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महाविनाशक! ...तो हर हफ्ते अंतरिक्ष में होंगे 1600 हादसे? शोलों की तरह धरती की तरफ आएंगे जलते हुए, जानिए वजह

Admin2
21 Aug 2021 6:31 AM GMT
महाविनाशक! ...तो हर हफ्ते अंतरिक्ष में होंगे 1600 हादसे? शोलों की तरह धरती की तरफ आएंगे जलते हुए, जानिए वजह
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वो दिन दूर नहीं जब अंतरिक्ष में आए दिन आतिशबाजी देखने को मिलेगी. क्योंकि धरती के चारों तरफ सैटेलाइट्स इतने ज्यादा हो जाएंगे कि उनकी टक्कर होगी. वो धरती की तरफ भी आएंगे. शोलों की तरह जलते हुए. स्पेस में हुई टक्कर से काफी नुकसान हो सकता है. इस मामले में अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान होने की आशंका है तो वो है एलन मस्क (Elon Musk) को. क्योंकि उनकी कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) द्वारा भेजे गए स्टारलिंक सैटेलाइट्स (Starlink Satellites) की वजह से हर हफ्ते अंतरिक्ष 1600 हादसे होते-होते बच रहे हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ साउथहैम्पटन्स एस्ट्रोनॉटिक्स रिसर्च ग्रुप के प्रमुख ह्यू लेविस ने बताया कि अंतरिक्ष में इस समय जितने भी हादसे होते-होते बच रहे हैं, उनमें से आधे तो एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के स्टारलिंक सैटेलाइट्स की वजह से हैं. यहां पर अंतरिक्ष में हादसों का मतलब है दो सैटेलाइट्स का आपस में टकराना. इनकी वजह से अन्य सैटेलाइट ऑपरेटर्स के उपग्रहों को भी खतरा है.
ह्यू लेविस ने अपनी स्टडी में कहा है कि स्पेसएक्स के स्टारलिंक सैटेलाइट्स एक दूसरे से करीब एक किलोमीटर की दूरी से गुजरते हैं. ऐसी घटनाएं हर हफ्ते 1600 बार हो रही हैं. ये भविष्य में और बढ़ सकती हैं, क्योंकि स्पेसएक्स अपने सैटेलाइट्स की संख्या काफी तेजी से बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है. आपको बता दें कि स्पेसएक्स स्टालिंक सैटेलाइट्स का एक जाल पूरी धरती के चारों तरफ बिछाना चाहती है, जिसके जरिए वो दुनियाभर को इंटरनेट प्रोवाइड करेंगे.
ह्यू लेविस कहते हैं कि इस समय स्पेसएक्स के स्टारलिंक सैटेलाइट्स खुद के लिए और अन्य देशों के सैटेलाइट्स के लिए बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं. इस समय स्टारलिंक सैटेलाइट्स हर हफ्ते 500 बार टकराते-टकराते बचते हैं. जो कि किसी भी अन्य सैटेलाइट के समूह की आपसी टक्कर से काफी कम है. अभी स्पेसएक्स की योजना है कि वो हजारों और स्टालिंक सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में छोड़ेगा, जबकि...अभी उसके 1735 सैटेलाइट्स अंतरिक्ष में धरती का चक्कर लगा रहे हैं.
लेविस आगे कहते हैं कि अगर इसी तरह अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स बढ़ते रहे तो भविष्य में इंसानी मिशनों को इनके बीच से गुजरना मुश्किल हो जाएगा. चांद, मंगल और अंतरिक्ष स्टेशन तक आने-जाने में दिक्कत होगी. इनकी वजह से बड़े हादसे भी सकते हैं. जिससे काफी ज्यादा आर्थिक नुकसान होने की आशंका है. स्पेस ट्रैफिक मैनेजमेंट कंपनी केहान स्पेस के सह संस्थापक सिमैक हेसार ने कहा कि अंतरिक्ष में ट्रैफिक बढ़ेगा तो जाम भी लगेगा और हादसे भी होंगे.
हेसार कहते हैं कि यह स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है. इसे नियंत्रित करना होगा. या फिर ऐसे सैटेलाइट्स बनाने होंगे जो कई देशों को अलग-अलग तरह की सेवाएं एकसाथ दें. इससे सैटेलाइट्स की संख्या अंतरिक्ष में कम होगी. दूसरा अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स के टकराने के बाद धरती पर कचरा गिरने का डर रहता है. अगर रिहायशी इलाकों में एक छोटा सा कचरा भी गिरता है तो वो काफी ज्यादा नुकसान कर सकता है.
यह समस्या इतनी बड़ी है कि इसे रोक पाना मुश्किल होता जा रहा है. फिलहाल ज्यादातर सैटेलाइट्स को धरती से कमांड दिए जाते हैं. अगर ऐसे में इनका नियंत्रण खो जाए तो ये खतरनाक स्थिति पैदा कर सकते हैं. इन सैटेलाइट्स की दूरी और इनसे उत्पन्न होने वाले खतरों को मापना आसान नहीं है.
सिमैक हेसार कहते हैं कि ये ठीक वैसा ही होगा जैसे हाईवे पर एक के बाद एक करके कई गाड़ियां टकरा जाती हैं. या फिर दो गाड़ियां टकराती हैं. टक्कर के समय तक गति और संतुलन पर नियंत्रण पर खो जाता है. नुकसान होने लगता है. किसी को कुछ समझ में नहीं आता कि हादसे के समय क्या करे. बाद में फिर सड़क पर तो सफाई हो जाती है लेकिन अंतरिक्ष में कैसे सफाई की जाएगी.


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