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- शुक्र ग्रह पर SOFIA...
शुक्र ग्रह (Venus) पर कठिन परिस्थितियां होने के बाद भी वहां पर जीवन के संकेतकों (Signatures of life) के तलाश की जा रही है. इससे भी ज्यादा वैज्ञानिकों की दिलचस्पी यह जानने में हैं कि इस गर्म ग्रह के हालात आज के जैसे हो कैसे गए, जबकि एक समय पृथ्वी और शुक्र एक ही से ग्रह थे. दो साल पहले पृथ्वी पर केवल जैविक प्रक्रियाओं से बनने वाली फॉस्फीन गैस (Phosphine Gas) की खोज का दावा किया गया था जिससे शुक्र ग्रह पर जीवन संकेतकों के होने की संभावनाओं पर सनसनी फैल गई थी, लेकिन नए अध्ययन में पाया गया है कि शुक्र ग्रह पर पृथ्वी की तरह फॉस्फीन नहीं हैं.
जीवन संकेतक के जहिर संभावना नहीं
स्ट्रैटोस्फियरिक ऑबजर्वेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (SOFIA) वेधशाला के अवलोकनों से यह साफ हुआ है कि शुक्र ग्रह पर जाहिर तौर पर फॉस्फीन नहीं हैं. शुक्र ग्रह और पृथ्वी में काफी समानताएं भी पाई जाती हैं. लेकिन एक बहुत बड़े अंतर के रूप में यही पाया गया है कि जहां पृथ्वी पर जीवन के लिए बहुत ही अनुकूल हालात हैं, वहीं शुक्र के लिए स्थितियां बिलकुल उलट हैं.
फॉस्फीन पर जोर क्यों
फॉस्फीन गैसे पृथ्वी के वायुमंडल में पाई जाती है. साल 2020 में इस बात का ऐलान किया गया था कि शुक्र ग्रह के बादलों में फॉस्फीन की मौजूदगी देखी गई है. इस खबर ने पूरी दुनिया में सनसनी फैली दी थी क्योंकि यह एक बहुत ही प्रमुख बायोमेकर माना जाता है. यानि उसकी उपस्थिति का मतलब शुक्र पर जैविक क्रियाओं की उपस्थिति हो सकती है.
और भी ग्रहों पर मिलता है फॉस्फीन
मजेदार बात यह है कि जहां पृथ्वी पर फॉस्फीन जैविक क्रियाओं से ही पैदा होती है, यही गैस गुरू और शनि जैसे गैसीय ग्रहों के वायुमडंल में भी पाई जाती हैं. पृथ्वी पर यह दलदल, कीचड़ आदि में पाए जाने वाले जैविक पदार्थों के विखंडन से बनती है. फॉस्फीन एक फॉस्फोरस और तीन हाइड्रजोन परमाणुओं से बना एक सरल रसायन है.
शुक्र पर कितनी संभावना
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह गैस बहुत ही आसानी से बन जाती होगी लेकिन ऐसा है नहीं. शुक्र ग्रह पर यह स्पष्ट नहीं है कि यह कैसे बन सकती है. वहां इस गैस के बनने के कई तरीके हो सकते हैं, जैसे कि बिजली चमकने से या फिर ज्वालामुखी जैसी गतिविधियों से. लेकिन ,सोफिया को शुक्र ग्रह पर ऐसा होने की कोई भी गुंजाइश नजर नहीं आई है.
कैसे किया गया अवलोकन
साल 2020 की रिपोर्ट के बाद बहुत सारे टेलीस्कोप ने शुक्र ग्रह का अवलोकन किया. एक विमान पर स्थित सोफिया ने नवंबर 2021 में तीन उड़ानों से शुक्र के वायुमंडल का पृथ्वी के ऊपरी वायुमडंल से ही अवलोकन किया और शुक्र के वायुमंडल की 75 से 110 किलोमीटर ऊंचाई का अध्ययन किया जहां पहले फॉस्फीन पाए जाने का दावा किया गया था. पाया गया कि यदि शुक्र के वायुमंडल में किसी तरह से फॉस्फीन होता तो वह अधिकतम केवल 0.8 पार्टस् पर बिलियन ही हो सकता है जो कि शुरुआती आकलन की तुलना में बहुत ही कम है.