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![वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया के जरिए नाले के गंदे पानी से तैयार किया ईधन वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया के जरिए नाले के गंदे पानी से तैयार किया ईधन](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/01/20/916622--.webp)
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ईधन ऐसे तैयार करेगी बैक्टीरिया
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वैज्ञानिकों ने बैक्टीरिया के जरिए नाले के गंदे पानी से ईधन तैयार किया है। स्पेन के वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि पर्पल बैक्टीरिया को सूरज की रोशनी से एनर्जी मिलती है। फिर इसका इस्तेमाल करके यह गंदे पानी से हाइड्रोजन फ्यूल को अलग करता है। यह किसी भी ऑर्गेनिक वेस्ट से कार्बन रिकवर कर सकती है। इस दौरान निकली एनर्जी का इस्तेमाल बिजली बनाने में किया जा सकता है।
ईधन ऐसे तैयार करेगी बैक्टीरिया
बैक्टीरिया पर रिसर्च करने वाली किंग जुआन कार्लोस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, जब पर्पल फोटोट्रॉपिक बैक्टीरिया को इलेक्ट्रिक करंट देते हैं तो यह किसी भी ऑर्गेनिक वेस्ट से 100 फीसदी तक कार्बन निकाल देता है। है। इस दौरान हाइड्रोजन गैस निकलती है जिसका इस्तेमाल बिजली बनाने में किया गया।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, घर और इंडस्ट्री से निकलने वाले सीवेज में बायोप्लास्टिक, एनिमल प्रोटीन और कई दूसरी चीजें भी होती हैं। इसे साफ करने का कोई सटीक तरीका नहीं है। पर्पल बैक्टीरिया इस गंदगी को ईधन में बदलने की खूबी रखता है क्योंकि इसका मेटाबॉलिज्म तेज है। यह दूसरी फोटोट्रॉपिक बैक्टीरिया और शैवाल से बेहतर है।
क्या है पर्पल बैक्टीरिया
यह ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया हैं। सूरज की रोशनी से फोटोसिंथिसिस प्रोसेस के जरिए अपना भोजन बनाता है। इसमें बैक्टीरियोक्लोरोफिल ए और बी पिगमेंट पाया जाता है। बैक्टीरिया के बैगनी रंग के लिए यही पिगमेंट जिम्मेदार है।
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