विज्ञान

वैज्ञानिकों ने विकसित की नई थ्योरी, रोबोट्स में पैदा कर सकती है जागरुकता, जानें कैसे

Gulabi
23 Oct 2020 11:27 AM GMT
वैज्ञानिकों ने विकसित की नई थ्योरी, रोबोट्स में पैदा कर सकती है जागरुकता, जानें कैसे
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इन दिनों दुनिया भर के वैज्ञानिक इस जुगत में लगे हैं कि किसी तरह से दिमाग को काबू किया जा सके.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इन दिनों दुनिया भर के वैज्ञानिक इस जुगत में लगे हैं कि किसी तरह से दिमाग को काबू किया जा सके. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से दुनिया में कई तरह के ऐसे रोबोट बन चुके हैं तो इंसान की तरह से काम कर सकते हैं. तो कई तरह सेंसर ऐसे बन रहे हैं जो इंसान की तरह महसूस कर सकते हैं. वहीं दिमाग के विचारों को पढ़ने पर भी काम चल रहा है. दिमाग के उन हिस्सों की खोज हो रही है जो खास तरह के कार्यों या भावों से संबंधित होते हैं. अब एक वैज्ञानिक ने ऐसे थ्योरी विकसित की है जो हमारी चेतना को अलग तरह से परिभाषित करती है. इससे मशीनों में जागरुक आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस विकसित की जा सकेगी

न्यूरोसाइंस ऑफ कॉन्शियसनेस जर्नल में प्रकाशित इस शोध में चेतना संबंधी इस नए सिद्धांत को सरे यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉनजो मैक्फैडन ने विकसित किया है. इस सिद्धांत के मुताबिक चेतना दिमाग (Brain) का ऊर्जा क्षेत्र है. दिमाग की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ऊर्जा दिमाग के पदार्थ (matter) को चेतना बनाने और हमें जागरुक (Aware) रहने के साथ ही सोचने के लिए सक्षम बनाती है

प्रोफेसर मैक्फैडन का मानना है कि इस सिद्धांत की मदद से चैतन्य आर्टीफीशयल इंटेलिजेंस (Conscious AI) का विकास किया जा सकता है. इससे वह कल्पना सच साबित हो जाएगी जिसके मुताबिक रोबोट्स (Robots) भी इंसान की तरह सोचने लगेंगे. अभी तक इस तरह की धारणा विज्ञान फंतासी कहानियों और फिल्मों में ही देखी जाती रही है.

अब तक की हमारी चेतना (Consciousness) और उसकी उत्पत्ति के बारे में माना जाता था कि इसका अलौकिक (Supernatural) कारण है. इसके तहत यह भी माना जाता था कि इंसान (human) जानवरों (Animal) से अलग है और उसकी आत्मा (Soul) यह चेतना (Conscious), विचार शक्ति जैसी क्षमताएं पैदा करती है.

आज ज्यादातर शोधकर्ता इस तरह की आत्मा (Soul) और शरीर (Body) की द्वैत (Duality) धारणा को खारिज कर चुके हैं. अब यह माना जाता है की मानव की चेतना (Consciousness) उसके मस्तिष्क (Brain) के ही द्वारा पैदा होती है यह अरबों तंत्रिका तंतुओं (Nerves) का एक नेटवर्क है. वहीं मैक्फैडन ने पदार्थ और आत्मा की जगह ऊर्जा को शामिल करते हुए अपना सिद्धांत दिया है

इस धारणा में इस वैज्ञानिक तथ्य को शामिल किया है जिसमें दिमाग के न्यूरॉन्स (Neurons) और तंत्रिका तंत्र (Nervous System) केवल संकेतों (Signals) का आदान प्रदान ही नहीं करते बल्कि एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक ऊर्जा (Electromagnetic Energy) को भी पास के ऊतकों ( Tissues) में भेजते हैं

मैक्फैडन ने का प्रस्ताव है कि दिमाग (Brain) की जानकारी से समृद्ध इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड (Electromagnetic Field) वास्तव में एक तरह की चेतना (Consciousness) का स्थान होती है, जहां से इच्छा (Free will) और उसके स्वैच्छिक कार्य संचालित होते हैं. इस नए सिद्धांत में क्यों को भी शामिल किया गया है. आज के कम्प्यूटरों में इस तरह की हलकी सी भी चेतना नहीं पाई जाती है. लेकिन सही तकनीक विकास से रोबोट्स में जागरुकता और सोचने की शक्ति विकसित की जा सकती है.

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