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- वैज्ञानिकों को चांद पर...
हमारे सौरमंडल में पृथ्वी (Earth) से बाहर कहीं भी इंसान के लिए रहने लायक जगह नहीं है. चंद्रमा (Moon) पर वायुमंडल नहीं है और मंगल पर भी कोई बहुत आशाजनक वातावरण नहीं है. लेकिन फिर भी हमारे वैज्ञानिक चंद्रमा और मंगल पर भी रहने लायक माहौल बनाने की संभावनाएं खोज रहे हैं. इसमें चंद्रमा पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है चंद्रमा पर तापमान विविधता बहुत ही ज्यादा है. वहां और भी समस्याएं हैं, लेकिन नए अध्ययन में वैज्ञानिकों को तापमान की समस्या के समाधान के लिए चंद्रमा पर मौजूद गड्ढों (Lunar Pits on Moon) में नई रोशनी दिखाई दी है.
क्या खास है इन गड्ढों में
वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर जो गड्ढे खोजे हैं वे ऊष्मीय रूप से स्थाई इलाके हैं जहां इंसान के रहने लायक माहौल तैयार किया जा सकता है. इस समय चंद्रमा और भविष्य में मंगल पर भी इंसान को लंबे समय तक ठहराए जा सकने की व्यवस्था बनाने की क्षमता के विकास पर शोध चल रहे हैं. आने वाले समय में इस तरह के शोधों में काफी तेजी आने की संभावना है.
तापमान में कितनी विविधता
दरअसल चंद्रमा पर एक बड़ी समस्या यह है कि वहां दिन और रात के तापमान में बहुत ज्यादा अंतर होता है. चंद्रमा की सतह पर दिन के समय जहां तापमान 127 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, उसी सतह पर रात के समय तापमान माइनस 173 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में चंद्रमा पर रहने लायक माहौल बनाने के लिए उचित स्थान की तलाश एक बहुत बड़ी चुनौती है.
गड्ढों का तापमान
लेकिन वैज्ञानिकों ने पाया है कि चंद्रमा के इन गड्ढों में तापमान करीब 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही रहता है. वैज्ञानिकों ने यह खोज नासा के लूनार रेकोनायसेंस ऑर्बिटर के आंकड़ों के जरिए की है. ये गड्ढे साल 2009 में सबसे पहले खोजे गए थे. और वैज्ञानिक इसे चंद्रमा पर किए जाने वाले शोधकार्यों के लिए बहुत उपयुक्त स्थान मान रहे हैं.
लावा ट्यूब्स के लिए रास्ता
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये गड्ढे चंद्रमा पर मौजूद गुफाओं के लिए रास्ता हो सकते हैं जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों और वैज्ञानिकों के बेस का काम कर सकती हैं. जियोफिजिकल रिसर्च लैटर्स जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में बताया गया है कि ये गड्ढे चंद्रमा की सतह के नीचे मौजूद लावा से बनी गुफाओं तक पहुंच दे सकते हैं. करोड़ों साल पहले बनी ये गुफाएं एकस्थायी और ऊष्मीय रूप से सुरक्षित वातावरण प्रदान कर सकती हैं.
और विस्तार से छानबीन
एलआरओ प्रोजेक्ट वैज्ञानिक नोहा पेट्रो का कहना है कि चंद्रमा के ये गड्ढे वहां की सतह पर बहुत आकर्षक स्थान हैं. यहां स्थाई ऊष्मीय वातावरण होता है जो स्थाई आवास के लिए उपयुक्त जगह दिखाई देती है. ये गड्ढे लावा ट्यूब के छत के टूटने से बने होंगे ऐसा शोधकर्ताओं का मानना है. अब शोधकर्ता मेयर ट्रंक्वेलिटाटिस इलाके में मौजूद एक प्रमुख गड्ढे के वातावरण की छानबीन करने की योजना बना रहे हैं.
ज्यादा बेहतर आवासीय
शोधकर्ताओं का साफ कहना है कि इन गड्ढों का तापीय वातावरण चंद्रमा के अन्य स्थानोंकी तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर आवासीय है. 17 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने वाले तापमान में विविधता भी ज्यादा नहीं आती है. शोधकर्ताओं ने सौ मीटर गहरे एक फुटबॉल के मैदान के आकार के गड्ढे पर ध्यान दिया और कमप्यूटर प्रतिमान के जरिए उसकी तापीय विशेषताओं का विश्लेषण कर तापमान का चार्ट बनाया.