विज्ञान

वैज्ञानिक हुए हैरान, 3000 साल पुराने कंकाल ने खोले चीन की क्रूरता के राज

Tulsi Rao
26 May 2022 9:48 AM GMT
वैज्ञानिक हुए हैरान, 3000 साल पुराने कंकाल ने खोले चीन की क्रूरता के राज
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क वैज्ञानिकों ने एक चीनी महिला के 3000 साल पुराने कंकाल पर शोध किया. शोध से पता चला कि प्राचीन काल में चीनी, सज़ा देने के मामले में बेहद क्रूर हुआ करते थे. हाल ही में एक्टा एंथ्रोपोलोजिका सिनिका (Acta Anthropologica Sinica) जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि महिला के पैर को काट दिया गया था. इसलिए नहीं कि उसे कोई दिक्कत थी, बल्कि इसलिए कि उसे सजा दी गई थी. पहले भी पुरातत्वविदों को ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे चीन की प्राचीन सज़ा- यू (Yue) के बारे में पता चलता है.

सजा के तौर पर काटा गया महिला का पैर
वैज्ञानिकों को इस शोध में ऐसे कई सुराग मिले हैं जो इस तरफ इशारा करते हैं कि महिला के पैर को यू (Yue) के तहत काटा गया था. शोझकर्ताओं को महिला की हड्डियों में किसी भी बीमारी का ऐसा कोई लक्षण नहीं दिखा, जिसकी वजह से पैर काटना जरूरी होता. पैर को किसी चिकित्सीय उपकरण से नहीं काटा गया था, बल्कि बड़े अनुभवहीन तरीके से पैर को अलग किया गया था.
अनुभवहीन तरीके से पैर को अलग किया गया था.
चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के पुरातत्वविद् और शोध के प्रमुख लेखक, ली नैन (Li Nan) का कहना है कि शोधकर्ताओं ने पैर के कटने की बाकी संभावनाओं पर भी विचार किया था, जैसे कि दुर्घटना, युद्ध में लगी चोट या चिकित्सीय कारणों की वजह से. लेकिन गहराई से जांच करने पर पाया गया कि सजा के तौर पर ही पैर को काटा गया है.
प्राचीन सज़ा- यू (Yue) 1000 सालों तक रही
सिंघुआ चाइना लॉ रिव्यू (Tsinghua China Law Review) में 2019 के एक शोध के मुताबिक, प्राचीन चीन में 1,000 से ज्यादा सालों तक यू की सजा आम थी. दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में इस सजा को खत्म कर दिया गया था. ली नैन का कहना है कि जिस समय महिला जीवित थी, तब 500 से ज्यादा अलग-अलग तरह के अपराधों जैसे विद्रोह, धोखाधड़ी, चोरी के लिए सजा दी जी सकती थी. हालांकि ये पता नहीं है कि इस महिला को सजा क्यों दी गई थी.
ली नैन अपने साथी पुरातत्वविदों के साथ
5 सजाएं जो दिल दहला देंगी
इतिहासकारों की मानें, तो यू 2000 ईसा पूर्व, ज़िया राजवंश के सम्राटों द्वारा गुलामों के लिए लागू 5 सजाओं में से एक थी. यह प्राचीन चीन का पहला राजवंश था. 1975 में जॉर्जिया जर्नल ऑफ इंटरनेशनल एंड कम्पेरेटिव लॉ में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, छोटे अपराधों की सजा मार-पीट होती थी, लेकिन गंभीर अपराध करने वाले अपराधियों को पांचों में से कोई एक सजा दी जा सकती थी. ये सजाएं हैं- मो (Mo)- जहां चेहरे या माथे पर न मिटने वाली स्याही से टैटू बनाया जाता था, यी (Yi)- जिसमें अपराधी की नाक काट दी जाती थी, यू (Yue)- पैर काटा दिया जाता था (ज्यादा बुरे अपराधियों के दोनों पैर काट दिए जाते थे), गोंग (Gong)- बेरहमी से पूर्ण बधिया कर दिया जाता था.
पांचवी और सबसे खतरनाक थी दा पी (Da Pi), जिसमें मौत की सजा दी जाती थी. एक दर्दनाक मौत. किस्मत अच्छी रही तो सर धड़ से अलग कर दिया जाता था, नहीं तो अपराधी को जिंदा उबाल दिया जाता था या घोड़ों द्वारा शरीर को चीर दिया जाता था.
प्राचीन कांसे की मूर्तियों से पता चलता है कि जिन लोगों के पैर काट दिए जाते थे उन्हें दरबान की नौकरी पर रखा जाता था(Photo: Li Nan)
हान राजवंश के सम्राट वेन ने इन सजाओं को दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में खत्म कर दिया था. इसके बदले जुर्माना, कोड़े मारना, कड़ी मेहनत और निर्वासन जैसी सजा देने की व्यवस्था की गई. हालांकि सबसे बुरे अपराधियों के लिए मौत की सजा ही दी जाती थी.
1999 में मिला था महिला का कंकाल
ली ने कहा कि महिला का कंकाल 2,800 से 3,000 साल पुराना है, जो 1999 में चीन के उत्तर-पश्चिमी शानक्सी प्रांत में झोउयुआन (Zhouyuan) साइट पर एक मकबरे में मिला था. ली का कहना का कहना है कि शुरुआत में इस महिला के पैर को नजरंदाज़ किया गया था, लेकिन नई जांच से महिला के जीवन के बारे में और भी चीजें पता चली हैं.
शारीरिक विश्लेषण से पता चला है कि महिला की उम्र 30 से 35 वर्ष थी और उसका स्वास्थ्य अच्छा था. ऐसा लगता है कि पैर कटने के बाद उसे कोई बीमारी नहीं हुई थी. पैर की बाकी हड्डियों के विकास से पता चलता है कि महिला पैर कटने के बाद करीब पांच साल तक जीवित रही थी, उसके बाद उसकी मौत हुई. उसकी कब्र में केवल कुछ शेल्स पाए गए थए , जिससे पता चलता है कि वह गरीबी थी और उसे शायद उसके परिवार के सदस्यों ने दफनाया था


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