विज्ञान

वैज्ञानिकों ने बनाई प्रेग्नेंसी रोकने वाली एंटीबॉडीज, गर्भनिरोधक दवाओं के साइड इफेक्ट का खतरा घटेगा

Rani Sahu
6 Sep 2021 1:55 PM GMT
वैज्ञानिकों ने बनाई प्रेग्नेंसी रोकने वाली एंटीबॉडीज, गर्भनिरोधक दवाओं के साइड इफेक्ट का खतरा घटेगा
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अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसी एंटीबॉडीज तैयार की हैं जो गर्भनिरोधक दवा का काम करती हैं।

अमेरिकी वैज्ञानिकों ने ऐसी एंटीबॉडीज तैयार की हैं जो गर्भनिरोधक दवा का काम करती हैं। यह प्रेग्नेंसी रोकने का नॉन-हार्मोनल तरीका है यानी एंटीबॉडीज की मदद से प्रेग्नेसी भी रोक सकते हैं इसका असर आपके हार्मोंस पर भी नहीं पड़ता है। एंटीबॉडीज तैयार करने वाली अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है, यह महिलाओं के लिए नई तरह की कंट्रासेप्टिव है, जो उन्हें गर्भनिरोधक दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट से भी बचाएगी।

रिसर्च की दो बड़ी बातें
शोधकर्ताओं ने पहला ट्रायल भेड़ों पर किया, क्योंकि इसकी और महिलाओं की रिप्रोडक्ट्रिव ट्रैक्ट काफी मिलती-जुलती है। भेड़ों को एंटीबॉडीज की 333 माइक्रोग्राम की हाई डोज दी गई। इसे देने के बाद शरीर में मौजूद नेचुरल एंटीबॉडीज और नई एंटीबॉडीज ने सभी स्पर्म को एग तक पहुंचने से पहले ही रोक दिया।
दूसरे ट्रायल में शोधकर्ताओं ने भेड़ों को एंटीबॉडीज की 33.3 माइक्रोग्राम वाली लो-डोज दी। यह डोज देने पर स्पर्म को रोकने में 97 से 99 फीसदी तक कामयाबी मिली।
प्रेग्नेंसी को कैसे रोकती है एंटीबॉडी
आसान भाषा में समझें तो पुरुष का स्पर्म महिला के एग से मिलने के बाद ही भ्रूण बनता है। वैज्ञानिकों ने ऐसी ताकतवर एंटीबॉडी बनाई है जो स्पर्म को इतना कमजोर कर देती है कि वो एग तक पहुंच ही नहीं पाता है।
शोधकर्ताओं का कहना है, प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए पहला ट्रायल भेड़ों पर किया गया है। यह सफल रहा है। जानवरों में यह एंटीबॉडीज स्पर्म को रोकने में 99.9 फीसदी तक सफल रही है।
यह दूसरे गर्भनिरोधक तरीकों से क्यों है बेहतर
शोधकर्ता सैमुअल लाई का कहना है, गर्भनिरोधक दवाएं लेने के बाद महिलाओं को सिरदर्द, वजन बढ़ना, डिप्रेशन और ब्लीडिंग जैसे कई तरह के साइड इफेक्ट से गुजरना पड़ता है। इसलिए कई महिलाएं गर्भनिरोधक दवाएं लेने से बचती हैं। ऐसे खतरों से बचाने के लिए नए और नॉन-हार्मोंनल गर्भनिरोधक विकल्प की जरूरत थी, जो एंटीबॉडीज के रूप में तैयार किया गया है।
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