विज्ञान

वैज्ञानिकों को चीन में मिला 24 करोड़ साल पुराने मछली का जीवाश्म, और एशिया 'प्राचीन खजाना'

Rani Sahu
28 Oct 2021 4:00 PM GMT
वैज्ञानिकों को चीन में मिला  24 करोड़ साल पुराने मछली का जीवाश्म, और एशिया प्राचीन खजाना
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वैज्ञानिकों ने चीन में बोनी ट्राइसिक मछली के जीवाश्मों की खोज की है

वैज्ञानिकों ने चीन में बोनी ट्राइसिक मछली के जीवाश्मों की खोज की है। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत में जीनस पेल्टोपेरलीडस की एक नई प्रजाति के 244 मिलियन साल पुराने जीवाश्मों की खोज हुई है। कहा जा रहा है कि बोनी फिश की प्रजाति एशिया में पहली बार पाई गई है क्योंकि इससे पहले इन्हें इटली और स्विट्जरलैंड में खोजा गया था।

तीनों जीवाश्मों का विश्लेषण करने वाले शोधकर्ताओं ने कहा कि मछली की प्रत्येक प्रजाति के छोटे और नुकीले दांत थे। रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि इस खोज से साबित होता है कि पेल्टोपेरलीडस पहले की तुलना में करीब दो मिलियन साल ज्यादा जीवित रहे। पेइचिंग में चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ वर्टेब्रेट पेलियोन्टोलॉजी एंड पैलियोएंथ्रोपोलॉजी की शोध टीम ने जीवाश्म की खोज की।
यूरोप के बाहर मिले पहले जीवाश्म
जीवाश्म विज्ञान के शोधकर्ता यू मिन ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि चीन में खोजे गए जीवाश्म पहले सिर्फ यूरोप में ही खोजे गए थे। इससे पहले ब्रिटेन में जीवाश्‍म विज्ञानियों को अचानक से एक ऐसी विशाल मछली का जीवाश्‍म मिला था जो आज से करीब 6 करोड़ 60 लाख साल पहले डायनासोर के खात्‍मे के काल में भी बच गई थी। इस जीवाश्‍म की पहचान ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के जीवाश्‍म विज्ञानियों ने की थी। विशेषज्ञों का अनुमान था कि यह विशालयकाय मछली ग्रेट वाइट शार्क के बराबर थी।
ब्रिटेन में मिले थे विशालकाय जीवाश्म
प्राचीन काल में पाई जाने वाली यह मछली अपनी तरह की सबसे विशाल मछली थी जो अचानक से जीवाश्‍म विज्ञानियों के हाथ लग गई। वैज्ञानिकों को मिली यह मछली coelacanths प्रजाति का हिस्‍सा थी। इस जीवाश्‍म की खोज करने वाले प्रफेसर मार्टिल ने कहा था कि मेरा अनुमान है कि यह मछली बहुत विशाल थी। वैज्ञानिकों ने बताया कि धरती पर डायनासोर के खात्‍मे के बाद भी मछली की यह प्रजाति जिंदा रही और समुद्र में विचरण करती रही।


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