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मंदिरों का इतिहास ऐसा है कि वह भारत को परिभाषित करते हैं और इसे स्वर्ग से जोड़ते हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आध्यात्मिक:- ऋषि मुनियों से लेकर देवी देवताओं की जन्म भूमि भारत अपने भीतर कई रहस्यों को छुपाए हुए है। कहा जाता है यदि इस सम्पूर्ण विश्व मे कही धर्म है तो वह सिर्फ भारत में है भारत धर्म को अपना मूल मानता है और इसी के नियमो से बंधा हुआ है। लेकिन आज के समय मे भारत मे कई ऐसे लोग हैं जो धर्म के नाम पर लोगो को भ्रमित कर रहे हैं और उन्हें वास्तविक इतिहास से दूर कर भ्रामक इतिहास से जोड़ रहे हैं।
लेकिन भारत मे कुछ मंदिर ऐसे हैं जिनका इतिहास कोई नहीं जानता लेकिन वह धर्म की स्थापना करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। उन मंदिरों का इतिहास ऐसा है कि वह भारत को परिभाषित करते हैं और इसे स्वर्ग से जोड़ते हैं।
इन्ही रहस्मयी मन्दिरों में एक नाम है कैलाश का। कैलाश पर्वत जो की नीलकंठ शिव का सबसे प्रिय स्थान था और शिव अपनी अर्धांगिनी के साथ यही रहते थे। यह दुनिया का सबसे बड़ा पर्वत माना जाता है। धर्मशास्त्र के मुताबिक यह अप्राकृतिक शक्तियों का केंद्र है यहां सिर्फ वही आत्माएं निवास कर सकती है जिनका मन साफ हो और वह किसी के विषय मे गलत विचार न रखती हों।
कैलाश पर्वत के संदर्भ में वैज्ञानिकों का कहना है कि यह पिरामिड नुमा आकृति का है इसे विश्व का केंद्र कहा जा सकता है। यह एक्सिस मुंडी है जिसका अर्थ होता है नाभी। कैलाश पर्वत आकाश और पाताल का मध्यस्थ बिंदु है जहां 10 दिशाएं मिलती है। कहा जाता है एक्सिस मुंडी पर अलौकिक शक्तियों का प्रवाह होता है और इनसे सकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
कैलाश पर्वत के आसपास आज भी तपस्वियों का तप है यह आज भी लोगो का मार्गदर्शन करते हैं और यहां जो भी जाता है वह सुकून की अनुभूति करता है। वैज्ञानिकों का कहना है की रात के समय कैलाश पर्वत से डमरू की ध्वनि निकलती है जो शिव के होने का साक्ष्य है वही आज तक इस पर्वत पर कोई गलत उद्देश्य से नहीं जा पाया है यहां जो भी गया है वह किसी सकारात्मक उद्देश्य के साथ गया है।
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