विज्ञान

समुद्री सांपों ने स्कूबा डाइवर को समझा 'गर्लफ्रेंड', प्रजनन के मौसम में किया पीछा!

Rani Sahu
19 Aug 2021 6:57 PM GMT
समुद्री सांपों ने स्कूबा डाइवर को समझा गर्लफ्रेंड, प्रजनन के मौसम में किया पीछा!
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ऑस्ट्रेलिया में एक स्कूबा डाइवर जब भी समुद्री सांपों (Sea snakes) के पास जाता था तो वे उसके पैर से चिपक जाते थे। कई बार उसका पीछा भी करते थे

ऑस्ट्रेलिया में एक स्कूबा डाइवर जब भी समुद्री सांपों (Sea snakes) के पास जाता था तो वे उसके पैर से चिपक जाते थे। कई बार उसका पीछा भी करते थे। पहले तो उसे समझ नहीं आया कि आखिर इसके पीछे क्या वजह थी। अब एक स्टडी में डाइवर ने रिसर्चर्स के साथ मिलकर पाया है कि ये जीव उसे अपनी 'गर्लफ्रेंड' समझने लगे थे। दरअसल, यह प्रजनन का वक्त था और इन नर सांपों को लगा कि वे मादा को लुभा रहे हैं।

ढूंढ रहे थे गर्लफ्रेंड
इस स्टडी में ऐसी 158 घटनाओं को स्टडी किया गया। ग्रेट बैरियर रीफ में ऑलिव सी स्नेक को ऑब्जर्व करने पर पाया गया कि इस मौसम में ऐसी घटनाएं आम होती हैं। स्टडी के लीड लेखक और ऑस्ट्रेलिया की मक्वेरी यूनिवर्सिटी में रेप्टाइल एक्सपर्ट रिक शाइन ने लाइव साइंस को बताया है कि नर काफी उत्साहित होते हैं और सक्रियता से 'गर्लफ्रेंड' ढूंढते हैं। हालांकि, ये मादा सांप और स्कूबा डाइवर में अंतर नहीं कर पाते। यह स्टडी साइंटिफिक रिपोर्ट्स जर्नल में छपी है।
Shaman Snake-Stick: फिनलैंड में मिली 4,400 साल पुरानी तांत्रिक की छड़ी, सांप की नक्काशी का जादू-टोने से कनेक्शन?
इस पर स्टडी करने वाले यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कू के डॉ. सातू कोइविस्टो ने कहा है कि बारीक नक्काशी से सजी इस सांप जैसी छड़ी में इतिहास की झलक दिखती है। उनका कहना है कि उन्होंने कई खोजें की हैं लेकिन इससे देखकर वह हैरान रह गए। इस दौरान की चट्टानी कलाकारियों में सांप के आकार के ऑब्जेक्ट इंसानों के हाथ में दिखाए गए हैं। इसलिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह किसी जादू-टोने जैसे काम के लिए इस्तेमाल की जाती होगी। स्टडी में शामिल यूनिवर्सिटी ऑफ हेलसिंकी की रिसर्चर डॉ. ऐन्टी लहेल्मा के मुताबिक इस छड़ी से इतिहास में ऐसे रिवाजों की ओर इशारा जाता है जहां शामन (तांत्रिक) सांप का इस्तेमाल करते थे।
जिस जगह पर यह छड़ी मिली है उसकी खोज 1950 में हुई थी लेकिन उसकी खुदाई पूरी तरह से नहीं की गई। 2019 के बाद से इसपर ध्यान दिया गया। यहां की कंडीशन्स ऐसी हैं कि लड़की की प्राचीन चीजें बची रह सकती हैं। नई खोज में लकड़ी के बर्तन, ढांचे और मछली पकड़ने के उपकरण शामिल हैं। पुरातत्वविदों के मुताबिक इस जगह पर सिर्फ सांप जैसे छड़ी के साथ तंत्र-मंत्र नहीं होता था बल्कि कई चीजें होती थीं। इससे उस काल के लोगों को समझा जा सकता है। हालांकि, यहां का पर्यावरण बदलने के कारण जगह को नुकसान हो रहा है। हालात बदलने से इतिहास के सबूतों पर भी बुरा असर भी पड़ा है। यह रिसर्च ऐंट्क्विटी जर्नल में छपी है।
13 बार किया पीछा
टिम लिंच और शाइन सी स्नेक्स पर रिसर्च कर रहे थे और करीब 25 साल के डेटा को पब्लिश करने के बारे में ख्याल आया। अभी तक इसे लेकर सांपों का बिहेवियर बदला नहीं है। ये इंसानों पर हमला नहीं करते लेकिन उत्सुक होते हैं। ये जहरीले तो होते हैं लेकिन इनके साथ तैरने से खतरा नहीं होता है। लिंच के पास मई से अगस्त के बीच प्रजनन के मौसम के दौरान 74 बार ये सांप पहुंचे। 13 बार उन्होंने लिंच का पीछा भी किया। ये उनके पैर पर लिपट जाते थे।
Black Mamba: दुनिया का सबसे तेज, सबसे जहरीला सांप...जिसका काटा वाकई में पानी नहीं मांगता
