विज्ञान

वैज्ञानिकों ने फिर दी चेतावनी: कोरोना वायरस के इस वैरिएंट से अधिक संक्रमण और मौत का खतरा

Deepa Sahu
28 Aug 2021 1:54 PM GMT
वैज्ञानिकों ने फिर दी चेतावनी: कोरोना वायरस के इस वैरिएंट से अधिक संक्रमण और मौत का खतरा
x
कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण को सबसे बेहतरीन हथियार माना जा रहा है।

कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण को सबसे बेहतरीन हथियार माना जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक 62.29 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज मिल चुकी है। वैक्सीन की कमी न होने पाए, इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने अब तक स्वदेशी-विदेशी कुल आठ वैक्सीनों के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी है। हालांकि अब भी देश की बड़ी आबादी टीकाकरण नहीं करा रही है। इसी से संबंधित हाल ही में जारी डेटा में बताया गया है कि जिन लोगों ने अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं ली है, उनमें संक्रमण के कारण मौत का खतरा चार फीसदी से अधिक हो सकता है, वहीं वैक्सीन की केवल एक ही खुराक लेने वालों में यह खतरा 1.34 फीसदी से अधिक का हो सकता है।

इस डेटा को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों से जल्द से जल्द टीकाकरण कराने की अपील कर रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि जिन लोगों को वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है उन लोगों में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित होने का खतरा अधिक हो सकता है। गौरतलब है कि इस समय दुनियाभर में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट स्वास्थ्य संगठनों के लिए विशेष चिंता का कारण बना हुआ है।
डेल्टा वैरिएंटस से संक्रमण और मौत का खतरा

हालिया रिपोर्टस में बताया जा रहा है कि जिन लोगों ने वैक्सीन की एक भी शॉट नहीं ली है उनमें डेल्टा वैरिएंटस से संक्रमण और मौत का खतरा अधिक हो सकता है। वहीं जिन लोगों को दोनों खुराक मिल चुकी है उनमें डेल्टा वैरिएंट्स से संक्रमण के बाद मृत्यु दर शून्य प्रतिशत की देखी गई है। इस आधार पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि संभावित तीसरी लहर में किसी भी प्रकार की जटिलता से बचे रहने के लिए सभी लोगों को जल्द से जल्द टीकाकरण करा लेना चाहिए।
डेल्टा वैरिएंट को माना जा रहा है सबसे खतरनाक
दुनियाभर में मौजूदा समय में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सभी लोगों के लिए विशेष चिंता का कारण बना हुआ है। इसी वैरिएंट को लेकर हाल ही में किए गए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना के अल्फा वैरिएंट्स की तुलना में डेल्टा वैरिएंट से संक्रमण की स्थिति में रोगियों के अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम दो गुना तक हो सकता है। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है उनके लिए खतरा और अधिक हो सकता है।
अध्ययन से क्या पता चला
इंग्लैंड में एकत्र किए गए आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर वैज्ञानिकों का कहना है कि डेल्टा वैरिएंट्स से लोगों को बचकर रहने की विशेष आवश्यकता है, इसका खतरा विशेष रूप से उन स्थानों पर अधिक हो सकता है जहां पर टीकाकरण की दर कम है। अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 29 मार्च से 23 मई 2021 के बीच इंग्लैंड में 43,338 कोविड-19 रोगियों के डेटा का अध्ययन किया। वैज्ञानिकों ने पाया कि इनमें से 24 फीसदी लोगों को वैक्सीन का एक जबकि 74 फीसदी को एक की शॉट नहीं लगा था। सिर्फ 1.8 फीसदी लोग ऐसे थे जिन्हें दोनों डोज लेने के बाद संक्रमण हुआ।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
अध्ययन के प्रमुख लेखकों में से एक और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड के महामारी विज्ञानी डॉ गेविन डबरेरा कहते हैं, इस अध्ययन के निष्कर्ष से पता चलता है कि कोरोना के अल्फा वैरिएंट्स की तुलना में डेल्टा से संक्रमित होने वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संभावना काफी अधिक होती है। अध्ययन में देखने को मिला है कि जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उनमें डेल्टा वैरिएंट का खतरा अधिक होता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि डेल्टा वैरिएंट्स से सुरक्षित रखने में वैक्सीन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
Next Story