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09 सितम्बर 2022, बुरहानपुर: जलगांव के वैज्ञानिकों ने सीएमवी की रोकथाम हेतु दिए सुझाव – केला अनुसंधान केन्द्र जलगांव के वैज्ञानिकों एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा बुरहानपुर जिले के ग्राम फोफनार, रायगांव, शाहपुर एवं अन्य ग्रामों में कृषकों के प्रक्षेत्र में लगी केला फसल का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिले में वर्तमान में केले की फसल में सीएमवी वायरस का संक्रमण देखा गया। वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कृषकगणों को कई सुझाव दिये गये ।
कृषकगणों को बताया गया कि खेत के आसपास एवं अंदर सफाई करें, माह जुलाई-अगस्त में केले की रोपाई करने से बचे एवं उसके स्थान पर सनई, ढेंचा की बुआई कर 40 से 45 दिन बाद इसको खेत में हरी खाद के रूप में मिलाएं । तत्पश्चात केले के पौधे रोपित किये जाएं । बरसात के दिनों में ड्रिप या रिंग विधि के माध्यम से केला फसल में उर्वरक की निर्धारित मात्रा दी जावे । नये पौधे रोपित करने पर ध्यान रखें कि 200 से 250 पौधे मेड़ पर अतिरिक्त लगाकर रखें , ताकि पौधों की गेप फाइलिंग के समय इनका उपयोग किया जा सके। कीटों के नियंत्रण हेतु ब्लू एवं यलो स्टिक ट्रेप का उपयोग करें। नवीन रोपित केला टिश्यू कल्चर के पौधों पर हाई डोज के कीटनाशक का उपयोग न करें। उसके स्थान पर नीमतेल का उपयोग करें।
किसानों को सलाह दी गई कि प्रभावित खेत में बीमारी फैलाने वाले कीट यदि ज्यादा मात्रा में दिखाई दें तो नियत्रंण हेतु इन रसायनों का छिड़काव करें – डायमेथोएट 2.5 एम.एल प्रति लीटर ,नीमतेल 50 एम.एल.- 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें या इमिडाक्लोरोपिड 6 एम.एल.एसीफेट 15 ग्राम ,स्टीकर 15 एमएल , नीमतेल 50 एमएल-15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। छिड़काव हमेशा साफ मौसम में ही करना सुनिश्चित करें।
Gulabi Jagat
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