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वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में भयानक रूप से गर्म एक ग्रह की खोज की है। यह ग्रह आकार में पृथ्वी के बराबर है। इसकी सतह का तापमान इतना ज्यादा है कि मानव पैर रखते ही जलकर राख हो जाएगा। अपने तारे के इक्वेटर के पास चक्कर लगाने के कारण इस ग्रह का तापमान काफी ज्यादा है। हाल में ही प्रकाशित रिसर्च पेपर के अनुसार, यह ग्रह गर्म लावा क एक महासागर से ढका हुआ है। इसकी सतह का तापमान 2000 डिग्री सेल्सियस है। वैज्ञानिकों ने इस ग्रह को जॉनसेन नाम दिया है। यह हमारे सौर मंडल के बाहर पाए जाने वाले सबसे विचित्र ग्रहों में से एक है।
नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन में वैज्ञानिकों का दावा है कि यह ग्रह कार्बन की प्रचुरता के कारण अमूल्य रत्नों से भी भरा हो सकता है। उन्होंने बताया कि कार्बन तीव्र दबाव में आकर हीरा में बदल जाते हैं। ऐसे में उन्होंने इसे डायमंड प्लेनेट का नाम भी दिया है। इस ग्रह के बारे में जानकारी इसके तारे कोपरनिकस की अत्याधिक सटीकता से किए गए ऑब्जरवेशन से मिली है। इसके लिए वैज्ञानिकों ने कई तरह के स्पेस एक्सप्लोरेशन इक्विपमेंट्स का इस्तेमाल किया, जो प्रकाश की तीव्रता को काफी सटीकता के साथ मापते हैं।
फ्लैटिरॉन इंस्टीट्यूट के सेंटर फॉर कम्प्यूटेशनल एस्ट्रोफिजिक्स (सीसीए) की शोधकर्ता और इस अध्ययन की प्रमुख लेखक लिली झाओ ने कहा कि हमने इस बार में सीखा है कि कैसे एक खास क्षेत्र में यह मल्टी प्लेनेट सिस्टम इस स्थिति में आया। उन्होंने बताया कि खोजे गए अन्य ग्रहों के कक्षीय पैटर्न इतने भिन्न हैं कि वे कभी भी पृथ्वी के पास से नहीं गुजरते। जैसे ही जानसेन पृथ्वी और तारे के बीच से गुजरा, प्रकाश का माप थोड़ा बदल गया। यह ठीक वैसा ही था जैसा कि अगर हमारा चंद्रमा सूर्य ग्रहण के दौरान उसके सामने आकर प्रकाश को रोक लेता है।
इसका मतलब यह है कि जॉनसेन ग्रह कोपरनिकस से दूर एक ठंडी कक्षा में पैदा हुआ होगा और समय के साथ धीरे-धीरे नजदीक आता गया। जैसे-जैसे वह करीब आया, खिंचाव के कारण उसका रास्ता बदल गया। डॉक्टर झाओ के अनुसार, यह ग्रह इतना गर्म है कि हम जिस भी चीज के बारे में जानते हैं, उनमें से कोई भी इसकी सतह पर जीवित नहीं रह पाएगी।