विज्ञान

ऐस्टरॉइड की पूंछ पर वैज्ञानिकों की नजर, धरती के लिए बड़ा खतरा

Subhi
9 Oct 2022 5:17 AM GMT
ऐस्टरॉइड की पूंछ पर वैज्ञानिकों की नजर, धरती के लिए बड़ा खतरा
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने पिछले हफ्ते जानबूझकर अपने एक स्पेसक्राफ्ट की एक ऐस्टरॉइड से टक्कर करवाई। यह टक्कर नासा के 330 मिलियन डॉलर के DART मिशन का हिस्सा थी जिस पर पृथ्वी का सुरक्षित भविष्य निर्भर था। अंतरिक्षयान और ऐस्टरॉइड की टक्कर ने स्पेस में मलबे की एक लंबी रेखा बना दी है।

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने पिछले हफ्ते जानबूझकर अपने एक स्पेसक्राफ्ट की एक ऐस्टरॉइड से टक्कर करवाई। यह टक्कर नासा के 330 मिलियन डॉलर के DART मिशन का हिस्सा थी जिस पर पृथ्वी का सुरक्षित भविष्य निर्भर था। अंतरिक्षयान और ऐस्टरॉइड की टक्कर ने स्पेस में मलबे की एक लंबी रेखा बना दी है। मलबे की इस पगडंडी की लंबाई करीब 9600 किमी से अधिक है। 26 सितंबर को डार्ट और ऐस्टरॉइड की टक्कर हुई थी जिसकी एक तस्वीर सोमवार को जारी की गई। इसमें देखा जा सकता है कि टक्कर के बाद ऐस्टरॉइड की सतह से उड़ने वाली धूल और मलबे ने एक कॉमेट जैसी 'पूंछ' का निर्माण किया है। खबरों की मानें तो खगोलविद टेडी करेटा ने 4.1 मीटर लंबे साउदर्न एस्ट्रोफिजिकल रिसर्च टेलिस्कोप का इस्तेमाल क्रैश के ठीक दो दिन बाद यह तस्वीर कैप्चर की।

खगोलविदों ने अनुमान लगाया कि यह पूंछ करीब 10 हजार किमी लंबी है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि डिमोर्फोस करीब 525 फीट चौड़ा था। एक न्यूज रिलीज में करेटा ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि हम प्रभाव के बाद के दिनों में इस स्पष्ट रूप से देखने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि अब डार्ट टीम के काम का अगला चरण शुरू होता है जिसमें वह हमारी टीम और दुनियाभर के बाकी ऑब्जर्वर्स के डेटा और ऑब्जर्वेशन का विश्लेषण करेंगे। टीम की योजना SOAR का इस्तेमाल करके आने वाले हफ्तों और महीनों में मलबे की पूंछ पर नजर बनाए रखने की है। SOAR टीम ने कहा कि ये ऑब्जर्वेशन डिमोर्फोस ऐस्टरॉइड की सतह के बारे में कई जानकारियां प्रदान करती हैं, टक्कर से कितना मलबा बाहर निकला, यह कितनी तेजी से बाहर निकला और मलबे के टुकड़े कितने बड़े थे।

न्यूज रिलीज में कहा गया कि इस जानकारी का विश्लेषण वैज्ञानिकों को पृथ्वी की रक्षा करने में मदद कर सकता है। DART वैज्ञानिकों का पहला प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट था जिसके तहत एक स्पेसक्राफ्ट की टक्कर से एक ऐस्टरॉइड की कक्षा को बदलने का प्रयास किया गया। इस टक्कर को नासा ने लाइव स्ट्रीम किया और अंतरिक्ष यान पर लगे कैमरे के टूटने तक सभी ने डार्ट के अंतिम पलों को देखा। लगभग 10 महीने की लंबी यात्रा के बाद एक छोटे ऐस्टरॉइड तक पहुंचे इस मिशन की टक्कर को सफल माना जा रहा है। हालांकि यह मिशन सफल हुआ है या नहीं, इसका निर्धारण होना अभी बाकी है। इस मिशन का उद्देश्य भविष्य में धरती को विशालकाय ऐस्टरॉइड की संभावित तबाही से बचाना है। ठीक वैसी तबाही जिसमें डायनासोर धरती से गायब हो गए थे।

ऐस्टरॉइड से टकराते समय इस अंतरिक्षयान की रफ्तार 24 हजार किमी प्रति घंटा थी। धरती से 11 मिलियन किमी की दूरी पर यह टक्कर ठीक वैसी ही हुई जैसा वैज्ञानिकों ने सोचा था। डिमोर्फोस से टकराकर नष्ट हुए स्पेसक्राफ्ट की कीमत 330 मिलियन डॉलर यानी 26,812,619,790 रुपए थी। डार्ट मिशन की सफलता के निर्धारण में काफी समय लगेगा। चार साल बाद यूरोपियन स्पेस एजेंसी के तीन स्पेसक्राफ्ट डिडिमोस और डिमोर्फोस तक फॉलो-अप स्टडी के लिए जाएंगे। इस मिशन को हेरा (Hera) मिशन के कहा जाएगा।

इस मिशन पर खर्च अरबों रुपए ऐस्टरॉइड के खतरे की गंभीरता को दिखाते हैं। भले डार्ट मिशन जिसे क्षुद्रग्रह से टकराया उसका आकार छोटा हो लेकिन बड़े ऐस्टरॉइड पृथ्वी पर किस स्तर की तबाही ला सकते हैं इसकी तस्दीक दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बने क्रेटर करते हैं। पृथ्वी को सबसे ज्यादा खतरा 10,000 मीटर चौड़े ऐस्टरॉइड से होता है जिनके पृथ्वी से टकराने की संभावना 100 से 200 मिलियन साल में एक बार होती है। पृथ्वी के निकट ऐसे 4 ऐस्टरॉइड मौजूद हैं।


क्रेडिट ; navbharattimes

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