विज्ञान

वैज्ञानिकों का नया खोजा, आध्यात्म के लिए मानव मस्तिष्क में खास सर्किट!

Triveni
11 July 2021 10:06 AM GMT
वैज्ञानिकों का नया खोजा, आध्यात्म के लिए मानव मस्तिष्क में खास सर्किट!
x
मानव मस्तिष्क (Human Brain) के बारे में हमारे वैज्ञानिक अभी तक बहुत कम ही जानकारी हासिल कर सके हैं.

मानव मस्तिष्क (Human Brain) के बारे में हमारे वैज्ञानिक अभी तक बहुत कम ही जानकारी हासिल कर सके हैं. मस्तिष्क और मानव के व्यवहार के उससे संबंध के लिए हाल की समय में बहुत शोध हो रहे हैं. इसमें इंसान के धर्म संबंधी रुझानों और अन्य पहलुओ के मस्तिष्क से संबंधों का अध्ययन भी शामिल है. लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन ने दिमाग के ऐसे खास सर्किट (Brain Circuit) की पहचान की है जो धार्मिक और आध्यात्मिक (Spirituality) कार्यों के लिए जिममेदार होता है.

पहले ऐसे प्रयोग हुआ करते थे
इस शोध का कहना है कि आध्यात्मिकता और धार्मिकता की न्यूरोसाइंस के बिखरी है पिछले अध्ययनों ने क्रियात्मक न्यूरोइमेजिंग का उपयोग किया है जिसमें एक व्याक्ति के दिमाग का स्कैन किया जाता है जब वह इनसे संबंधित कार्य कार्यकरता है. इसके जरिए वैज्ञानिक यह जानने का प्रयास करते थे कि इस दौरान दिमाग के कौन से हिस्से सक्रिय होते थे.
इस बार कुछ नया तरीका
इन अध्ययनों ने आध्यात्म और दिमाग के बारे में बहुत सतही और असंगत तस्वीर पेश की है. ब्रिघाम के अन्वेषणकर्ताओं ने इस तरह के अध्ययन के लिए बिलकुल नया तरीका अपनाया जिसे वे आध्यात्मिकता और धार्मिकता को मस्तिष्क से जोड़ सके. उन्होंने पाया कि इनका दिमाग के एक खास सर्किट से संबंध है.
PAG में है वह सर्किट
यह दिमागी सर्किट पेरिएक्वेडक्टल ग्रे (PAG) में केंद्रित है. पेरिएक्वेडक्टल ग्रे (PAG) यह दिमाग का वह हिस्सा है जो बहुत सारे कार्यों के लिए जिम्मेदार है जिसमें डर के हालात, दर्द को नियंत्रित करने, सभी के भले के लिए किए जाने वाले बर्ताव और बिना शर्त वाला प्रेम शामिल है.
शोध में वैज्ञानिकों ने उस खास सर्किट (Brain circuit) का पता लगा है जो आध्यात्मिक से संबंधित है. (प्रतीकात्मक तस्वीर: Pixabay)
गहराई से जुड़ा है आध्यात्म
बायोलॉजिकल साइकिएट्री में प्रकाशित इस अध्ययन के करेसपॉन्डिंग लेक और ब्रिघाम के ब्रेन सर्किट थेरेप्यूटिक्स के प्रमुख अनवेषणकर्ता माइकल फर्ग्यूसन का कहना है कि उनके नतीजे सुझाते है कि आध्यामिकता और धार्मिकता न्यूरोबायोलॉजिकल गतिकी में गहारई से जुड़ी है और हमारे न्यूरो ताने बाने में जटिलता से गुंथी है.
मैपिंग तकनीक का उपयोग
फर्ग्यूसन ने बताया कि उन्हें यह जानकर हैरानी हई की यह दिमागी सर्किट आध्यात्मिकता का केंद्र है और यह दिमागी विकास के शुरुआत संरक्षित संरचनाओं में से एक है. अपने अध्ययन के लिए फर्ग्यूसन और उनके साथियों ने लेसियन नेटवर्क मैपिंग तकनीक का उपयोग किया जिससे वे जटिल मानव बर्तावों का दिमाग के खास सर्किट से संबंध पता कर सके. ये सर्किट मरीजों के दिमाग की चोटों की स्थितियों के आधार पर निर्धारित किए गए थे.
दिमाग के खास हिस्सों की चोटों ने शोधकर्ताओं को इस दिमाग के सर्किट (Brain Circuit) का पता बताया. (प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)
ऐसे मिले आंकड़े
टीम ने 88 न्यूरोसर्जिकल मरीजों का प्रकाशित आंकड़ों का उपयोग किया जिन्होंने अपने ब्रेन ट्यूमर को हटाने के लिए सर्जरी कराई थी. चोटिल स्थितियां बहुत दिमाग की अलग अलग जगहों पर फैलीं थी. मरीजों ने सर्जरी से पहले और बाद में सर्वे में आध्यात्मिक स्वीकार्यता आधारित सवालों के जवाब दिए जिसके नतीजे दूसरे आंकड़ों के समूह से वैध ठहराए गए जो चोट वाले सौ मरीजों से हासिल किया गया था इन मरीजों को वियतनाम युद्द के दौरान सिर में चोट लगी थी जिससे उनके दिमाग में जख्म हो गए.
Nikola Tesla Birthday: समय से हटकर और बहुत आगे की सोचने वाला था यह वैज्ञानिक
मैपिंग तकनीक से शोधकर्ताओं ने पाया कि पीएजी में केंद्रित खास मस्तिष्क सर्किट का आध्यात्मिकता से संबंध है. इस सर्किट में जख्मों या चोटों वाले सकारात्मक या नकारात्मक नोड हैं जिन्हें नुकसान होने पर लोगों में आध्यात्मिक विश्वास या तो बढ़ गए या घट गए. दूसरे आंकड़े के नतीजे भी शोधकर्ताओं के नतीजों से मेल खाते दिखे. शोधकर्ता अब अपने अध्ययन को दूसरे सांस्कृतिक और अन्य पृष्ठभूमि वाले लोगों पर आजमाना चाहते हैं.


Next Story