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आकाशगंगा की उत्पत्ति की जांच करने वाले खगोल भौतिकविदों ने दावा किया है कि उन्होंने हमारी आकाशगंगा के पुराने दिल की खोज कर ली है। इसी मूल, प्राचीन नाभिक के चारों और इसके सभी सितारे और ग्रह विकसित हुए हैं। हमारी आकाशगंगा के सबसे पुराने सितारे कॉन्सटिलेशन सैगिटेरियस में स्थित हैं, जो आकाशगंगा के प्रोटोगैलेक्सी से हैं। 'गैया' अंतरिक्ष यान के नए डेटा आकाशगंगा के सबसे पुराने तारे के बारे में बताते हैं, जो 12.5 अरब साल पहले बने थे। इन्हीं के आसपास बाकी आकाशगंगा विकसित हुई थी।
जर्मनी स्थित मैक्स प्लैंक खगोल विज्ञान संस्थान के हीडलबर्ग के खगोलविद हंस वाल्टर रिक्स का दावा है, 'लंबे समय से अनुमान लगाया जाता रहा है कि पुराने सितारों की बड़ी आबादी हमारे आकाश गंगा के केंद्र में मोजूद होनी चाहिए और गैया अब दिखाती है कि वे वहां हैं।' 7 सितंबर को arXiv.org पर प्रकाशित एक शोध रिक्स और उनके सहयोगियों ने बताया है कि मिल्की वे का प्राचीन हृदय एक गोलाकार प्रोटोगैलेक्सी है, जो 18,000 से ज्यादा प्रकाशवर्ष को कवर करती है। प्रोटोगैलेक्सी एक ऐसी जगह होती है, जहां से आकाशगंगा का विकास माना जाता है।
रिसर्च से होगी वैज्ञानिकों की मदद
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री वसीली बेलोकुरोव जो इस रिसर्च में शामिल नहीं थे, ने बताया, 'यह अध्ययन वास्तव में आकाशगंगा के शुरुआती चरण के बारे में हमारी समझ को मजबूत करने में मदद करता है।' उनका दावा है कि आकाशगंगा की शुरुआत के बारे में बहुत कम समझ है। जबकि नया अध्ययन संपूर्ण संरचाना के बारे में बड़ी समझ प्रदान करता है। वे आगे बताते हैं कि पहले भी इन सितारों की झलक देखी गई है।
ऐसे खोजा सबसे पुराना दिल
गैया सैटेलाइट को 2013 में मिल्की वे गैलेक्सी की मैपिंग के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था। इसका उपयोग रिक्स और उनकी टीम ने किया था। सैगिटेरियस कॉन्सटिलेशन में शोधकर्ताओं ने धातु से हाइड्रोजन अनुपात वाले लगभग 20 लाख सितारों को देखा। तारों की गति की जांच करने के बाद खगोलविदों ने केवल उन तारों को रखा जो आकाशगंगा की डिस्क के आस-पास कम धातु वाले सितारों के प्रभावमंडल में नहीं घूमते। अंतिम परिणाम में खगोलविदों ने 18,000 पुराने सितारों का एक नमूना बनाया है, जो आकाशगंगा के पहले नाभिक का प्रतिनिधित्व करता है।