विज्ञान

तबाही का संकेत! ग्रीनलैंड ने एक दिन में गंवाई 850 करोड़ टन बर्फ, वैज्ञानिकों ने लगाया ये अनुमान

Gulabi
3 Aug 2021 9:24 AM GMT
तबाही का संकेत! ग्रीनलैंड ने एक दिन में गंवाई 850 करोड़ टन बर्फ, वैज्ञानिकों ने लगाया ये अनुमान
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वैज्ञानिकों ने लगाया ये अनुमान

बर्फीला उत्तरी ग्रीनलैंड भी अब हीटवेव (heatwaves) का शिकार होने लगा है. 27 जुलाई को यहां भारी मात्रा में बर्फ पिघली है. इस वजह से गर्मियों के औसत तापमान से दोगुना यानी करीब 20 डिग्री सेल्सियस टेम्पेरेचर दर्ज किया गया.


डैनिश मेट्रोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के मुताबिक 27 जुलाई को ग्रीनलैंड में करीब 850 करोड़ टन पिघल गई. यह बर्फ इतनी ज्यादा है कि कुछ ही घंटों में यूपी जैसे बड़े राज्य को भी डुबो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार इतने पानी में अमेरिकी प्रांत फ्लोरिडा में 4 इंच तक पानी भर सकता है. हालांकि 2019 में रिकॉर्ड 1250 करोड़ टन बर्फ पिघली थी.


बर्फ के पिघलने से जमीन के नीचे की बर्फ सामने आने लगी है, जो सूर्य की रोशनी को वापस फेंकने की बजाय सोख लेती है. कोलंबिया यूनिवर्सिटी के रिसर्च प्रोफेसर मार्को टेडेस्को का कहना है कि अन्य सीजन की तुलना में ग्रीनलैंड की स्थिति इस समय ज्यादा चिंताजनक है.


वैज्ञानिकों का अनुमान है कि पिछले कुछ दशकों में बढ़े समुद्री जलस्तर को बढ़ाने में 25 फीसदी योगदान ग्रीनलैंड की पिघली बर्फ का है. अगर पूरे ग्रीनलैंड की बर्फ पिघल जाती है तो वैश्विक जलस्तर 20 फीट तक बढ़ सकता है.


ग्रीनलैंड की आइस शीट की बात करें तो मीठे पानी की बर्फ के मामले में धरती पर यह दूसरे नंबर पर है. अंटार्कटिका के बाद सबसे ज्यादा बर्फ करीब 18 लाख वर्ग किलोमीटर यहीं पर है. ग्रीनलैंड में बर्फ के पिघलने की शुरुआत 1990 में हुई थी.


मगर 2000 के बाद से इसके पिघलने में काफी तेजी आ गई है. 2000 से पहले की तुलना में अब बर्फ चार गुना ज्यादा तेजी से पिघल रही है.


आमतौर पर ग्रीनलैंड में जून से बर्फ के पिघलने का दौर शुरू होता है, जो अगस्त तक रहता है. मगर डाटा दिखाते हैं कि इस द्वीप ने जून से लेकर अब तक 10 हजार करोड़ टन बर्फ गंवा दी है.



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