विज्ञान

वैज्ञानिकों ने बनाई खास माइक्रोचिप, अब 55 मिनट से भी कम समय में पता चल जाएगा कोरोना है या नहीं

Gulabi
26 Feb 2021 12:55 PM GMT
वैज्ञानिकों ने बनाई खास माइक्रोचिप, अब 55 मिनट से भी कम समय में पता चल जाएगा कोरोना है या नहीं
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वैज्ञानिकों ने टिकट (Ticket) के आकार की एक खास चिप (Chip) विकसित की है जो

वैज्ञानिकों ने टिकट (Ticket) के आकार की एक खास चिप (Chip) विकसित की है जो कोविड-19 की जांच (Covid-19 Test) को आसान बना देगी. इस चिप की मदद से 55 मिनट से भी कम समय में स्मार्टफोन (Smartphone) पर नतीजे मिल जाएंगे. अमेरिका में 'राइस यूनिवर्सिटी' के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित माइक्रोफ्लूइडिक चिप (Microfluidic Chip) उंगली से लिए गए खून के नमूने (Blood Samples) में सार्स कोव-2 के न्यूक्लियोकैप्सिड (एन) का विश्लेषण करती है.


रिसर्च मैग्जीन 'एसीएस सेंसर्स' में छपी रिसर्च के मुताबिक चिप उंगली पर सुई चुभाकर लिए गए ब्लड सीरम से सार्स कोव2 न्यूक्लियोकैप्सिड (एन) प्रोटीन की सांद्रता को मापता है, जो कि कोविड-19 का एक बायोमार्कर है. नैनोबीड्स चिप में सार्स कोव- 2 एन प्रोटीन को बांधता है और इसे एक विद्युत रासायनिक संवेदक तक पहुंचाता है, जो बायोमार्कर की मात्रा का पता लगाता है.

इस्तेमाल करना बेहद आसान
रिसर्चर ने कहा कि आरटी-पीसीआर जांच की तुलना में जांच का यह तरीका बहुत आसान है. अध्ययनकर्ता पीटर लिलीहोज ने कहा कि आप जांच से संबंधित समूची प्रक्रिया एक ही जगह पर कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करना भी आसान है. इसमें लैबोरेट्री की भी जरूरत नहीं होती.

यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पिछले साल मलेरिया का पता लगाने के लिए 'माइक्रोनीडल पैच' को विकसित किया था. जांच के लिए रिसर्चर्स ने स्वस्थ लोगों और कोविड-19 से संक्रमित लोगों के खून के नमूनों से इसकी पड़ताल की. रिसर्चर्स ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा 55 मिनट में माइक्रोचिप सार्सकोव2 एन प्रोटीन का पता लगा लेती है.

मास्क पर एंटी वायरल कोटिंग से बचाव का दावा
कुछ दिनों पहले आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि ब्रिटेन की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक एक एंटी-वायरल कोटिंग (Anti Viral Coating) तकनीक पर काम कर रहे हैं. इस तकनीक पर काम कर रहे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तकनीक से तैयार मास्क (Mask) एक घंटे में जानलेवा कोरोना वायरस को खत्म कर व्यक्ति को सुरक्षित कर सकता है. बता दें कि एंटी-वायरल कोटिंग तकनीक को 'डियोक्स' कहा जाता है.

'द डेली टेलीग्राफ' में छपी एक खबर के मुताबिक मास्क पर एंटी वायरल अदृश्य परत वायरस की बाहरी परत पर हमला कर प्रभावी तरीके से कोरोना वायरस के नए स्वरूपों को भी नष्ट कर सकती है, जिनमें ब्रिटेन का कथित केंट वायरस प्रकार और दक्षिण अफ्रीका में मिला कोरोना वायरस का नया प्रकार भी शामिल है.


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