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अमेरिका में सैन डिएगो प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के जीवाश्म वैज्ञानिकों ने एक प्रचीन कुत्ते के जीवाश्म की खोज की है
वॉशिंगटन: अमेरिका में सैन डिएगो प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय के जीवाश्म वैज्ञानिकों ने एक प्रचीन कुत्ते के जीवाश्म की खोज की है। माना जा रहा है कि ये जीवाश्म 2.4 से 2.8 करोड़ साल पुराना हो सकता है। आज से 14,000 साल पहले इंसानों ने पहली बार उत्तरी अमेरिका के बेरिंग जलडमरू को पालतू कुत्तों के साथ पार किया था। पालतू कुत्तों के आने से पहले यहां कुत्तों की ही तरह दिखने वाली शिकारी प्रजातियां थीं।
इन्हीं विलुप्त प्रजातियों में से एक का दुर्लभ जीवाश्म मिला है। जीवाश्म वैज्ञानिक इसे एक बेहतर खोज मान रहे हैं क्योंकि यह लगभग एक पूर्ण कंकाल है। ये जीवाश्म आर्कियोक्योन जानवर के समूहों का है, जिसका मतलब 'प्राचीन कुत्ता' होता है। सैन डिएगो काउंटी में ओटे रेंच क्षेत्र में एक निर्माण परियोजना के दौरान ये कंकाल एक सैंड स्टोन और मडस्टोन के दों टुकड़ों के बीच मिले थे।
इन सवालों के मिल सकेंगे जवाब
इन कुत्तों के जीवाश्म सैन डिएगो संग्रहालय के वैज्ञानिकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। क्योंकि म्यूजियम में अब तक मौजूद आर्कियोक्योन जीवाश्म पर्याप्त नहीं थे। लेकिन अब इस खोज के जरिए प्राचीन कुत्तों जुड़े कई सवालों के जवाब जाने जा सकते हैं। जैसे क्या वे आज के कुत्तों की तरह अपने पैर की उंगलियों पर चलते थे? क्या वे सिर्फ जमीन पर रहते थे या पेड़ों पर रहते थे? वे किस तरह का भोजन करते थे और किस तरह के जानवर उनका शिकार करते थे? क्या वे पहले के कुत्तों की प्रजातियों से जुड़े हैं या पूरी तरह अनदेखी प्रजाति है?
क्या महत्व है इस खोज का
इस खोज में जीवाश्म को पत्थरों से निकालने वाली एमेंडा लिन ने कहा कि ये उसी तरह है जैसे हमें एक पेड़ की शाखा मिले। लेकिन वह किस तरह का पेड़ है, ये जानने के लिए हमें कई और शाखाओं की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने कहा, 'जब भी में एक नई हड्डी को बाहर निकाल पाती, तब-तब तस्वीर और साफ होती रहती।'
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