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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज से 17 करोड़ साल पहले एक विशालकाय उड़ने वाले सरीसृप का आसमान पर राज था। अब इसके जीवाश्म स्काई द्वीप पर खोजे गए हैं। इस खतरनाक जानवर के बेहद नुकीले दांत थे। इसके पंख 8 फीट तक फैले थे जो इसे अब तक का सबसे बड़ा जुरासिक टेरोसॉर बनाते हैं। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी की छात्र अमेलिया पेनी ने एक सुदूर समुद्री किनारे पर इसके जीवाश्म खोजे हैं। जीवाश्मों की खुदाई करते समय टीम के सामने ज्वार एक बड़ी चुनौती था जो किनारे पर मौजूद हर चीज को पानी में बहा सकता था।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक इस नई प्रजाति को 'Dearc Sgiathanach' नाम दिया गया है, जिसका मतलब होता है 'पंखों वाला सरीसृप'। यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ जियोसाइंस के प्रोफेसर स्टीव ब्रुसेट ने इन जीवाश्मों को 'प्राचीन और बेहद संरक्षित' कहा है। उन्होंने कहा कि इनके एक झुंड को देखना किसी डरावनी फिल्म को देखने जैसा होगा। शिकारी का नीचे आना और अपने शिकार को खाना, वाकई दिल दहला देने वाला नजारा होता होगा।
पिंजड़े की तरह थे नुकीले दांत
ब्रुसेट के मुताबिक इनके लंबे और नुकीले दांत थे जो जबड़ा बंद होने पर किसी पिजड़े की तरह दिखते थे। ये मछली पकड़ने के लिए एकदम सटीक थे। इन जानवरों के आसपास मौजूद होने पर मैं समुद्र के किनारे जाना बिल्कुल पसंद नहीं करूंगा। उन्होंने कहा कि यह दुनिया में अब तक का पाया गया सबसे सुंदर, प्राचीन और बेहद संरक्षित टेरोसॉर कंकालों में से एक है। यह बिल्कुल नई प्रजाति है जो दिखाती है कि जुरासिक काल के उड़ने वाले सरीसृप पूर्व अनुमान की तुलना में कहीं ज्यादा बड़े होते थे।
जुरासिक काल का सबसे बड़ा टेरोसॉर
पीएचडी छात्र नतालिया जगिएल्स्का ने कहा कि इस जानवर के 24 दांत थे जो धारदार बने रहने के लिए टूटकर दोबारा उगते थे। उन्होंने कहा कि यह जुरासिक काल का सबसे बड़ा ज्ञात टेरोसॉर है। इससे हमें पता चलता है कि क्रेटेशियस काल से बहुत पहले जब उनकी तुलना पक्षियों से होती थी, टेरोसॉर हमारे अनुमान से पहले ही बहुत बड़े हो गए थे। एडिनबर्ग में नेशनल म्यूजियम ऑफ स्कॉटलैंड में कल जीवाश्म सभी के सामने रखा गया था।
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