएगा। जून में टेस्टिंग के बाद साल 2024 से टिकट की बिक्री भी शुरू हो जाएगी। एक सीट की कीमत करीब 93 लाख रुपये होने की संभावना है।
आने वाले समय में स्पेस टूरिज्म एक नया सेक्टर डेवलप हो रहा है। इसमें विकास की असीम संभावनाएं भी छिपी हुई हैं। स्पेस में जाने की चाह रखने वालों को लाखों-करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ेंगे। जाहिर है कि केवल अमीर वर्ग की इस खर्चे को वहन करने में सक्षम है। ऐसी स्थिति में ये सभी प्राइवेट स्पेस कंपनियां जल्द से जल्द खुद को साबित करने के प्रयास में लगी हुई हैं। जिस कंपनी का प्रदर्शन सबसे अच्छा होगा और दुर्घटना के चांस कम होंगे, जाहिर सी बात है लोग उसी को प्राथमिकता देंगे। इसके अलावा इन अरबपतियों के पास दूसरे सफल व्यवसाय भी हैं। ये एक बिजनेस के असफल होने का घाटा भी झेल सकते हैं। अंतरिक्ष के क्षेत्र में हमेशा नई तकनीकी के लिए रिसर्च की जरुरत होती है। जिसके लिए फंडिंग करने में इन टायकून्स को कोई परेशानी नहीं होगी
शनिवार को जेफ बेजोस के साथ अंतरिक्ष की सैर करने वाले शख्‍स को चुनने के लिए बोली लगी। करीब 10 मिनट तक चली नीलामी के दौरान दुनिया के 159 देशों से 7600 लोगों ने हिस्‍सा लिया। बेजोस के साथ उनके न्‍यू शेफर्ड रॉकेट में जाने वाले विजेता का फैसला आखिरी तीन मिनट में लगी बोली के दौरान हुआ। विजेता शख्‍स ने बेजोस के साथ टिकट बुक करने के लिए करीब दो अरब रुपये या 28 मिल‍ियन डॉलर दिया है। ब्‍लू ओरिज‍िन ने अभी तक विजेता के नाम का ऐलान नहीं किया है। माना जा रहा है कि जाने वाला शख्‍स भी कोई अरबपति है। न्यू शेफर्ड रॉकेट की यह 16वीं उड़ान होगी लेकिन इंसान के साथ यह उसकी पहली उड़ान है। बेजोस की यह अंतर‍िक्ष की सैर मात्र 11 मिनट तक चलेगी। इस 11 मिनट की सैर के लिए गुमनाम शख्‍स ने 2 अरब रुपये लुटा दिया।
रिचर्ड ब्रानसन ने जेफ बेजोस के अंतरिक्ष में जाने के ऐलान पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि जेफ बेजोस और उनके भाई मार्क को स्पेसफ्लाइट योजनाओं की घोषणा करने के लिए बहुत-बहुत बधाई। जेफ ने साल 2000 में ब्लू ओरिजिन की शुरुआत की थी। हमने (वर्जिन गेलेक्टिक) 2004 में इसे शुरू किया था। ...और अब दोनों अंतरिक्ष में जाने के लिए तैयार हैं। इस अंतरिक्ष को देखना कितना असाधारण है। माना जा रहा है कि ब्रैनसन ने इस ट्वीट से वर्जिन गेलेक्टिक को बाद में स्थापित होने के बावजूद साथ में पहली उड़ान के लिए तैयार होने पर कटाक्ष किया है। ब्रैनसन के इस ट्वीट में अंतरिक्ष के सबसे बड़े खिलाड़ी एलन मस्क का कहीं जिक्र नहीं है। उन्होंने अपनी कंपनी स्पेसएक्स की शुरुआत काफी अस्थिर तरीके से साल 2002 में की थी। लेकिन, कम ही समय में वे अंतरिक्ष के सबसे बड़े खिलाड़ी बन गए हैं।
जेफ बेजोस ने साल 2000 में अपनी अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन की स्थापना की थी। बेजोस की योजना एलन मस्‍क की तरह से ही सोलर स‍िस्‍टम में इंसानों को बसाना है। जेफ बेजोस ने वर्ष 2018 में खुलासा किया था कि अंतरिक्ष में यात्रा करने के लिए हर व्‍यक्ति को दो से तीन लाख डॉलर देना होगा। इस काम को पूरा करने के लिए बेजोस वर्ष 2016 से हर साल 1 अरब डॉलर अपने इस महत्‍वाकांक्षी प्रॉजेक्‍ट पर लगा रहे हैं। ब्‍लू ओरिज‍िन का न्‍यू शेफर्ड कैप्‍सूल पूरी तरह से स्‍वचालित है और उसे पायलट की जरूरत नहीं है। बेजोस के न्‍यू शेफर्ड रॉकेट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगर कोई आपात स्थिति आती है तो कैप्‍सूल बीच रास्‍ते में ही रॉकेट से अलग हो जाएगा और यात्री उस रॉकेट से दूर हो जाएंगे।
ब्रिटेन के मशहूर उद्योगपति रिचर्ड ब्रैनसन का नेटवर्थ 410 करोड़ डॉलर है। उन्होंने 1970 के दशक में वर्जिन ग्रुप की स्थापना की थी। दुनिया भर में इस ग्रुप की 400 से ज्यादा कंपनियां हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए 2004 में वर्जिन गेलेक्टिक की स्थापना की थी। यह कंपनी पिछले कई साल से नासा और ब्रिटिश स्पेस एजेंसी के साथ मिलकर काम कर रही है।
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपनी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स की स्थापना 2002 में की थी। उस समय उनका लक्ष्य अंतरिक्ष में परिवहन लागत को कम करने और मंगल पर इंसानों को बसाने की थी। स्पेसएक्स का पूरा नाम स्पेस एक्सप्लोरेशन टेक्नोलॉजीज कार्पोरेशन है। स्पेसएक्स ने फाल्कन रॉकेट के जरिए अबतक अंतरिक्ष में कई सैटेलाइट्स को पहुंचाया है। स्पेसएक्स को सबसे बड़ी पहचान अपने क्रू ड्रैगन कैप्सूल से मिली। इसी में बैठकर कई अंतरिक्षयात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जा चुके हैं।
बनाया जा चुका है रेकॉर्ड
स्पेस बलून्स को अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने टेस्ट भी किया है और इस्तेमाल भी करके देखा है। इनका इस्तेमाल 1930 से किया जा रहा है जब इन्हें सबसे पहले रिसर्च और अडवेंचर के लिए लगाया जाता था। पॉइंटर और उनके पति टेबर मैककलम ने साल 2014 में ऐसा स्पेस बलून बनाया था जो ऐलन यूस्टेस को अपनी रेकॉर्डतोड़ पैराशूट जंब के लिए 1.35 लाख फीट के ऊपर लेकर गया था।


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