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ऐस्ट्रोनॉमर्स ने धरती के सबसे करीब एक ब्लैक होल को खोजा है
वॉशिंगटन: ऐस्ट्रोनॉमर्स ने धरती के सबसे करीब एक ब्लैक होल को खोजा है। यह छोटा सा ब्लैक होल धरती से सिर्फ 1,500 प्रकाशवर्ष दूर है और इसे Unicorn नाम दिया गया है। यह ब्लैक होल Monoceros तारामंडल में स्थित है और इसका द्रव्यमान (mass) हमारे सूरज से सिर्फ तीन गुना ज्यादा है। खोज करने वाली टीम के लीडर थरिंडू जयसिंघे का कहना है कि यह काफी अनोखा है और इसलिए इसका नाम यूनिकॉर्न रख दिया गया।
रोशनी में दिखा अंतर
ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में ऐस्ट्रोनॉमी के पीएचडी स्टूडेंट जयसिंघे ने बताया कि इस ब्लैक होल का एक साथी है जो एक लाल विशाल सितारा है। इस सितारे का जीवन खत्म हो रहा है। इस सितारे को अलग-अलग उपकरण की मदद से ऑब्जर्व किया गया है। इस डेटासेट का अनैलेसिस करने पर टीम ने पाया कि सितारे की रोशनी में अंतर देखा जा सकता है।
इससे अंदाजा लगाया गया कि कोई ऑब्जेक्ट इसके आकार को बदल रहा है। सितारे की गति और रोशनी में अंतर के आधार पर टीम इस नतीजे पर पहुंची कि यह ऑब्जेक्ट एक ब्लैक होल है।
लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक यह अब तक दो Quasars का सबसे पुराना ऑब्जर्वेशन है। अब तक 100 से ज्यादा Double quasar खोजे गए हैं लेकिन इससे पुराना नहीं। दिलचस्प बात यह है कि इसी रिसर्च में 10 अरब साल पुराने एक और Double Quasar के डिटेक्शन की बात कही गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉई के लीड रिसर्चर यू शेन ने बताया है कि ब्रह्मांड में हर 1000 Quasar पर एक Double Quasar का अनुमान लगाया गया है। इसलिए इस जोड़े का मिलना रेत में सुई मिलने जैसा है।
इस खोज के लिए वैज्ञानिकों ने दूर ब्रह्मांड में ही फोकस किया। माना जाता है कि करीब 10 अरब साल पहले सितारे तेजी से बनते थे। तब ऑब्जेक्ट्स मे विलय भी ज्यादा होते थे। ऐसे विलय से निकलने वाला मैटर गैलेक्सी के केंद्र में बैठे ब्लैक होल में जाता था। इस मैटर को खाते हुए ब्लैक होल्स से रेडिएशन निकलता था और ये Quasar बनते थे। इनकी चमक गैलेक्सीज से भी ज्यादा तेज होती है और ये कई दिन, हफ्ते या महीनों तक टिमटिमाते रह सकते हैं। Gaia स्पेस ऑब्जर्वेटरी और स्लोआन डिजिटल स्काई सर्वे की मदद से रिसर्चर्स ने दूर ब्रह्मांड में ऐसे Quasars को टार्गेट किया और Hubble Telescope की मदद से जूम किया।
जहां से रोशनी आ रही थी, उनमें से दो Double Quasar निकले और ये दोनों टक्कर की ओर बढ़ते मिले। रिसर्चर्स के मुताबिक टकराते Quasars की मदद से उन्हें गैलेक्सी बनने और खत्म होने के बारे में जानकारी मिल सकती है। Quasars के बढ़ने से निकलने वाले रेडिएशन से तेज हवाएं पैदा होती हैं जो ऐसी गैस को उड़ा ले जाती हैं जिनसे सितारे बनते हैं। इससे गैलेक्सी में सितारे बनना बंद हो जाता है और वहां से गैलेक्सी अपने खात्मे की ओर बढ़ने लगती है, जहां सभी सितारे मर चुके हैं।
कैसे पता चला?
स्टडी के सह-रिसर्चर टॉड थॉम्पसन ने बताया कि जिस तरह चांद के गुरुत्वाकर्षण से धरती पर हाई-टाइड आती हैं, वैसे ही यह ब्लैक होल सितारे पर असर डाल रहा है। हालांकि, यह एक अनुमान है और यह ब्लैक होल की है, इसकी पुष्टि की जानी है। ऐसे कम द्रव्यमान वाले बहुत कम ब्लैक होल खोजे गए हैं क्योंकि इन्हें खोजना बहुत मुश्किल होता है। ब्लैक होल में गई रोशनी तक वापस नहीं आ पाती है। ये आसपास के ऑब्जेक्ट्स पर जो असर डालते हैं, उस आधार पर इनका पता लगाया जाता है।
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