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वैज्ञानिकों ने कहा- इस वेरिएंट के कारण दूसरी लहर में दिखी ज्यादा तबाही, जानिए इसपर कितनी कारगर हैं वैक्सीन?
भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर काफी बड़े स्तर पर देखने को मिला। पहली लहर की तुलना में, दूसरी लहर के दौरान वायरस की संक्रामकता और इसके कारण होने वाली मौतों के मामले भी काफी ज्यादा देखे गए। दूसरी लहर पर अब काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन लोगों के मन में अब भी एक सवाल बना हुआ है कि कोरोना की यह लहर इतनी संक्रामक क्यों थी? इसी सवाल का जवाब जानने कि लिए विभिन्न भारतीय संस्थानों के वैज्ञानिकों की एक टीम ने अपने हालिया अध्ययन में इससे संबंधित बड़ा खुलासा किया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि सबसे पहले भारत में पाया गया कोरोना का डेल्टा वेरियंट (बी.1.617.2), ब्रिटेन में पाए गए अल्फा वेरियंट (बी.1.1.7) की तुलना में अधिक संक्रामक है। इतना ही नहीं कोरोना का डेल्टा वेरियंट ही भारत में आई दूसरी लहर और इससे हुई तबाही का प्रमुख माना जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी डेल्टा वेरियंट को 'वेरियंट ऑफ कंसर्न' यानी कि चिंता का कारक बताया है।