विज्ञान

सिरिशा बांदला अंतरिक्ष में आज रखेंगी कदम, स्पेस में पूरा करेंगी NASA का दिया ये मुश्किल काम

Rani Sahu
11 July 2021 10:04 AM GMT
सिरिशा बांदला अंतरिक्ष में आज रखेंगी कदम, स्पेस में पूरा करेंगी NASA का दिया ये मुश्किल काम
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भारत में जन्मी सिरिशा अंतरिक्ष में आज रखेंगी कदम

Virgin Galactic Flight: भारतीय मूल की एयरोनॉटिकल इंजीनियर सिरिशा बांदला आज अंतरिक्ष में कदम रखने जा रही हैं. उड़ान के दौरान वह महत्वपूर्ण पौधे से जुड़ा एक प्रयोग करेंगी. जिसके जरिए डाटा एकत्रित किया जाएगा. सिरिशा नासा के पौधों से जुड़े एक प्रयोग को सक्रिय करेंगी. वह अंतरिक्षयान कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक (Virgin Galactic) में काम करती हैं और कंपनी की यूनिटी 22 उड़ान का हिस्सा हैं. 11 जुलाई को अरबपति रिचर्ड ब्रेनसन वर्जिन गैलेक्टिक के कर्मचरियों सहित अंतरिक्ष के सफर पर जा रहे हैं.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने शनिवार को बताया कि वर्जिन गैलेक्टिक में सरकारी मामलों और अनुसंधान कार्यों की उपाध्यक्ष सिरिशा बांदला फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की ओर से 'यूनिटी 22' उड़ान के दौरान ये प्रयोग करेंगी. वह इस प्रयोग के हिस्से के रूप में तीन पौधों से भरे ट्यूब को रिलीज करेंगी (Sirisha Bandla Space Mission). ये काम माइक्रोग्रैविटी में प्रवेश करने से ठीक पहले और माइक्रोग्रैविटी के समापन के बाद मानक पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल पर किया जाएगा.
प्रयोग से मिलेंगे कई सवालों के जवाब
विश्वविद्यालय के शोधकर्ता इससे पहले अतीत में हुई उड़ान के दौरान ये प्रयोग कर चुके हैं. लेकिन अब यूनिटी 22 उड़ान के जरिए भी डाटा एकत्रित होगा (NASA Plant Experiment). ये शोधकर्ता बीते कई साल से पैधों के जरिए जैविक परिवर्तनों का अध्ययन कर रहे हैं. यह इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं कि जब पौधे पृथ्वी के वायुमंडल से अंतरिक्ष में जाते हैं, तो उनमें क्या परिवर्तन आता है. सिरिशा जो प्रयोग करेंगी, उससे कई सवालों के जवाब मिलेंगे. जैसे कि अंतरिक्ष यात्रा इंसानों और अन्य जीवों को कैसे प्रभावित कर सकती है.
1990 के दशक में शुरू किया अध्ययन
शोधकर्ता रॉबर्ट फेरल और अन्ना-लिसा पॉल ने 1990 के दशक में ये अध्ययन करना शुरू किया था कि स्पेस शटल प्रयोगों के साथ मॉलिक्यूलर लेवल पर माइक्रोग्रैविटी में पौधे कैसी प्रतिक्रिया देते हैं. मतलब इनमें कोई बदलाव आता है या फिर नहीं (Sirisha Bandla NASA Task). इनका ऐसा मानना है कि पौधे धरती के मुकाबले अंतरिक्ष में अलग तरह से व्यवाहर करते हैं. पॉल का कहना है, 'हमारे शरीर में लगभग आधे जीन्स पौधों के जैसे ही प्रोटीन को इनकोड करते हैं. अभी हम ये पता लगा रहे हैं कि गुरुत्वार्षण के बिना पौधे कैसे प्रभावित होते हैं.'


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