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एलन मस्क को झटका
इंसान के दिमाग में चिप लगाकर उसे सोचकर कंट्रोल करने वाले एलन मस्क के 'न्यूरालिंक प्रोजेक्ट' को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जिन 23 बंदरों में 'न्यूरालिंक चिप' टेस्टिंग के लिए लगाई गई थी, उसमें से लगभग 15 बंदरों की मौत हो गई है। इन बंदरों में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफाेर्निया डेविस में साल 2017 से 2020 के बीच चिप लगाई गई थी।
दरअसल, जानवरों के अधिकार के लिए लड़ने वाले फिजिशियंस कमेटी फॉर रिस्पॉन्सिबल मेडिसिन ग्रुप (PCRM) ने 700 से ज्यादा पेज के डाक्यूमेंट्स और दूसरे रिकॉर्ड्स को स्टडी किया। इसके बाद ये बात सामने आई कि जिन बंदरों में चिप लगाई गई वो कमजोर स्वास्थ्य प्रभावों से प्रभावित हुए। रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि न्यूरालिंक चिप को बंदरों की खोपड़ी में छेद करके लगाया गया।
इससे ब्लड इंफेक्शन हो गया और उनकी मौत हो गई। एक बंदर लगातार उल्टी करने लगा जिससे उसकी मौत हो गई। ऑटोप्सी रिपोर्ट में बताया गया है कि बंदरों को ब्रेन हैमरेज हुआ था।
2016 में शुरू किया गया था न्यूरालिंक प्रोजेक्ट
न्यूरालिंक प्रोजेक्ट को साल 2016 में शुरू किया गया था। इससे लोगों को सीरियस ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड में लगी चोट से रिकवर करने के उद्देश्य से बनाया गया है। ये भी कहा गया है कि लोगों को इंटरनेट से कनेक्ट करने के अलावा ये डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर को ठीक कर सकता है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, न्यूरालिंक इसी साल से ह्यूमन पर इसका ट्रायल शुरू करने वाला है, लेकिन इस खुलासे के बाद इस प्रोजेक्ट पर आगे क्या असर हाेता है, इस पर लाेगाें की नजरें टिकी हुई हैं।
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