विज्ञान

वैज्ञानिक हैरान, चांद पर दिखीं रहस्यमयी गोलियां

Gulabi Jagat
20 April 2022 6:22 AM GMT
वैज्ञानिक हैरान, चांद पर दिखीं रहस्यमयी गोलियां
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च्रदंमा के रहस्यों को जानने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं
Glass Balls on Moon: च्रदंमा के रहस्यों को जानने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं।च्रदंमा के रहस्यों को जानने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं। आए दिन चांद पर कुछ न कुछ अजीबोगरीब चीज देखी जाती है जिनके बारे में अलग-अलग दावे किए जाते हैं। अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ है। चीनी रोवर युतु-2 ने चांद पर अजीबोगरीब आकृतियों को खोजा है जो किसी चमकदार पारदर्शी कांच की गेंद तरह दिख रही हैं।
चंद्रमा की मटमैली सतह पर यह आकृतियां चमकती हुई नजर आ रही हैं जो चीनी रोवर से कुछ सौ मीटर दूर मौजूद हैं। इनके पास जाने पर यह पुष्टि हो सकती है कि आखिर यह क्या चीज हैं। इससे पहले भी युतु रोवर ने चंद्रमा पर एक हैरान करने वाली खोज थी जो झोपड़ी की आकृति जैसी दिख रही थी। बाद में इस आकृति के बारे में पता चला कि यह एक पत्थर था। रोवर के कैमरे में यह चंद्रमा के वातावरण की वजह से झोपड़ी जैसा दिख रहा था।
चांद पर दिखीं रहस्यमयी गोलियां
साइंस बुलेटिन मैगजीन में चीनी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों द्वारा यह खोज प्रकाशित की गई है। उन्होंने इन कांच के गोले के बारे में अनुमान लगाया है कि यह क्या हो सकते हैं? चंद्र मोतियों की तरह दिख रही इन कांच की गेदों का आकार 15 से 25 मिली मीटर है।
चीन के रोवर युतु-2 ने इन आकृतियों के अलावा चार अन्य वस्तुओं की भी खोज की है। वैज्ञानिकों को इन तस्वीरों के आधार इन वस्तुओं की पहचान करने में सफलता नहीं मिली है। अब रोवर इनके पास जाएगा तो इन आकृतियों की सच्चाई का पता लगेगा कि आखिर ये क्या चीज हैं।
वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि उल्कापिंड के चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद कांच की गेंद की तरह दिखने वाली आकृतियां बनी होगीं। उनका अनुमान है कि इसकी वजह से चंद्रमा की कुछ सतह गर्म हो गई होंगी और कांच में परिवर्तित हो गई होंगी।
वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि चंद्रमा पर सक्रिय प्राचीन ज्वालामुखी से किसी ज्वालामुखी कांच के बनने की संभावना है जो अभी भी चंद्रमा की सतह मौजूद है। उन्होंने बताया है कि ज्वालामुखी की गर्मी से सिलिकेट तरल के रूप में बाहर आया होगा और लुढ़कने की वजह गोल आकृति का बन गया होगा। तेजी से ठंडा होने की वजह से सिलिकेट कांच में परिवर्तित हो गया होगा।
चंद्रमा की सतह पर कांच के गोलों को उल्कापिंड के टकराकर बनने वाले क्रेटर के पास देखा गया है। इसलिए संभावना है कि इस टक्कर के बाद कांच के गोले बने हों। दूसरी संभाना है यह है कि टक्कर से चंद्रमा की सतह के नीचे दबा कांच का ये गोला बाहर आ गया हो।
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