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वैज्ञानिक चाहते हैं, चाँद पर इंसान समेत लाखों जीवों का विकास

Admin4
13 March 2021 1:38 PM GMT
वैज्ञानिक चाहते हैं, चाँद पर इंसान समेत लाखों जीवों का विकास
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इंसान ने जब से होश संभाला है, उसे हमेशा यह डर खाए जाता है कि अगर धरती खत्‍म हो गई तो क्‍या मानवता खत्‍म हो जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | इंसान ने जब से होश संभाला है, उसे हमेशा यह डर खाए जाता है कि अगर धरती खत्‍म हो गई तो क्‍या मानवता खत्‍म हो जाएगी। इसी खतरे को देखते हुए अब मंगल तक यान दौड़ाए जा रहे हैं और दूसरे ग्रहों पर इंसानों की बस्तियों को बसाने की संभावना को तलाशा जा रहा है। मानव जीवन को बचाए रखने के लिए अब वैज्ञानिकों की नजर हमारे प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा पर है। इसी वजह से चंद्रमा पर वैज्ञानिक इंसानों के स्‍पर्म और अंडे भेजने जा रहे हैं।

वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा इंसान के स्‍थायी रूप से रहने के लिए आदर्श जगह नहीं हो सकता है लेकिन इसे हमारे अनमोल संसाधनों को सुरक्षित रखने के लिए एक स्‍टोरेज यूनिट के रूप में इस्‍तेमाल किया जा सकता है। न्‍यूयॉर्क पोस्‍ट की खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक जीन बैंक बनाने का प्रस्‍ताव दिया है। इस जीन बैंक में इंसान के साथ-साथ धरती पर पाए जाने वाले 67 लाख जीवों के प्रजनन से संबंधित कोशिकाओं, स्‍पर्म और अंडों के नमूनों को संग्रह करके रखा जा सकेगा।
जीन बैंक एक 'आधुनिक वैश्विक इंश्‍योरेंस पॉलिसी'
चंद्रमा पर बनाए जाने वाले इस जीन बैंक को एक 'आधुनिक वैश्विक इंश्‍योरेंस पॉलिसी' के रूप में देखा जा रहा है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के इंजीनियर जेकान थांगा की टीम ने इस बैंक को बनाने का प्रस्‍ताव दिया है। उन्‍होंने कहा कि करोड़ों स्‍पर्म और अंडों को चंद्रमा पर भेजकर उन्‍हें सुरक्षित रखा जा सकेगा। थांगा ने रविवार को एक सम्‍मेलन में कहा क‍ि धरती पर बढ़ती अस्थिरता की वजह से यहां इकट्ठा किया गया नमूना हमेशा संकट में रहेगा।
थांगा ने कहा कि चंद्रमा पर इंसानी जीन बैंक बनाने के काम को जल्‍द से जल्‍द पूरा करने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि वैश्विक आपदा की सूरत में हम इस बैंक के जरिए धरती पर पाए जाने वाले जीवों को बचा सकते हैं। थांगा ने कहा कि धरती पर पाए जाने वाले कई पौधे और पशु गंभीर रूप से विलुप्‍त होने की कगार पर हैं। उन्‍होंने इंडोनेशिया के माउंट तोबा का उदाहरण दिया जो 75 हजार साल पहले फटा था और इसके बाद 1000 साल लग गए थे, सबकुछ शांत होने में। बता दें कि आर्कटिक समुद्र में स्पिट्सबर्गन द्वीप पर स्‍वालबार्ड ग्‍लोबल सीड वाल्‍ट बनाया गया है। यहां पर 9,92,000 नमूने हैं जिसमें प्रत्‍येक के 500 बीज हैं।


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