Black Mamba का नाम सुनकर काले रंग के सांप की तस्वीर सामने आती है। हालांकि, यह सांप काला होता नहीं है। आमतौर पर यह हरे रंग का होता है। दरअसल, इसके मुंह के अंदर का हिस्सा बेहद काला होता है और कहते हैं कि इसी के चलते इसका ऐसा नाम पड़ा है। एक दावा यह भी है कि बहुत पहले पाए जाने वाले सांप ज्यादा कालापन लिए होते थे। इसलिए इसे यह नाम दिया गया। यह सांप 11 साल तक या उससे भी अधिक समय तक जीवित रहता है। इसकी लंबाई 6 फीट से लेकर 14 फीट तक की होती है। इस सांप का वजन 3.5 पाउंड के आसपास तक होता है। तंजानिया मे ब्लैक मांबा के अलावा ग्रीन मांबा भी पाया जाता है | ग्रीन मांबा सांप भी काफी विषैला होता है। पेड़ों और झाड़ झंखाड़ मे छिपा रहता है। हरा रंग होने के कारण पेड़ पौधों में इसको पहचानना बहुत मुश्किल होता है।
यह सांप कितना खतरनाक होता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जंगल के हिंसक जानवर तक इसे देखकर अपना रास्ता बदल लेते हैं। यह सांप गुस्सा होने पर पीछा करके काटने का उपक्रम करता है। यह सांप धरती पर सबसे तेज चलने वाला सांप है जो कि 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से अपने शिकार का पीछा कर सकता है। ऐसे में इसके शिकार का इससे बचना लगभग नामुमकिन है।
वैसे Black Mamba खुद इंसानों से खतरा महसूस करने पर सीधे काटता नहीं है बल्कि बचने की कोशिश करता है लेकिन अगर इसे गुस्सा आ गया तो यह एक बार में एक साथ 100 लोगों को काट सकता है। रत्नेश बताते हैं कि आज तक इसका काटा कोई शख्स जिंदा बचा हो, इसका रेकॉर्ड नहीं है। दरअसल, ये सांप गुस्सा होने पर अपनी पूरी लंबाई के साथ बिलकुल 90 डिग्री वर्टिकल पोजिशन में अपनी पूंछ पर खड़ा हो जाता है। ऐसी ही पोजिशन मे यह व्यक्ति के सिर पर या गर्दन पर काटता है। आमतौर पर सांप के हाथ या पैर पर काटने से दबाव लगाकर जहर निकाला जा सकता है लेकिन सिर या गर्दन पर ऐसा नहीं किया जा सकता। इसलिए इसके काटने पर किसी को बचाया नहीं जा सकता। इसका गुस्सा इतना तेज होता है कि खतरा महसूस होने पर ये लगातार 10-12 बार काटता है और 400 मिलीग्राम तक जहर इंसान के शरीर में छोड़ देता है। बलैक मांबा का सिर्फ 1 मिलीग्राम जहर ही इंसान को मारने के लिए काफी है।
रत्नेश बताते हैं कि वह जहां काम करते हैं उस सीस्मिक ब्लॉक में भी ब्लैक मांबा और ग्रीन मांबा की बहुतायत है। इस लिए जब भी वे सर्वे के लिए जाते हैं तो इन सापों से बचने के लिए स्नेक प्रोटेक्ट गार्ड का उपयोग करते हैं। उन्होंने बताया है कि उनके कैंप के इर्द-गिर्द मेटल की दो जालियां लगाई जाती हैं जिनके बीच की जगह में मुर्गियां छोड़ दी जाती हैं। अगर सांप बाहर से कैंप में दाखिल होता है तो मुर्गियां चिल्लाने लगती हैं जो अलार्म की तरह काम करता है। जंगलों में रहे और जंगली जानवरों के बीच बढ़े वहां की स्थानीय मसाई जनजाति के लोग फिर इस सांप से निपटते हैं।
इस सांप को लेकर कई तरह के भ्रम भी हैं। कई मौकों पर इसके मवेशियों को मारने की खबरें आईं। हालांकि, इन्हें गलत बताया गया है क्योंकि गाय-भैसों से इसे कोई खतरा नहीं होता। इसलिए उन पर यह हमला नहीं करता है। एक कहानी तो यह भी है कि Ndlondo नाम के Black Mamba के सिर पर एक पंख होता है और यह बिजली से तेज वार करता है। यह भी कहा जाता है कि यह झाड़ी में छिपकर बच्चे की तरह रोता है और अगर कोई इसे देखने जाए तो यह हमला कर देता है। हालांकि, स्थानीय एक्सपर्ट्स का कहना है बहुत पहले हुए राजा शाक और उनके सैनिकों की तुलना में इस सांप को तेज-तर्रार बताने के लिए ऐसी कहानी कही जाती है। इसे आजकर देखा नहीं गया है।
कितना खतरा?
शाइन का कहना है कि सी स्नेक जमीन पर रहने वाले सांपों से विकसित हुए हैं। इसलिए पानी के अंदर सही से देख पानी की क्षमता पूरी तरह विकसित नहीं हुई है। ये महक पर ज्यादा निर्भर करते हैं। ये चाटकर भी पता लगा सकते हैं कि सामने वाला ऑब्जेक्ट क्या है। इनकी जीभ केमिकल्स के अनैलेसिस के आधार पर मुंह के लगे एक ग्लैंड की मदद से पता लगाती है कि सांप किस चीज के पास है।


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