विज्ञान

...तो इसलिए छोटे होते थे टी रेक्स के हाथ, अध्ययन में मिली नई जानकारी

Gulabi Jagat
10 April 2022 5:40 AM GMT
...तो इसलिए छोटे होते थे टी रेक्स के हाथ, अध्ययन में मिली नई जानकारी
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अध्ययन में मिली नई जानकारी
6.6 करोड़ साल पहल दुनिया पर राज करने वाले डायनासोर (Dinosaurs) के बारे में सारी जानकारी उनके अवशेषों (Fossils of Dinosaurs) से ही मिली है जिनमें अधिकांश हड्डियां ही हैं. बहुत कम अवशेष इतने अधिक संरक्षित रह सके हैं कि उससे उनके बाकी अंगों की जानकारी मिल सकी है. लेकिन अधिकांश के बारे में भी पूरी जानकारी का अभाव है इनमें टायरेनोसॉरस रेक्स (Tyrannosaurus Rex) की छोटी भुजाएं भी शामिल हैं. टी रेक्स की तस्वीर जो वैज्ञानिक पेश करते हैं उसमें विशालकाय शरीर तो आकर्षित करता है, लेकिन छोटी भुजाएं हैरान ही करती हैं. नए अध्ययन में इन भुजाओं के अनोखी वजह बताई गई है.
क्या है वजह
इस अध्ययन में अनोखी अवधारणा दी गई है कि टी रेक्स की छोटी भुजा होने के पीछे की वजह यह है कि कहीं दूसरे टीरेक्स गलती से या फिर दूसरे जानवरों को खाते समय जोश जोश में उनकी भुजा ना खा लें. इस तरह की भुजा होने से उनके कटने या खा लिए जाने की संभावना कम होती है.
असंभव नहीं है ये
इस अध्ययन के प्रमुख लेखकऔर बर्केले की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के समग्रता जीवविज्ञानी केविन पेडियान ने बताया, "क्या हो अलग बहुत से व्यस्क टायरेनोसॉर किसी एक जीव को खाने के लिए मिल जाएं. ऐसे में बड़े जबड़े और दांत वाले विशाल जीव एक साथ ही टूट पड़ेंगें और संभव है कि एक दूसरे को हटाने में अपनी भुजाएं इस्तेमाल करें. ऐसे में छोटी भुजाओं का फायदा मिलेगा क्योंकि उनका इस्तेमाल शिकार करने या खाने के लिए नहीं होता है. "
नई जानकारी मिलती जा रही है
जीवाश्मविज्ञानी को जैसे जैसे डायनासोर के और ज्यादा अवशेष मिलते जा रहे हैं उन्हें नई नई जानकारी मिल रही है. जीवाश्मों में चमड़ी और अन्य अंगों के अध्ययन से वैज्ञानिक डायनासोर की आकृति और शारीरिक संरचना के बारे में काफी जानकारी हासिल करने में सफल हुए हैं. इसमें हड्डियों की स्थितियों का पता चलने और पदचिन्हों से वैज्ञानिकों को डायनासोर के आदतों के बारे में भी पता चलने लगा है.

कितना मुश्किल है यह जानना
जीवों के विकास के जटिल सवालों का जवाब आसान नहीं होता. ऐसा उन प्रजातियों के लिए भी मुश्किल है जिनके बर्ताव का वैज्ञानिक अवलोकन कर सकते हैं या जिनके पूर्वजों के पूरे जीनोम तक उनकी पहुंच बन गई है. ऐसे में टी रेक्स जैसे जानवरों के बारे में विस्तार से जानना और भी मुश्किल हो जाता है.
बहुत छोटी है भुजा
टीरेक्स की भुजा काफी छोटी है. अनुपातिक तौर पर वह दूसरे कई जानवरों की तुलना में भी छोटी है. जहां टी रेक्स की लंबाई करीब 14 मीटर की होती है और उसका सिर 1.5 मीटर का होता है ऐसे मे उसकी भुजा की लंबाई केवल एक मीटर ही होगा. यह ऐसा है जैसे 6 फुट के मान की भुजा की लंबाई केवल 12 सेंटीमीटर ही हो.
पूरे जीवाश्म में मापन कर किया अध्ययन
अपनी अवधारणा की कारगारता को जांचने के लिए पैडियन ने MOR 555 जीवाश्म का पूरा मापन किया जो एक डायनासोर का संपूर्ण जीवाश्म नमूनना था. इन मापनों के आधार पर उन्होंने सुझाया कि टी रेक्स की भुजाएं छोटी होने के साथ बहुत कमजोर भी थी. इसलिए सेक्स के दौरान इनकी मदद नहीं ली जा सकती थी. उन्होंने सुझाया है कि इसी वजह से टी रेक्स समूह में भोज नहीं करते होंगे.
छोटी भुजा का फायदा
पैडियन अपने शोधपत्र में दलीलदी कि लंबी भुजाएं ना होने की वजह से उनका जबड़ा इतना विनाशक तौर पर विकसित हो गया होगा. हाथ में जहां जख्म लगने, कट जाने, संक्रमण, बीमारी और मौत तक के खतरे होते हैं इसी वजह से ये धीरे धीरे छोटे होते चले गए होंगे. इसी के आधार पर पैडियन ने यह अवधारणा दी कि आगे की भुजाओं का आकार कम होने चयन के सिद्धांत का दूसरा कार्य होगा. ऐसे में हमें भुजा के कम होने पर उसके कार्य नहीं बल्कि यह देखना चाहिए कि भुजा छोटी होने से बड़े उद्देश्यकी पूर्ति कैसे हुई. दूसरे सुझावों की तरह यह भी एक अवधारणा ही है. लेकिन पैडियन को उम्मीद है कि शोधकर्ता इसकी जांच कर पाएंगे.
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